खंडाला गर्ल के नाम से मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस रानी मुखर्जी एक ऐसी अभिनेत्री है। जिसे फिल्मफेयर ने 3 साल लगातार (2004-2006) बॉलीवुड की शीर्ष  अभिनेत्री घोषित किया। रानी मुखर्जी और आदित्य चोपड़ा की बेटी अदिरा प्री मैच्योर बेबी थीं और ऐसे में उन्हें अपना पूरा ध्यान अदिरा पर ही देना था। आइये जानते है रानी, बेटी आदिरा की परवरिश में किन बातों का ख्याल रख रहीं और कैसे कर रहीं उसकी परवरिश।

मां बनने से बड़ा सुख कोई नहीं 
एक स्त्री होने के नाते मैं मानती हूं कि विवाह करना बहुत महत्वपूर्ण है। विवाह किया है तो मातृत्व को भी जरूरी समझना चाहिए। 21वीं सदीं में ऐसी महिलाओं की कमी नहीं, जो शादी के बाद बच्चे न पैदा करने का फैसला करती हैं। वे भले ही कुछ साल अपने फैसले पर नाज करें, लेकिन बाद में वे इस पर पछताती हैं। जब स्त्री अपने बच्चे को जन्म देती है, तो उसका दर्जा लगभग ईश्वर के बराबर हो जाता है। सृजन कोई मामूली बात तो नहीं। फिर उस शिशु को पाल पोस कर बड़ा करना और एक बेहतर नागरिक बनाना जीवन को और भी सार्थक बना देता है। मेरी मां भी किसी समय वॄकग थीं, लेकिन जब मैं और मेरा भाई पैदा हुए तो उन्होंने हमारी परवरिश के लिए करियर छोड़ दिया था।

बेटी आदिरा के आने से जिंदगी बदल गई
मां होने का अहसास क्या होता है ये मैंने आदिरा के जन्म के बाद जाना। अदिरा के आने से मेरी जिंदगी बदल गई। ‘मैं अब पहले से अधिक शांत हो गई हूं। अधिक धैर्यवान हो गई हूं। क्षमाशील हो गई हूं। यह अचानक हुआ है। रातों रात मुझे एहसास हुआ है कि मैं बदल गई हूं।Ó बच्चा आने के बाद आपको समझ आता है कि आप कौन हो, आप उसके अनुसार सोते हो, जागते हो। ‘मुझमें बहुत बदलाव आये हैं, दिन की शुरुआत से लेकर रात में भी आपका बच्चा सिर्फ आपको अपने पास चाहता है।Ó

बेहतर हो परवरिश
मुझे ऐसा लगता है की मैं बेटी अदिरा की परवरिश बेहतर ढंग से, अनुशासित। बुद्धिमता से बिना किसी डर के कर पाऊंगी। मैं चाहती हूं कि हर कोई उस पर गर्व करे। जब पहला बच्चा होता है, सब कुछ अलग हो जाता है एक औरत के लिए। मैं ब्लेस्ड हूं कि मेरे पास वक्त था, मैं चूज़ कर सकती थी, काम से ब्रेक लेना। मैंने तय किया था कि वह पूरा वक्त अदिरा को ही देना है, क्योंकि वह प्री मैच्योर थी, उसकी केयर करना जरूरी था। मैं अदिरा को लेकर काफी सजग थी और उनमें पूरी तरह इन्वॉल्व हो गई थी। चूंकि प्री मैच्योर चाइल्ड को लेकर काफी रेस्ट्रिक्शन हो जाते हैं। जब अदिरा 14 महीने की हो गई, तब मैंने ‘हिचकीÓ की शूटिंग शुरू की थी।

अदिरा को डाउन टू अर्थ ही रखना चाहती हूं
मैं और आदित्य अपनी बेटी आदिरा की परवरिश बिल्कुल आम बच्चों की तरह ही करते हैं। हम दोनों अदिरा को यह नहीं दिखाना चाहते कि वह सेलेब्रिटी की बेटी हैं। इसलिए अदिरा को डाउन टू अर्थ ही रखना चाहते हैं। उसे मीडिया से दूर रखना चाहते हैं वह अदिरा को लेकर भी बिल्कुल नहीं चाहते कि उनकी तस्वीरें बाहर आयें।

पैरेंट्स का समय देना जरूरी
मेरा मानना है की बच्चे से बड़ा सुख और कुछ नहीं होता। बच्चे की परवरिश के दौरान आप अपने बचपन के दिनों में जाते हैं। आपकी पुरानी यादें ताज़ा होने लगती हैं। मैं हमेशा अपने पेरेंट्स के करीब रही हूं। मेरे पैरेंट्स ने मेरा और मेरे भाई की परवरिश साथ में की है। इसलिए मुझे लगता हैं की बच्चों को पेरेंट्स का वक्त मिलना ही चाहिए।

बेटी के अनुसार ही प्लान बनती हूं
बेटी आदिरा के जन्म के बाद से मैं अपनी पूरी प्लानिंग उसी के अनुसार ही प्लान करना पसंद करती हूं। मैं हमेशा से ही इस तरह की जि़ंदगी जीना चाहती थीं। मैं फिल्मों में काम करती रहूंगी। लेकिन आदिरा मेरी पहली प्राथमिकता है और मैं इस बात को नहीं भूलने वाली।

अदिरा भी बने स्ट्रांग महिला
आज के समय में लड़कियों को स्ट्रांग होना चाहिए जिस तरह मेरी मां स्ट्रांग तरीके से अपनी पूरी जि़ंदगी को लेकर चली हैं, मैंने भी उनका स्ट्रांग तरीका अपनाया है और मैं चाहती हूं की मेरी बेटी भी उन तरीकों को अपना कर स्ट्रांग महिला बने और अपने दम पर ही अपनी पहचान बनाए। मैं उसको हमेशा यही सिखाती हूं कि वो काफी बहादुर और स्ट्रांग है। मैं उसके दिमाग में अभी से ये सब बातें डाल रही हूं ताकि उसको बाद से ज्यादा समझाने की जरुरत ना पड़े। मैं नहीं चाहती कि कोई अदीरा को ये बताए कि वो बहादुर या स्ट्रांग नहीं है।