Children Teaching Tricks: जब बच्चे छोटे होते हैं, तो वे अपनी हर चीज के लिए पैरेंट्स पर ही निर्भर होते हैं। उनके खाने से लेकर नहलाने, खिलौनों को समेटने, होमवर्क करवाने, उनके कमरे को क्लीन करने की सारी जिम्मेदारी पैरेंट्स की ही होती है। लेकिन जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, यह जरूरी हो जाता है कि बच्चों को थोड़ा जिम्मेदार बनाया जाए और उन्हें उनकी चीजों की देखभाल करना सिखाया जाए।
अधिकतर पैरेंट्स इस ओर बहुत अधिक ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन यह आवश्यक है। एक पैरेंट के रूप में आपको सिर्फ अपने बच्चे को पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना है, बल्कि उन्हें जिम्मेदार बनाना और उनमें अच्छे गुणों का संचार करना भी जरूरी है। अक्सर बच्चे अपनी चीजों को लेकर लापरवाह रहते हैं और फिर यह उनकी आदत बन जाती है। जो बड़े होने के बाद भी बदलती नहीं है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे छोटे-छोटे टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चे को अपनी चीजों की केयर करना सिखा सकते हैं-
पहले खुद में करें बदलाव

अगर आप अपने बच्चे से कहते हैं कि वह अपना रूम साफ रखें या फिर अपनी चीजों की देखभाल करें तो वह कभी भी नहीं सुनता है। बच्चे आपके शब्दों से ज्यादा आपके व्यवहार को फॉलो करते हैं। इसलिए, अगर बच्चे को उसकी चीजों की केयर करना सिखाना है, तो पहले आप खुद अधिक जिम्मेदार बनें। उन्हें दिखाएं कि आप अपनी चीज़ों को कैसे व्यवस्थित और साफ-सुथरा रखते हैं। जब आप खुद ऐसा करते हैं तो बच्चों में भी स्वतः यह आदत आ जाती है।
बच्चों की लें मदद

अगर आप अपने बच्चे को अधिक जिम्मेदार बनाना चाहते हैं और उन्हें अपनी चीजों की केयर करना सिखाना चाहते हैं तो ऐसे में होम क्लीनिंग व आर्गेनाइजिंग के दौरान बच्चे की मदद अवश्य लें। उन्हें अपनी वस्तुओं को छांटना, साफ करना और सही तरह से स्टोर करना सिखाएं। जब आप ऐसा करते हैं तो इससे उन्हें अपनी चीजों को बेहतर व आर्गेनाइज्ड तरीके से रखना आता है।
क्रिएट करें स्पेस

अधिकतर बच्चे अपनी चीजों की सही तरह से केयर इसलिए भी नहीं कर पाते हैं, क्योंकि उनके कमरे में हर चीज को रखने के लिए केवल एक स्थान ही होता है। बेहतर होगा कि आप खिलौनों से लेकर किताबों, कपड़ों और अन्य सामानों के लिए विशिष्ट स्थान सेट करें। साथ ही, वह जगह आपके बच्चे की पहुंच में हो। जिससे बच्चा आसानी से उन्हें ले सके और एक बार लेने के बाद वापस रखना भी उनके लिए आसान हो। अगर कमरे में उनकी जगहों के लिए कोई निश्चित जगह नहीं होगी या फिर आप उस स्पेस को बार-बार बदलते हैं तो ऐसे में बच्चा भी सामान यूं ही इधर-उधर रख देता है।
मज़ेदार हो आर्गेनाइजिंग

अक्सर बच्चे अपने कमरे को क्लीन व आर्गेनाइज करना इसलिए भी पसंद नहीं करते हैं, क्योंकि उन्हें यह काम बहुत अधिक उबाऊ लगता है। इसलिए एक पैरेंट के रूप में आपको इस एक्टिविटी को थोड़ा मजेदार बनाने की जरूरत है। उदाहरण के तौर पर, आप एक टाइमर सेट कर सकते हैं और अपने बच्चे को टाइमर बंद होने से पहले अपने कमरे को साफ करने के लिए कह सकते हैं। अगर घर में दो बच्चे हैं तो ऐसे में आप उन्हें घर के दो हिस्सों का अरेंज करने का टास्क दें।
जरूर करें तारीफ

छोटी सी तारीफ एक मोटिवेशन के रूप में काम करती है। इसलिए, जब बच्चे रिस्पॉन्सिबल बिहेव करते हैं और अपनी चीजों को सही जगह पर रखते हैं। तो ऐसे में उनकी तारीफ करना ना भूलें। अमूमन बच्चे पैरेंट्स के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर बेहद खुश हो जाते हैं और इससे उन्हें मोटिवेशन मिलता है, जिससे वे अपने कमरे को अरेन्जड रखना ही पसंद करते हैं। आप चाहें तो उनके अच्छे और जिम्मेदारी भरे व्यवहार के लिए उन्हें बतौर रिवॉर्ड एक आइसक्रीम या चॉकलेट भी दे सकते हैं।
समझने दें महत्व

किसी भी आदत को अपनाने के लिए जरूरी होता है कि पहले उसके महत्व को समझा जाए। बच्चों के लिए भी उनकी चीजों की केयर करना कितना जरूरी है, इसका महत्व उन्हें समझ में आना चाहिए। इसलिए जब भी बच्चे अपनी चीजों को इधर-उधर रखते हैं तो ऐसे में आप उन्हें अपनी जगह पर ना रखें। बाद में, जब उन्हें वह चीज नहीं मिलेगी और वे परेशान होंगे, तब उन्हें यह बात समझ में आएगी कि उन्हें अपनी चीजों को सही जगह पर रखना चाहिए। शायद यह तरीका थोड़ा हार्श हो सकता है, लेकिन जब उन्हें उनकी सारी चीजें आराम से मिल जाएंगी तो वे उनकी केयर करना कभी भी नहीं सीख पाएंगे।
सेट करें टाइमिंग

बहुत से बच्चों की यह शिकायत होती है कि वे बहुत सारे काम करना तो चाहते हैं, लेकिन उन्हें अपने बिजी शेड्यूल में से समय ही नहीं मिलता है। इसलिए, बच्चे को जिम्मेदार बनाने से पहले उसे टाइम मैनेजमेंट करना सिखाना आवश्यक है। ऐसे में आप बच्चे की टाइमिंग सेट करें। जिसमें उसके पढ़ने, खाने-पीने, खेलने और सोने के साथ-साथ क्लीनिंग का टास्क भी शामिल हो। आप 20-30 मिनट का समय उनके कमरे को अरेंज करने और उसकी क्लीनिंग के लिए अलग से रखें। हमेशा याद रखें कि अच्छी आदतों को अपनाने के लिए निरंतरता बेहद जरूरी है।
