Overview: शादी दिन में करनी चाहिए या रात में
हिंदू धर्म में विवाह के लिए दिन अधिक शुभ माना जाता है, लेकिन सही मुहूर्त, तिथि और नक्षत्र मिलने पर रात में भी किया गया विवाह पावन और शुभ होता है।
Hindu Vivah Muhurat: इन दिनों शादी-विवाह का समय चल रहा है। आपने भी घर-परिवार, दोस्त या रिश्तेदारों में कई शादियां अटेंड की होंगी। हिंदू धर्म में शादियां दिन के समय भी होती हैं और रात के समय में भी। लेकिन प्रश्न यह है कि, दिन या रात इनमें से किस समय शादी करना शुभ और उचित माना गया है। यदि हिंदू धर्म में होने वाले विवाह आयोजन की बात करें तो, हिंदू धर्म में विवाह को 16 संस्कारों में सबसे पवित्र संस्कार माना गया है.
हिंदू धर्म में शादी किस समय होना शुभ रहेगा, यह पूरी तरह से मुहूर्त, तिथि, नक्षत्र और ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। हालांकि लोगों में सामान्य धारणा यह है कि दिन में होने वाली शादी अधइक शुभ मानी जाती है। लेकिन कुछ जाति और परंपराओं में रात का विवाह भी मान्य है। आइए इसे विस्तार से समझते है।
दिन में विवाह करना सबसे शुभ

प्राचीन ग्रंथों, शास्त्रों, धर्मसूत्र और कुछ पुराणों में विवाह को दिन में संपन्न करने को अधिक शुभ माना गया है। इसका कारण यह है कि, दिन का समय सूर्य देव का प्रतिनिधित्व करता है, जो प्रकाश, ऊर्जा और सत्य के प्रतीक है। सूर्य की उपस्थिति को विवाह का साक्षी माना गया है। प्रातःकाल से दोपहर तक का समय उदयमान शुभ ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। खासकर ब्राह्मण और वैदिक परंपरा में दिन में होने वाले विवाह को श्रेष्ठ बताया गया है। इसलिए, उत्तर भारत के कई समुदायों में आज भी दिन में फेरे करवाने की परंपरा प्रचलित है।
क्या रात्रि में विवाह करना शुभ है?

हालांकि आजकल रात के समय अधिक विवाह अनुष्ठान संपन्न हो रहे हैं। रात के अंधेरे में चमचमाती रोशनी में लोगों को विवाह करना अधिक भा रह है। आइए जानते हैं आखिर कैसे बढ़ा रात्रि में विवाह का चलन और क्या इस समय विवाह करना शुभ होता है या नहीं।
बता दें कि शास्त्रों में दिन के साथ ही रात के समय भी विवाह करने के लिए मुहूर्त बताए गए हैं। यदि रात्रि में शभ मुहूर्त विद्यमान हो तो यदि रात में भी विवाह करना उतना ही शुभ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, कई शुभ मुहूर्त रात्रि काल में भी पड़ते हैं, जैसे पुष्य नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र या देव-प्रबोधिनी एकादशी के बाद के मुहूर्त। ऐसे में आप रात्रि के समय भी विवाह कर सकते हैं, इसमें कोई दोष नहीं है बशर्ते ग्रह और नक्षत्र अनुकूल। यदि गहराई से देखें तो दिन या रात दोनों ही समय विवाह शास्त्रसम्मत है। केवल इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, अशुभ मुहूर्त में विवाह करने से बचना चाहिए।
विवाह मुहूर्त के लिए क्या कहते हैं शास्त्र और पुराण

- वाल्मीकि रामायण के अनुसार, राम और सीता का विवाह मिथिला में मध्यान्ह काल में संपन्न हुआ था।
- शिव-पार्वती के विवाह का वर्णन भी शिव पुराण में दिन के समय ही मिलता है।
- हालांकि आश्वलायन गृह्यसूत्र कहता है कि, विवाह दिन और रात दोनों ही समय में हो सकता है।
- मनुस्मृति और नारद पुराण के अनुसार, विवाह के लिए शुभ मुहूर्त और अनुकूल चंद्रमा की स्थिति अनिवार्य है, न कि दिन या रात।
