मां बनने का खूबसूरत एहसास
मैंने भगवान की दुआ से अपनी जि़ंदगी में कई सारी कामयाबी देखी हैं लेकिन कोई भी कामयाबी मां बनने के एहसास से खुबसूरत नहीं है जो इसके आने से मेरी दुनिया में मुझे मिली है। मैं इसे बता भी नहीं सकती की मेरे बच्चे से आने से मुझे कितनी खुशी मिली है। जि़ंदगी में सभी कुछ ऐसे नहीं मिलता जैसे हम चाहते है लेकिन फिर भी कुछ ना कुछ सोल्यूशन हमेशा होता है। मुझे आज वो मिल गया जिसे मैने चाहा, मैं मां बनकर बेहद ब्लेस्ड फील कर रही हूं। मेरे और मेरी फैमिली के लिए ये इमोशनल पल हैं और मैं इंतज़ार नहीं कर सकती अपनी जि़ंदगी की इस नई शुरुआत के लिए कि मैं नन्हे रावी की मां हूं।
परवरिश के लिए क्रेच खोला
मैं अपने बिजी शेड्यूल में भी अपने बेटे रवि कपूर की परवरिश का खास ध्यान रखतीं हूं। जब मेरा बेटा रवि कुछ महीने का था, तभी मैंने उसके लिए ऑफिस में ही क्रेच खोल दिया था, जिससे मैं अपने बेटे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय गुजार सकूं और इसका असर मेरे प्रोफेशनल काम पर ना पड़े। जब क्रेच नहीं खोला था, तब मैं बेटे की परवरिश के लिए ऑफिस से जल्दी काम निबटा कर घर आ जाती थी। वॄकग मदर्स के लिए जरूरी है कि वो अपने बच्चों के आसपास रहें।
बेटे के साथ खास बॉन्डिंग
मेरी अपने बेटे के साथ खास बॉन्डिंग हैं और उनके भविष्य को लेकर बहुत कुछ सोच रखा है। प्रोफेशनल फ्रंट में व्यस्त होने के बाद भी मैं मां की भूमिका अच्छे तरह से निभाने की कोशिश कर रही हूं और अकेले ही अपने बेटे रवि की परवरिश कर रही हूं।
परवरिश का खास अंदाज
मैंने अपने 8 माह के बेटे के साथ एक दिन बातें कीं। उससे कहा कि मैं तुम्हारे साथ-साथ सीख रही हूं। मैं परफेक्ट नहीं हूं और इस विश्व में कोई भी चीज़ परफेक्ट नहीं है। मैं अपने बेटे को सबसे पहले ये बात बताऊंगी कि तुम्हारे पिता नहीं हैं। मैं अपने बेटे को परियों की कहानियां नहीं सुनाऊंगी और ना ही उसे गोल-गोल घुमाऊंगी। मुझे पता है कि मैं परफेक्ट मां नहीं हूं और मैं कभी परफेक्ट मां बनना भी नहीं चाहती। मैं इसे किसी भी तरीके से परिभाषित नहीं करना चाहती।
परवरिश के लिए क्रेच खोला
मैं अपने बिजी शेड्यूल में भी अपने बेटे रवि कपूर की परवरिश का खास ध्यान रखतीं हूं। जब मेरा बेटा रवि कुछ महीने का था, तभी मैंने उसके लिए ऑफिस में ही क्रेच खोल दिया था, जिससे मैं अपने बेटे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय गुजार सकूं और इसका असर मेरे प्रोफेशनल काम पर ना पड़े। जब क्रेच नहीं खोला था, तब मैं बेटे की परवरिश के लिए ऑफिस से जल्दी काम निबटा कर घर आ जाती थी। वॄकग मदर्स के लिए जरूरी है कि वो अपने बच्चों के आसपास रहें।
सिंगल मदर के अनुभव
सिंगर मदर बनना ये थोड़ी उलझी हुई प्रक्रिया है लेकिन मैं अपने बेबी को लेकर जिम्मेदार और उत्साहित महसूस करती हूं। मैं काम पर होती हूं तो रवि के साथ समय ना बिताने पर बुरा फील करती हूं। वहीं, जब घर पर रवि के पास होती हूं तो काम मिस करने पर गिल्ट होता है। तो ऐसे में अभी मैं सामंजस्य बिठाने की कोशिश कर रही हूं। मैं कई सालों से प्रोफेशनल लाइफ में बिजी हूं लेकिन मेरी प्राथमिकताएं रवि के आने के बाद से बदल गई हैं। मैं अब प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में बैलेंस बिठाने की कोशिश कर रही हूं।
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