कन्ट्रोल्ड पेरेंटिंग से बिगड़ सकता है आपका बच्चा, हो सकती हैं ये परेशानियां: Controlled Parenting
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कन्ट्रोल्ड पेरेंटिंग से बिगड़ सकता है आपका बच्चा, हो सकती हैं ये परेशानियां

Controlled Parenting : बच्चों को कंट्रोल करके रखने से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नेगेटिव असर होता है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-

Controlled Parenting: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा आगे चलकर अच्छा इंसान बने और खूब नाम कमाएं। इसके चलते माता-पिता बच्चे की हर हरकत पर नजर रखते हैंं। माता-पिता अपनी इच्छा से बच्चों से हर काम करवाना चाहते हैं। लेकिन उनकी इस आदत से बच्चों पर बुरा असर पड़ता है। बच्चों को हद से ज्यादा कंट्रोलिंग करना अच्छी बात नहीं है। पैरेंटिंग की ये आदत बच्चे के शारीरिक और मानसिक दोनों अवस्थाओं पर असर ड़ालती है। अपनी बातों को मनवाना और उन्हें बात-बात पर टोकना, ये सब बातें बच्चों की मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकती है। इस आर्टिकल में हम आपको पेरेंटस के कंट्रोल बिहेवियर के नकारात्मक प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं।

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बच्चों को अपनी इच्छा से ही हर काम करवाना उनकी क्रिएटिविटी स्किल्स को कम कर सकता है। क्रिएटिविटी स्किल्स कम होने से बच्चों की ओवरऑल ग्रोथ को भी नुकसान पहुंचता है।

Controlling Parenting
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कन्ट्रोल्ड पेरेंटिंग का एक अन्य नुकसान ये भी है कि बच्चे अपनी बातें खुलकर नहीं बता पाते हैं। माता पिता के कंट्रोल व्यवहार के कारण वह घर व स्कूल की बहुत सी बातें माता पिता से छुपाते हैं।

कन्ट्रोल्ड पेरेंटिंग से बच्चे के मन में डर बना रहता है। किसी भी काम को करने से पहले डरना घबराना, ये सब कन्ट्रोल्ड पेरेंटिंग के कारण ही होता है। इसी के कारण बच्चे खुद में ही रहने लगते हैं। वह किसी से मिलना जुलना भी पसंद नहीं करते हैं। इसके चलते बच्चे एंग्जाइटी के शिकार हो जाते हैं।

Depression
Depression

माता पिता के कंट्रोल व्यवहार से बच्चे छोटी उम्र में ही डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। बात बात पर उनकी उन्हें टोकना और अपनी इच्छा से ही उनसे काम करवाना, ऐसा व्यवहार उनके डिप्रेशन का कारण बनता है।

अपनी इच्छा को मन में लिए बच्चे हर समय उदास रहने लगते हैं। मानसिक परेशानी होने के कारण वह खुलकर जी नहीं पाते हैं। माता-पिता के कंट्रोल व्यवहार के कारण बच्चे हर समय उदास रहते हैं।

पेरेंटस को चाहिए कि बच्चों को पूरी तरह से कंट्रोल करके ना रखा जाए। जितना हो सके उनकी सभी बातों को समझने की कोशिश करनी चाहिए। अगर वे कुछ गलत करें तो उन्हें प्यार से समझाना चाहिए। ऐसा करने से वे बातों को समझ भी जाएंगे और उनके मस्तिष्क पर इसका बुरा असर भी नहीं पड़ेगा। नीचे कुछ प्वॉइंट दिए गए है, जिनके अपनाकर आप भी अच्छे पेरेंटस बन सकते हैं।

Parents Behavior
Parents Behavior

बिना किसी दबाव के बच्चों को अपनी बात मनवाने का एक ही सबसे अच्छा तरीका है। उन्हें ऐसी कहानियां सुनाएं जो उन्हें बिना प्रेरित करें। ऐसा करने से बच्चे खुद पर किसी चीज का कोई प्रेशर भी नहीं समझेंगे और उन्हें आपकी बात भी अच्छे से समझ आ जाएगी।
किसी भी बुरी आदत को छुड़वाने के लिए उन्हें डांटना नहीं चाहिए। इसके बजाए आप उन्हें प्यार से समझाएं। उदाहरण के लिए, अगर बच्चा मोबाइल देखने की जिद्द करता है तो इसके लिए आपको उसे मोबाइल के नकारात्मक प्रभाव के बारे में बताना चाहिए। ऐसा करने से कुछ ही दिन में उसकी बार बार फोन देखने की आदत दूर हो सकती है।
अगर बच्चे को स्कूल से संबंधित कोई परेशानी है तो उन्हें समझने की कोशिश करें। स्कूल वर्क से संबंधित या मार्क्स से संबंधित सभी दिक्कतों को डांटकर नहीं बल्कि प्यार से समझाएं। आपके सपोर्ट से बच्चा स्कूल की सभी दिक्कतों से आसानी से बाहर निकल सकता है।
कुछ अच्छा काम करने पर बच्चे की तारीफ करें। ऐसा करने से उसका मनोबल बढ़ेगा। अच्छे मार्क्स आने पर बच्चे के लिए गिफ्ट लाएं या उसे कहीं आउटिंग पर ले जाएं। ये सभी बातें उसके शारीरिक और मानसिक दोनों स्थिति पर अच्छा असर डाल सकती है।

बच्चों के मन की बात को भी तवज्जों देना चाहिए। यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि आखिर बच्चा क्या चाहता है। अक्सर माता पिता अपने मन की बात तो बच्चों से करते हैं लेकिन वे क्या चाहते हैं इस पर ध्यान नहीं देते हैं। बच्चों के मन की बात भी जाननी चाहिए।

निक्की मिश्रा पिछले 8 सालों से हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लिख रही हैं। उन्होंने ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स में एमए और भारतीय विद्या भवन से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। लिखना उनके लिए सिर्फ एक प्रोफेशन...