Overview: 24 या 25 जुलाई कब है हरियाली अमावस्या
24 जुलाई 2025 को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन शिव पूजन, पितृ तर्पण, वृक्षारोपण और शुभ योगों में पूजा का विशेष महत्व होता है।
Sawan Hariyali Amavasya 2025: सावन महीने में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को ‘हरियाली अमावस्या’ के नाम से जाना जाता है। शिव पूजन के साथ ही सावन अमावस्या या हरियाली अमावस्या का दिन तिथि पितरों के श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण आदि के लिए उत्तम माना जाता है। साथ ही पूजा, स्नान, दान और व्रत के लिए भी सावन अमावस्या का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दिन लोग नवग्रह शांति के लिए भी पूजा करते हैं। हरियाली अमावस्या सावन शिवरात्रि के दिन दो दिन बाद होती है। इस साल सावन शिवरात्रि 23 जुलाई को है। लेकिन हरियाली अमावस्या की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कुछ जानकारों के मुताबिक हरियाली अमावस्या 24 जुलाई तो वहीं कुछ के अनुसार 25 जुलाई बताई जा रही है। आइए जानते हैं आखिर हरियाली अमावस्या कब रहेगी।
24 या 25 जुलाई हरियाली अमावस्या कब है?

सावन अमावस्या तिथि की शुरुआत 24 जुलाई तड़के सुबह 02:29 से हो रही है और 24 जुलाई को देर रात 12:40 (25 जुलाई की रात) पर समाप्त हो जाएगी। 24 जुलाई को उदयातिथि और पूरे दिन अमावस्या तिथि रहेगी। इसलिए गुरुवार 24 जुलाई 2025 को ही हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। इसी के साथ इस साल हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, हर्षण योग जैसे मंगलकारी योगों का निर्माण भी हो रहा है, जिससे की इस तिथि की धार्मिक महत्ता और अधिक बढ़ जाएगी।
सावन की अमावस्या को कहलाती है हरियाली ‘अमावस्या’

सावन महीने की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहे जाने का कारण यह है कि इस पावन माह में वर्षा ऋतु का समय होता है और चारों ओर हरियाली ही हरियाली होती है। मौसम भी काफी सुहाना और सुखदायी होता है। पानी की बूंदें और ठंडी हवाओं के कारण पेड़ों में अलग ही चमक देखने को मिलती है। हरे-भरे वातावरण के कारण ही इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहते हैं। हरियाली अमावस्या पर पूजा-पाठ के साथ ही गुणकारी और धार्मिक पौधे जैसे-नीम, तुलसी, आंवला, बरगद, पीपल जैसे पौधे लगाने का भी महत्व है।
हरियाली अमावस्या 2025 पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

सुबह 10 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। इसी के साथ अभिजीत मुहूर्त में पूजा के लिए दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक का समय रहेगा।
हरियाली अमावस्या पूजा विधि

हरियाली अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि के बाद साफ कपड़े पहन लें। पूजा के लिए हाथ में जल, अक्षत और फूल लेकर व्रत का संकल्प लें। शिवलिंग पर जल अर्पित करें और फिर चंदन लगाएं। बेलपत्र, फूल, धतूरा आदि अर्पित कर शुद्ध घी का दीपक जलाएं। पूजा के दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप निरंतर करते रहें। पूजा के बाद आखिरी में शिव जी आरती करें। इस विधि से पूजा करने पर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन पितरों की शांति के लिए स्नान के बाद तर्पण, श्राद्ध या पिंडदान भी करना चाहिए, दान करना चाहिए और शाम के समय पीपल वृक्ष के नीचे दीप जलाना चाहिए।
