Summary: आगरा की गलियों से वर्ल्ड कप फाइनल तक, दीप्ति शर्मा की जज़्बे और जुनून भरी कहानी
स्पिन से रन रोकने और बल्ले से मैच जिताने वाली दीप्ति शर्मा आज भारतीय महिला क्रिकेट की सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडर हैं। आगरा की गलियों से शुरू हुआ उनका सफर अब इतिहास लिख चुका है — एक थ्रो से शुरू होकर MVP तक।
Deepti Sharma: कभी उत्तर प्रदेश की गलियों में खेलती एक साधारण लड़की रही दीप्ति शर्मा आज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सबसे स्थिर और प्रभावशाली ऑलराउंडर बन चुकी हैं। दीप्ति वो खिलाड़ी हैं जो स्पिन से रन रोकती हैं, और जरूरत पड़ने पर बल्ले से मैच जिताने का दम रखती हैं। जब भी टीम को जरूरत पड़ी, दीप्ति शर्मा ने मोर्चा संभाला है गेंदबाजी हो या बल्लेबाजी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने अपनी सटीक स्पिन से लय तोड़ी, दो विकेट झटके और अंत में 17 गेंदों पर 24 अहम रन जोड़कर भारत को फाइनल में पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया। हर मुश्किल घड़ी में भरोसे का दूसरा नाम बन चुकी हैं दीप्ति शर्मा।
एक थ्रो जिसने बदल दी ज़िंदगी
दीप्ति शर्मा का जन्म 24 अगस्त 1997 को उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में सुशीला और भगवान शर्मा के घर हुआ। वह अपने भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। उनके पिता भारतीय रेल विभाग से सेवानिवृत्त हैं और बड़ा परिवार होने के बावजूद दीप्ति के बचपन के सपने हमेशा कुछ अलग थे।
सिर्फ 9 साल की उम्र में उन्हें क्रिकेट से गहरा लगाव हो गया। हर दिन वह अपने पिता से कहतीं, पापा, भैया से कहो मुझे भी ग्राउंड ले चलें। उनके भाई सुमित शर्मा, जो उत्तर प्रदेश के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ रहे हैं, शुरू में उनके पहले कोच बने।
एक दिन जब सुमित अपने साथियों के साथ आगरा के एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में नेट प्रैक्टिस कर रहे थे, तो दीप्ति को मैदान से बाहर गई गेंद उठाकर फेंकने को कहा गया। दीप्ति ने वह गेंद 50 मीटर की दूरी से सीधे स्टंप्स पर मार दी।
वहीं मौजूद भारत की राष्ट्रीय महिला टीम की चयनकर्ता हेमलता काला ने उस एक थ्रो में दीप्ति की प्रतिभा पहचान ली और उसी पल से शुरू हुआ एक ऐसा सफर, जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।
18 की उम्र में छह विकेट, 188 रन की रिकॉर्ड पारी
24 अगस्त 1997 को जन्मी दीप्ति ने महज़ 18 साल की उम्र में 2014 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपना ODI डेब्यू किया और 2016 में श्रीलंका के खिलाफ 6 विकेट लेकर इतिहास रचा। वे इतनी कम उम्र में ODI में छह विकेट लेने वाली भारत की सबसे युवा गेंदबाज बनीं।
2017 में उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ 188 रनों की विस्फोटक पारी खेली और पुनम राउत के साथ 320 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप कर विश्व रिकॉर्ड बना दिया। उसी साल उन्होंने भारत को महिला वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई, टूर्नामेंट में 216 रन बनाए और 12 विकेट झटके।
WPL की पहली भारतीय हैट्रिक और MVP का खिताब
घरेलू क्रिकेट में दीप्ति ने उत्तर प्रदेश और फिर बंगाल की ओर से शानदार प्रदर्शन किया। 2018-19 के सीजन में दो शतक और एक अर्धशतक लगाकर शीर्ष रन स्कोरर रहीं। 2019 में उन्होंने इंग्लैंड की Kia Super League में वेस्टर्न स्ट्रोम के लिए खेलते हुए चैंपियन टीम का हिस्सा बनीं। इसके बाद WBBL (सिडनी थंडर) और द हंड्रेड (लंदन स्पिरिट) में भी दमदार प्रदर्शन किया।
2023 में वुमेन्स प्रीमियर लीग की नीलामी में यूपी वॉरियर्ज़ ने उन्हें 2.6 करोड़ रुपये में खरीदा। अगले ही साल, 8 मार्च 2024 को उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ WPL इतिहास की पहली भारतीय हैट्रिक लेकर नया मील का पत्थर बनाया और 2024 सीज़न की MVP (Most Valuable Player) बनीं।
सपनों को हकीकत बनाने की मिसाल
2025 महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए दीप्ति शर्मा का भारतीय टीम में चयन होना सिर्फ एक उपलब्धि नहीं बल्कि सालों की मेहनत और लगातार प्रदर्शन का परिणाम है। वर्ल्ड कप से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज़ में भी दीप्ति को टीम में शामिल किया गया जिससे साफ है कि भारतीय टीम मैनेजमेंट को उन पर कितना भरोसा है। आज दीप्ति शर्मा सिर्फ एक ऑलराउंडर नहीं, बल्कि हर उस लड़की की प्रेरणा हैं जो बड़े सपने देखने की हिम्मत रखती है। उन्होंने दिखा दिया कि अगर जज़्बा सच्चा हो, तो मैदान चाहे कोई भी हो, जीत तुम्हारी होगी।
