मेरी ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत पल था जब मैंने अपने बच्चे को पहली बार अपने हाथ में उठाया था। आज भी उस पल को याद करके मेरा रोम -रोम खिल उठता है। मुझे हमेशा से लगता था कि  मैं सबसे अच्छी मां बनूंगी और अपने पति को सबसे अच्छे पिता बनने के सुझाव दूंगी। लेकिन 5 साल की उम्र का मेरा बेटा अब मुझे गुस्से में बहुत बार बोलता है मम्मा आप मुझे अच्छी नहीं लगती हो आपसे अच्छी तो मेरे फ्रेंड्स की मम्मा हैं । अपनी तरफ से सारे प्रयास करने के बावजूद मैं कहीं न कहीं बेस्ट मॉम बनने में असफल रही क्योंकि मेरा बेटा  ही ऐसा नहीं मानता।

 

मैं ही नहीं आज के बदलते परिवेश में जब बच्चों की सोच और परसेप्शन तेजी से बदल रहा है तो मेरे जैसी न जाने कितनी ही मम्मियां होंगी जी बेस्ट मॉम बनने की होड़ में अपना जीवन,अपने सपने ,अपनी हेल्थ, अपना सब कुछ न्योछावर कर देती हैं लेकिन फिर भी  इस प्रतिस्पर्धा में पीछे ही रह जाती हैं। ये बात सिर्फ मां पर ही लागू नहीं होती बल्कि पिता का भी सपना होता है कि वो सबसे अच्छा पिता बने। आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसे तरीके जो आपको बेस्ट पेरेंट्स बनाने के लिए कारगर होंगे । 

 
अपने बच्चों के साथ खेलें 
आप कितना भी व्यस्त क्यों न हों बच्चों के साथ उनकी पसंद के गेम्स खेलें। बच्चों के साथ गेम्स खेलने के लिए आपका आधे घंटे का समय भी काफी है। कोशिश करनी चाहिए कि बच्चों के साथ आउटडोर गेम्स खेलें जिससे बच्चे और आप दोनों फिट रहेंगे।   
 

 

बच्चों के प्रति प्यार जताते रहें 
बच्चों को प्यार सारे पेरेंट्स करते हैं लेकिन समय-समय पर प्यार जताना भी ज़रूरी है। आप बच्चों की पसंद का खिलौना लाकर या उनकी मनपसंद डिश तैयार करके अपना प्यार दिखा सकते हैं। समय-समय पर बच्चों को गले लगाते रहें।  
 
बच्चों के सामने सोच समझ कर बोलें 
बच्चे के सामने ग़लत शब्दों का प्रयोग न करें। बच्चे बहुत कुछ अपने माता-पिता से ही सीखते हैं इसलिए बच्चों के सामने सोच समझ कर ही बोलें जिससे बच्चे आपसे अच्छी बातें ही सीखें।  
 
बच्चों को हमेशा सच बताएं 
बच्चों का मन बहुत कोमल होता है और किसी भी बात का उन पर गहरा असर होता है, इसलिए उन्हें हर बात सच बतानी चाहिए। बच्चे कोई प्रश्न भी पूछें तो सही जवाब ही देना चाहिए।  ऐसा करने से बच्चे भी सच बोलना सीखेंगे। 
 
 
बात-बात पर डांटें नहीं 
बच्चों को बात-बात पर डांटने की बजाय प्यार से समझाना चाहिए। जिससे बच्चे गलती करके भी आपसे छिपाएंगे नहीं। बच्चे कोई बड़ी गलती भी कर दें तो उन्हें पास बैठा कर प्यार से समझाएं।
 
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