Significance of 108 beads in japa mala

जानें जप माला के 108 दाने का रहस्य

चलिए हम आपको बताते हैं कि क्यों जप माला में 108 मनके होते हैं और 108 बार ही मंत्र जप क्यों किया जाता है।

Japa Mala Significance: क्या आपके मन में यह सवाल कभी आया है कि क्यों किसी भी मंत्र के जप के लिए 108 बार मंत्र जप की सलाह दी जाती है और क्यों जप माला में 108 मनके ही होते हैं? शायद ही आपके दिमाग में अभी तक यह प्रश्न कभी आया होगा। लेकिन अब आपके मन में इसे जानने की उत्सुकता अवश्य ही बढ़ गई होगी। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि क्यों जप माला में 108 मनके होते हैं और 108 बार ही मंत्र जप क्यों किया जाता है।

Japa Mala Significance
What is the secret of 108 beads of japa mala

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार संपूर्ण ब्रह्मांड को 12 खंडों में बांटा गया है। यह 12 खंड ही अलग-अलग राशियाँ हैं। इन 12 राशियों में ही 9 ग्रह विचरण करते हैं। इनके नाम हैं सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु। शास्त्रों के अनुसार जब राशियों की संख्या 12 में ग्रहों की संख्या 9 से गुणात्मक विश्लेषण किया जाता है तो इसकी कुल संख्या 108 प्राप्त होती है। इसलिए जप माला में 108 दाने होते हैं।

इसके अलावा पूरे ब्रह्मांड में कुल 27 नक्षत्र है। ऐसा माना जाता है कि ये 27 नक्षत्र प्रजापति दक्ष की 27 पुत्रियां हैं जिनका विवाह चंद्रमा के साथ हुआ था। यह सभी 27 नक्षत्र ब्रह्मांड में कुल 4 चरण में गोचर करते हैं और जब इन नक्षत्रों के चरणों के साथ गुणात्मक विश्लेषण किया जाता है तो कुल चरण की संख्या 108 होती हैं। इसलिए जप माला का एक-एक दाना नक्षत्र के एक-एक चरण का प्रतिनिधित्व करता है। यही कारण है कि माला में 108 दाने होते हैं।

mala
Which mala is used for japa?

जप करने के लिए कई प्रकार के मालाओं का प्रयोग किया जाता है। इनमें तुलसी, वैजयंत, रुद्राक्ष, पुत्रजीवा, अकीक, कमलगट्टे, स्फटिक, आदि की माला सबसे अच्छी मानी जाती है और इनका उपयोग तत्काल फलदाई होता है। साथ ही अलग-अलग देवी-देवताओं के लिए भी अलग-अलग तत्वों से बनी मालाओं का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे प्रभु श्रीराम के लिए तुलसी की माला को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। भगवान शिव को खुश करने के लिए रुद्राक्ष की माला पर शिव मंत्रों का जप फलदायी होता है। माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए कमलगट्टे की माला से उनके लिए मंत्रों का जप करने से लाभ मिलता है।

mala japa
How to do mala japa?
  • माला जप करते समय माला को हमेशा अपनी अनामिका उंगली और अंगूठे के सहारे से दबाकर पकड़ें और जप करने के लिए मध्यमा उंगली के सहारे से एक-एक मंत्र के साथ एक-एक दाने को हथेली के अंदर की ओर खीचें। हमेशा ध्यान रखें कि मंत्र जप के दौरान कभी भी तर्जनी उंगली से माला को स्पर्श ना करें। माला जप में तर्जनी उंगली का उपयोग निषेध होता है।
  • माला जप करते समय कभी भी अपने मन में किसी भी प्रकार का कोई नकारात्मक विचार ना लाएं और किसी का बुरा न सोचें।
  • माला जप पूर्ण होने के बाद माला के सुमेरु को मस्तक से लगाकर माला को किसी गौमुखी में रखकर पूजा स्थान या फिर किसी पवित्र स्थान पर रख दें।

ए अंकिता को मीडिया इंडस्ट्री में 9 वर्षों का अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की और खास तौर पर लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट बीट में रुचि रखती हैं। लेखन के अलावा वेब सीरीज़ देखना, घूमना, संगीत सुनना और फोटोग्राफी...