Different Types of Mala: धार्मिक कार्यों में प्रयुक्त होने वाली मालाओं का केवल धर्म की दृष्टि से ही महत्त्व नहीं है बल्कि इनसे कई कार्यों की सिद्धि व स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त किए जा सकते हैं।
ध्यात्म (साधना) व स्वास्थ्य की दृष्टि से निम्न माला प्रयोग में लाई जाती हैं।
रुद्राक्ष माला

शिव मंत्रों के जाप के लिए सर्वश्रेष्ठï मानी गई है। तुलसी, चंदन, स्वर्ण मुक्ता प्रवाल माला से करोड़ों गुना अधिक लाभ रुद्राक्ष माला पर जाप करने से प्राप्त होता है। महामृत्युंजय जैसा मंत्र भी इसके द्वारा सिद्ध हो जाता है।
- अकाल मृत्यु रोग (Accidental Death) को टालने की अभूतपूर्व क्षमता इसमें है। रुद्राक्ष धारी को यमराज का भय नहीं रहता।
- हृदय की शक्ति बढ़ाता है। हृदय रोग, सांस की बीमारी में लाभप्रद है।
- मन को असीम शांति प्रदान करती है।
- उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) के रोगियों के लिए वरदान है। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। इसके लिए आवश्यक है कि माला रोगी के हृदय स्थल को स्पर्श करती रहे। यह शरीर की अनावश्यक गर्मी अपने में खींचकर उसे बाहर फेंकती है।
- रुद्राक्षधारी को भूत-प्रेत आदि का भय नहीं रहता।
स्फटिक (Crystal) माला
लक्ष्मी, सरस्वती व दुर्गा जाप के लिए उत्तम है। गायत्री मंत्र के जाप के लिए सर्वोत्तम है। इसको धारण करने से मानसिक असंतुलन, शारीरिक कष्ट व आर्थिक बाधाओं के प्रतिकूल प्रभाव से बचा जा सकता है।
- विद्या प्राप्ति में सहायक है। क्रोध को नियंत्रित करती है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है अत: यह हमें स्वास्थ्य, शांति व प्रसन्नता देने वाली है।
- नकारात्मक भावनाओं (Negative energy),भूत-प्रेत, आत्माओं व नजर से बचाती है।
मूंगे की माला

हनुमान जी के जाप के लिए उपयुक्त है। स्वास्थ्य वर्धक है।
नवरत्न माला
नवग्रहों की शांति के लिए धारण की जाती है। इससे मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
माणिक माला
सूर्य के मंत्र जाप के लिए शुभ है। अर्थ सिद्ध कराती है।
वैजन्ती माला
वैष्णव भक्तों व लक्ष्मी जी के जाप में प्रयोग की जाती है।
टोपाज या पुखराज की माला
बृहस्पति के लिए अच्छी मानी जाती है। आर्थिक स्थिति व स्वास्थ्य में सुधार लाती है।
मोती माला

चन्द्रमा के मंत्र जाप के लिए उपयुक्त है। तासीर ठंडी होने के कारण गर्म स्वभाव वाले व्यक्तियों के लिए बहुत लाभदायक है।
लाल चंदन
गणेश जी व देवी साधना के लिए उपयुक्त होती है।
सफेद चंदन
इसका प्रयोग शांति पुष्टिï कर्मों में व श्री राम, विष्णु व अन्य देवताओं की उपासना में होता है।
तुलसी माला
सभी प्रकार के मंत्रों के जाप के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। यह शरीर की शुद्धता के लिए भी धारण की जाती है।
पन्ने की माला
बुध के मंत्र जाप के लिए उपयोगी है। भाग्य बढ़ाती है।
कमलगट्ïटे की माला
शत्रु नाश व लक्ष्मी की प्राप्ति से संबंधित मंत्रों के जाप के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है।
पुत्रजीवी माला

इसका प्रयोग संतान प्राप्ति हेतु की जाने वाली साधना में होता है।
हकीक (सुलेमानी) माला
भाग्य वृद्धि व सौभाग्य प्राप्ति के लिए इसका विशेष महत्त्व है। भूत-प्रेत व दुर्भाग्य का नाश करने की विशेष शक्ति इसमें होती है।
Rose Quartz Mala
हृदय में प्रेम व शांति की भावना को बढ़ाती है व तनाव, क्रोध आदि से मुक्ति दिलाती है। सुंदरता को बढ़ाती है, झुर्रियां होने से बचाती है। अंदरूनी चोट को ठीक करती है। किडनी व संचरण (circulatory System) में सहायक होती है।
Amethyst Mala
नकारात्मक ऊर्जा से बचाती है व सकारात्मक ऊर्जा से भरकर प्राण शक्ति को बढ़ाती है।
मानसिक असंतुलन को दूर करती है। सभी प्रकार के दर्दों में सहायक है। आध्यात्मिक स्तर पर अपने को उठाने के लिए
सर्वोत्तम है।
उपरत्नों की तस्वीरें व मूर्तियां
मरगज, संगसितारा, लाजवर्त इत्यादि उपरत्नों से भगवान गणेश, लक्ष्मी, हनुमान, बुद्ध, पार्श्वनाथ, कृष्ण जी इत्यादि की मूर्तियां व तस्वीरें निर्मित की जाती हैं। भगवान की आकृतियां व रत्न होने के कारण ये ग्रहों के दुष्प्रभावों को दूर करने में तो सहायक होती हैं साथ ही अपनी आकर्षक नक्काशी के कारण पूजनीय व संग्रहणीय होती हैं।
