It has been our religious tradition to offer food to God, but if this food is offered according to God's choice, then its fruit is many times more
Prasad for Lord Shiva

Prasad for Lord Shiva: भगवान को भोग लगाना हमारी धार्मिक परंपरा रही है लेकिन यही भोग अगर भगवान कि पसंद का लगाया जाए तो उसका फल कई गुना ज्यादा मिलता है। कोई भी धार्मिक अनुष्ठान हो हमारे देवी देवताओं को बिना प्रसाद चढ़ाए वो पूजा अधूरी मानी जाती है। भोजन का पहला हिस्सा भगवान को अर्पित करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं टल जाती है और साथ ही घर में सदा के लिए माता अन्नपूर्णा का वास हो जाता है। कहते हैं किसी भी भोजन का भोग भगवान को लगाने से वह प्रसाद बन जता है और यह प्रसाद भोजन का सबसे पवित्र रूप माना जाता है। ऐसा मानना है की स्वादिष्ट व्यंजनों के मुकाबले साधारण प्रसाद कई गुना स्वादिष्ट होता है।

हम गणेश जी को चढ़ाया हुआ साधारण सा लडडू जब प्रसाद का रूप लेता है तो उसका स्वाद कई ज़्यादा बढ़ जाता है। जिस प्रकार हम मनुष्यों की पसंद खाने के मामले में अलग अलग होती है। ठीक उसी प्रकार हमारे देवी देवताओं की पसंद भी अलग होती है इसलिए हम किसी भी भगवान की पूजा करें तो उनकी पसंद हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है। ऐसी मान्यता है कि हमारे देवी देवताओं को पंचामृत बहुत ही प्रिय होता है इसलिए इसे भगवान को अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। पंचामृत का अर्थ होता है पांच अमृत जो कच्चा दूध, उबला हुआ दूध, दही, शक्कर और तुलसी के पत्ते को डालकर बनता है।

हम सब जानते हैं कि भोजन का एक हिस्सा भगवान को अर्पित किया जाता है, जिसे हम प्रसाद कहतें है फिर उस हिस्से को बाकी के भोजन में मिलाने से सारा का सारा भोजन शुद्ध और पवित्र हो जाता है। माना जाता है कि यह प्रसाद जितने ज़्यादा लोगों में वितरित किया जाता है, उतना ही अच्छा होता है यानी इससे भगवान खुश होते है और उपासक पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। शिव संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है कल्याणकारी या शुभकारी। यजुर्वेद में शिव को शांतिदाता बताया गया है। शि का अर्थ है, पापों का नाश करने वाला जबकि व का अर्थ देने वाला यानी दाता।

साल के अलग.अलग महीनों में भगवान से जुड़े कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं, जिनमें भोले बाबा को उनका पसंदीदा भोग लगाया जाता है। भगवान शिव को भांग और पंचामृत का नैवेद्य पसंद होता है। इसके अलावा उन्हें रेवड़ी, चिरौंजी और मिश्री भी चढ़ाई जाती है। सावन के महीने में भोले बाबा का व्रत रखकर उन्हें गुड़ चना और चिरौंजी का भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

शिव पूजन में चढ़ने वाली चीजें

It has been our religious tradition to offer food to God, but if this food is offered according to God's choice, then its fruit is many times more
Prasad for Lord Shiva

जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, ईत्र, चंदन, केसर, भांग। इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर या एक.एक चीज शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि इन चीजों से शिवलिंग को स्नान कराने पर सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

10 चीजें और उनसे मिलने वाले फल

  • मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हमारा स्वभाव शांत होता है, आचरण स्नेहमय होता है।
  • शहद चढ़ाने से हमारी वाणी में मिठास आती है।
  • दूध अर्पित करने से उत्तम स्वास्थ्य मिलता हैं। शिव.शंकर को दूध अर्पित करने से स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है और बीमारियां दूर होती हैं।
  • दही चढ़ाने से हमारा स्वभाव गंभीर होता है।
  • शिवलिंग पर घी अर्पित करने से हमारी शक्ति बढ़ती है।
  • ईत्र से स्नान करवाने से विचार पवित्र होते हैं। शिवलिंग पर इत्र लगाने से विचार पवित्र और शुद्ध होते हैं। इससे हम जीवन में गलत कामों के रास्ते पर जाने से बचते हैं।
  • शिवजी को चंदन चढ़ाने से हमारा व्यक्तित्व आकर्षक होता है। समाज में मान.सम्मान प्राप्त होता है। शिवजी को चंदन चढ़ाने से हमारा व्यक्तित्व आकर्षक होता है। इससे हमें समाज में मान.सम्मान और यश मिलता है।
  • केशर अर्पित करने से हमें सौम्यता प्राप्त होती है।
  • भांग चढ़ाने से हमारे विकार और बुराइयां दूर होती हैं। औघड़.अविनाशी शिव को भांग चढ़ाने से हमारी कमियां और बुराइयां दूर होती हैं।
  • शकर चढ़ाने से सुख और समृद्धि बढ़ती है। महादेव का शक्कर से अभिषेक करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है। ऐसा करने से मनुष्य के जीवन से दरिद्रता चली जाती है।

साथ ही सभी प्रकार के मौसमी फल भी महादेव को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जा सकता है।

शिव जी को पंचामृत भी बहुत पसंद आता है इसलिए इनकी पूजा में पंचामृत चढ़ाना न भूलें। शंकर जी को साधारण रूप से ही प्रसन्न किया जा सकता है, शायद इसलिए इन्हें भोलेनाथ कहते हैं।

शिव पूजन की सामान्य विधि

It has been our religious tradition to offer food to God, but if this food is offered according to God's choice, then its fruit is many times more
Prasad for Lord Shiva

जिस दिन शिव पूजन करना चाहते हैं, उस दिन सुबह स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र हो जाएं। इसके बाद घर के मंदिर में ही या किसी शिव मंदिर जाएं। मंदिर पहुंचकर भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर चंदन, चावल, बिल्वपत्र, आंकड़े के फूल और धतूरा चढ़ाएं।

काले तिल 

यदि बेलपत्र और फूल न हों तो आप भोलेशंकर को काले तिल भी चढ़ा सकते हैं। मान्यता है जो जातक भोलेनाथ को काले तिल चढ़ाते हैं। उनके जीवन से सभी प्रकार के क्लेश समाप्त हो जाते हैं। मानसिक और शारीरिक तौर पर भी स्वस्थ रहते हैं। अचानक आने वाली तकलीफों से भी राहत मिलती है।

अरहर दाल

भोलेनाथ को अरहर दाल के पत्ते और अरहर की दाल चढ़ाना अत्यंत शुभ होता है। जो भी जातक शिवजी को नियमित रूप से अरहर दाल के पत्ते या फिर अरहर की दाल चढ़ाते हैं उनके जीवन में धन.ऐश्वर्य और सुख.समृद्धि की वृद्धि होती है। इसके अलावा दुरूखों से भी राहत मिलती है।

 गेहूं 

अगर किसी के जीवन में संतान सुख की कमी हो तो उसे भोलेनाथ को गेहूं चढ़ाने चाहिए। ऐसा करने से जातक को कुल का मान बढ़ाने वाली संतान का सुख मिलता है। इसके अलावा भोलेनाथ को जौ भी चढ़ा सकते हैं। ऐसा करने से शिवजी प्रसन्न होकर जातक के साथ ही उसके परिवार को भी सुख.समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

FAQ | क्या आप जानते हैं

क्या गर्भवती स्तनपान कराने वाली महिलाएं निकोटेक्स का सेवन कर सकती हैं? 

गर्भवती महिला पर इसका प्रभाव हल्का सा ज्यादा देखने को मिल सकता है। अगर आपको इसका सेवन करने के बाद कोई साइड इफेक्ट नजर आता है तो इसे लेना तुरंत बंद कर दें। इसके अलावा आपको इसका सेवन करने से पहले ही डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए। 

क्या स्तनपान कराने वाली महिलाएं निकोटेक्स का सेवन कर सकती हैं? 

स्तनपान करवाने वाली महिलाओं पर भी इसका प्रभाव मीडियम रहता है। हो सकता है आपको कुछ साइड इफेक्ट देखने को भी मिल जाए इसलिए ऐसा करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। 

क्या गाड़ी चलाते समय या अन्य ऐसा गंभीर और जिम्मेदार काम करते समय निकोटेक्स का सेवन किया जा सकता है? 

जी नहीं, अक्सर यह सलाह दी जाती है की इस दवाई का सेवन करने के बाद आपको ड्राइविंग जैसा जिम्मेदारी भरा काम नहीं करना चाहिए या फिर इसका सेवन करने के कुछ घंटों बाद ड्राइविंग करनी चाहिए। 

क्या निकोटेक्स का प्रभाव खाने पीने की आदतों पर पड़ सकता है? 

नहीं, निकोटेक्स एकदम स्वस्थ ऑप्शन है और इसका सेवन करने के बाद आपकी खाने पीने की आदतें बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होती हैं। 

निकोटेक्स क्या है?

निकोटेक्स एक निकोटीन गोली है, जो धीमे धीमे निकोटीन विकसित करती है, जो धुआंदार उत्पादों को छोड़ने में मदद कर सकता है।

ये भी पढ़े

जानें बजरंग बली को चढ़ाएं कौन सा प्रसाद