Shivling Puja Ke Niyam
Shivling Puja Ke Niyam

Shivling Puja Rule: सनातन धर्म में भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है, ऐसे देव जो केवल एक कलश जल से प्रसन्न हो जाते हैं। शिव की पूजा का प्रमुख माध्यम है शिवलिंग, जिसे ब्रह्मांड की उत्पत्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग में स्वयं भगवान शिव का वास होता है। इसलिए जब भी शिवलिंग की पूजा की जाए, विशेष रूप से सोमवार के दिन, तो कुछ बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होता है। इस दिन शिव को प्रसन्न करने से न केवल जीवन में सुख-समृद्धि आती है, बल्कि विवाह में आ रही अड़चनों से भी छुटकारा मिलता है।

सोमवार को शिवलिंग पर क्या चढ़ाना शुभ होता है?

भगवान शिव की पूजा की शुरुआत गंगाजल या स्वच्छ जल से अभिषेक करने से होती है। इसे तांबे के कलश से चढ़ाना सर्वोत्तम माना गया है। जल चढ़ाते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करते रहना चाहिए। इससे मन एकाग्र होता है और भक्ति भाव जागृत होता है।

इसके बाद दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से पंचामृत तैयार करके शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मानसिक शांति मिलती है। साथ ही, बेलपत्र, जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, अवश्य चढ़ाएं। बेलपत्र तीन पत्तियों वाला होना चाहिए और उसे उल्टा न रखें। साथ ही, धतूरा और भांग भी शिव को प्रिय माने जाते हैं, जिन्हें सावधानीपूर्वक चढ़ाना चाहिए।

इन चीजों को चढ़ाने के दौरान भगवान शिव का स्मरण करते हुए यह प्रार्थना करें कि वे जीवन की सभी बाधाओं को दूर करें और सुख-शांति का मार्ग प्रशस्त करें।

किन चीजों को शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए?

शिव पूजा जितनी सरल है, उतनी ही नियमबद्ध भी है। कई चीजें ऐसी हैं जिन्हें शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित माना गया है, क्योंकि इससे भगवान शिव नाराज हो सकते हैं और पूजा का फल उल्टा हो सकता है।

तुलसी के पत्ते: तुलसी देवी को भगवान विष्णु की पत्नी माना जाता है, और शिवलिंग पर उन्हें चढ़ाना वर्जित है।

हल्दी और सिंदूर: ये सुहाग की प्रतीक हैं, जबकि भगवान शिव एक वैरागी योगी हैं। अतः ये चीजें शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए।

शंख का जल: कुछ लोग शंख से जल अर्पित करते हैं, लेकिन शिव पूजा में इसका प्रयोग वर्जित है।

नींबू या अन्य खट्टी चीजें: ये भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाई जानी चाहिए।

पूजा के दौरान रखें ये सावधानियां

शिवलिंग की पूजा करते समय मानसिक और शारीरिक पवित्रता का विशेष ध्यान रखें। कुछ अहम नियम इस प्रकार हैं:

पूजा करते समय क्रोध, द्वेष या अपशब्द से दूर रहें।

सोमवार के दिन मांसाहारी भोजन या तामसिक चीजें जैसे प्याज-लहसुन से परहेज़ करें।

पूजा करते समय काले रंग के कपड़े न पहनें क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।

महिलाओं का अपमान न करें और यदि वे मासिक धर्म में हैं तो पूजा से दूर रहें।

शिवलिंग की परिक्रमा पूर्ण नहीं की जाती, केवल अर्द्ध परिक्रमा करें।

पूजा करते समय मुख दक्षिण की ओर न करें, यह दिशा मृत्यु की दिशा मानी जाती है। उत्तर या पूर्व की ओर मुख करना शुभ माना गया है।

महामृत्युंजय मंत्र: जीवन रक्षा का अमोघ उपाय

शिवलिंग की पूजा के दौरान यदि आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं, तो यह विशेष रूप से फलदायक होता है। यह मंत्र रोग, बाधा, मृत्यु और भय से रक्षा करता है:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

मैं आयुषी जैन हूं, एक अनुभवी कंटेंट राइटर, जिसने बीते 6 वर्षों में मीडिया इंडस्ट्री के हर पहलू को करीब से जाना और लिखा है। मैंने एम.ए. इन एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स में मास्टर्स किया है, और तभी से मेरी कलम ने वेब स्टोरीज़, ब्रांड...