Grehlakshmi Kahani: खुद अपनी आंखों पर आज विश्वास नहीं हो रहा था| अमित को कि यह मेरी अनु यानी अनुराधा का नाम यूपीएससी के टॉप रैंक में है। किसी की आवाज अमित के कानों तक टकराई अरे यह वही लड़की है जिसने एक दुर्घटना में अपने एक पैर गवा दिए थे। और इसी वजह से किसी ने उससे प्यार नहीं किया, ना ब्याह आज उसकी लगन और मेहनत देखो आज वह एक अच्छे पोजीशन पर आ गई।अब उसका ब्याह भी हो जाएगा। अब तो एक से एक अच्छे रिश्ते उसके लिए आने लगेंगे सब वक्त की कीमत है।
अमित को यह बातें बर्दाश्त नहीं हुई उन्होंने कहा भाई साहब ये हमारी पत्नी है। क्या???? उससे तो किसी ने विवाह करना मुनासिब नहीं समझा, इसके पीछे की बड़ी वजह थी दांपत्य जीवन को जो एक डोर से बांधे रखता है वह है शारीरिक सुख । वह शारीरिक सुख दे नहीं सकती थी और ना ही अपने पार्टनर के कदम से कदम मिलाकर चल सकती थी क्योंकि उसके एक पैर जो नहीं थे। सच में यह वही अनुराधा है या कोई और । हां यह वही अनुराधा है जो आज मेरी अर्धांगिनी, मेरी दुनिया और मेरी अनु है। तब तो बड़े किस्मत वाले हो , तुम्हारी तो लॉटरी लग गई जी। हां वह तो हूं मैं किस्मत वाला क्योंकि मैंने बिना किसी लालच के अनु को अपनाया बिल्कुल निस्वार्थ भाव से। मेरे इस फैसले से एक लड़की की जिंदगी संवर जाएगी यही सोच कर मैंने ना जमाने की परवाह की, यहां तक की जन्मदाता की भी परवाह नहीं की। खैर छोड़िए आपको यह सब जानकारी देने से मुझे क्या???मुझे यह खबर अपने अनु को सुनाना है जो मेरा बेसब्री से इंतजार कर रही होगी फोन से नहीं सामने जाकर गले लगा कर, एक जादू की झप्पी देकर………।
अच्छे मिठाई के दुकान से उन्होंने ढेर सारी मिठाई लेते हुए, आज इस खुशी में पूरे मोहल्ले को मिठाई बांटुंगा। अनु के लिए ज्वेलरी शॉप से एक डायमंड रिंग लेते हुए। यह उसकी सच्ची लगन और मेहनत का तोहफा अमित घर तक के लिए टैक्सी लेते हैं। टैक्सी जितनी तेज भाग रही थी उसी तेज रफ्तार के साथ, मैं भी अपनी पिछली बीती दुनिया में गुम हो गया जो कि मैंने अनु के साथ बिताए थे। सारी यादें आंखों के सामने उभरने लगे थे किस प्रकार से मैं अनु से मिला।
मेरे पापा का ट्रांसफर हो गया बेतिया से पटना वह स्वास्थ्य विभाग में सर्जन थे। हम चार भाई बहनों और मम्मी सभी परिवार में हंसी खुशी रह रहे थे। लेकिन पापा का ट्रांसफर हो गया थोड़ी उथल पुथल मच गई थी। फिर भी शिफ्ट होना ही था , हमलोग सारे लगेज के साथ पटना में शिफ्ट हुए। दो-चार दिन बीते तो अगल-बगल के लोगों से जान पहचान हुई। जिस मकान में हम लोग शिफ्ट हुए उसकी बगल वाली या यूं कहे मकान एक ही बस सिर्फ दीवार का अंतर था। उस मकान में शर्मा अंकल उनका पूरा परिवार रहता था शर्मा अंकल शिक्षक थे। मेरे पापा और शर्मा अंकल दोनों के पेशे तो अलग थे लेकिन उम्र एक होने की वजह से दोनों में जल्दी ही बातचीत होने लगी और यह बातचीत दोस्ती का रूप ले लिया…….।
शर्मा अंकल की वाइफ रोमिला आंटी भी बहुत ही अच्छे स्वभाव की थी, मुझे बातों ही बातों में पता चला कि उनके भी तीन बच्चे हैं। हम लोग की तरह ही सभी अभी पढ़ाई कर रहे हैं कोई भी सेटल नहीं हुआ है। मुझे इन सब से कोई ज्यादा इंटरेस्ट नहीं था लेकिन फिर भी घर में आइंदा अगल-बगल के लोग आते रहते थे और चर्चाएं होती रहती थी चर्चा के विषय में शर्मा अंकल का परिवार ही क्यों रहता था। इस पर मुझे जिज्ञासा होने लगी धीरे-धीरे। मेरे कान ना चाहते हुए भी इस जिज्ञासों को शांत करने के लिए उत्सुक बने हुए थे। स्वाभाविक सी बात है किराए का मकान था तो छोटे-छोटे कमरे ही थे । जो भी लोग आते हाल में बैठते तो मेरे रूम में भी आवाज वैसे ही घूमती थी । हर समय लोगों के मुंह से अनु की चर्चाएं सुनाई देती थी उसका विवाह कैसे होगा , कौन उसका हाथ थामेगा शर्मा जी के कलेजे के बोझ बनी हुई है । उसको यह दिक्कतें हैं अनु को ऐसी दिक्कतें हैं। देखने में तो बहुत सुंदर है लेकिन ऐसी सुंदरता किस काम की जो भी आदमी उससे ब्याह रचाएगा उसको तो शरीर का सुख भी तो चाहिए ही। स्पष्ट कोई भी नहीं बोलता आखिर अनु को हुआ क्या ???? मेरी जिज्ञासा बढ़ती ही जा रही थी मेरा मन पढ़ने में कम उन लोगों की बातों पर ज्यादा लगने लगा था। एक बहुत ही खास बात थी शर्मा अंकल के घर की , सुबह और शाम आरती की बहुत ही मधुर ध्वनि सुनाई देती थी जैसे लग रहा है कोई अपनी व्यथा ईश्वर से कह रहा हो करुणा से भरे स्वर में…….।
भजन को सुनकर संगीत के सुर ताल में, मैं भी खो जाता था मेरा जी करता था कि जाकर देखूं कि यह कौन है जो इतनी मधुर स्वर में भक्ति कर रही है। अपने मन पर नियंत्रण करते हुए एग्जाम नजदीक थे जी जान से मेहनत करने लगा था। समय बीत रहा था और मेरा एग्जाम भी अच्छे से हो गया परिणाम भी बहुत ही अच्छा आया। एक दिन मैंने मां से पूछा मां आंटी लोग जो आती हैं आखिर ऐसा क्या है शर्मा अंकल की बेटी में कोई उससे क्यों प्यार नहीं करेगा, और ब्याह नहीं करेगा। मां गुस्सा करते हुए, तुम्हें इन बातों से क्या मतलब है। प्लीज मां प्लीज मैं लटक गया, और बच्चों की तरह जिद करने लगा। मां ने जो बताया मैं सुनके स्तब्ध सा रह गया। मां बोली शर्मा जी का पूरा परिवार छुट्टियों में दिल्ली घूमने के लिए जा रहे थे। उन्हें कहां मालूम था यह छुट्टियां खुशियां नहीं उनकी जिंदगी में ग्रहण लगाने वाला है। जिस कार से यह लोग जा रहे थे पीछे से बड़ी गाड़ी ने इतने बुरे तरीके से धक्का दिया कि ईश्वर की कृपा से सभी बच तो गए सुरक्षित । सभी को हल्की-फुल्की खरोचें आई। अनु का पैर पूरी तरह फ्रैक्चर हो गया था , डॉक्टर को उसका पैर सही होने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दी अंदरूनी चोटें इतनी अधिक आई , जिससे डॉक्टर का कहना है कि वह कभी मां नहीं बन पाएगी। इसी वजह से कोई उसे ब्याह करना नहीं चाहता क्योंकि औरत मां नहीं बनती तब तक परिपूर्ण नहीं होती…….।
मैं मां से बात करके अपने कमरे में सोने चला गया, दिमाग में यही बातें बार-बार आ रही थी कि मुझे अनु से मिलना है क्योंकि मुझे मां से पता चला कि भजन वही गाती है जिसके स्वर में इतनी शक्ति है जरूर विशिष्ट प्रतिभा की लड़की है ।रही बात शारीरिक सुख का जरूरी होना रिश्ते को जीवंत रखने के लिए सही बात है । क्योंकि प्यार में परिपूर्णता की यह निशानी है, यही निशानी सृष्टि के संचालन का स्वरूप देती है। लेकिन सिर्फ शारीरिक सुख ही जरूरी नहीं है। यही घटना किसी पुरुष के साथ होता तो क्या पूरी उम्र कुंवारा रहता??? इसी तरह के ढेरों सवाल मन में उथल-पुथल मचा रहे थे । मैं कल उस लड़की से मिलूंगा,बिन देखे ही मेरी धड़कनों को चैन नहीं महसूस हो रहा था। देखूंगा तो पता नहीं क्या होगा?????
इसी उधेड़बुन में न जाने करवट बदलते बदलते पता नहीं कब मैं नींद की आगोश में चला गया कल की नई उम्मीद लेकर…….।
सुबह आंखें खुली और सूरज की रोशनी के साथ ही अनु से मिलने बात करने की उम्मीद के ताने बाने मन ही मन में बुनने लगा। सभी ड्यूटी वाले जब ड्यूटी चले गए तो मैं मौका देखकर अनु के यहां गया। संजोग से घर पर कोई नहीं था शिवाय अनु के उसकी इतनी चर्चाएं सुन रखे थे कि उसे पहचानते देर नहीं लगी मुझे। मैंने कहा अनु वह थोड़ा सकपका गई , मैंने कहा डरो मत मैं तुम्हारी आवाज का दीवाना बन गया हूं और बिना देखे तुम्हारा भी , और आगे मैं तुमसे ब्याह करना चाहता हूं एक सांस में मैं सारी बातें बोल गया। उम्र में थोड़ी बड़ी मुझे होगी लग भी रही थी। पहले वह तो खूब जोर से हंसी, फिर फूट फूट कर रोने लगी। मैंने देखा वह कुर्सी पर बैठी हुई थी, शायद चलने में परेशानी हो रही होगी तो मैं उसके करीब जाकर आंसू को पोछते हुए। मुझे लगा कि इस जन्म का नहीं पिछले कई जन्मों का नाता है हमारा इतनी आत्मीयता लग रही थी। वो मुझे बोली पागल हो गए हो क्या???? क्यों अपनी जिंदगी बर्बाद करना चाहते हो मेरे साथ । जिस लड़की के जिंदगी की वजह को किसी ने नहीं समझा आज तक, उस वजह को जीवन भर के लिए अपनाना यह साधारण बात नहीं है। अपने जीवन को परेशानी में मत डालो प्लीज प्लीज। जीवन जीने का हक सभी को है। मैंने कुछ नहीं सुना उसके सर पर हाथ फेरते हुए कल शर्मा अंकल से बात करूंगा कहते हुए निकल गया…….।
घर आया तो मम्मी से बात की मैंने कहा मैं अनु से शादी करने का फैसला किया हूं। मम्मी ने जोर से चांटा मारा जिसकी आवाज़ सुन कर पापा, भाई बहन सभी इकट्ठे हो गए। मम्मी ने कहा देखिए बेटा कैसे पागलों जैसी बातें कर रहा है। यह अनु को अपनाएगा, जिसके लिए पूरी दुनिया में कोई नहीं है। तभी अमित मैं हूं मैं उसे ब्याह करूंगा यही मेरा अंतिम फैसला है वो भी कल । पापा ने एक थप्पड़ झड़ते हुए कहा तो ठीक है इस घर के दरवाजे हमेशा के लिए तुम्हारे लिए बंद हो गए हैं। ठीक है वह तेज कदमों से शर्मा अंकल के घर जाता है और कहता है कि अंकल जी मुझे अनु का हाथ चाहिए। वह रोने लगते हैं यह क्या बोल रहे हो बेटा क्यों अपने पैर में कुल्हाड़ी मार रहे हो । आप आशीर्वाद दीजिए और इजाजत बस और मुझे कुछ नहीं चाहिए। उन्होंने इजाजत दे दी आनन फानन में शादी हो गई और हम वहां से कहीं दूर जाकर शिफ्ट हो गए सब से रिश्ता तोड़कर। इधर शर्मा अंकल और मेरे पापा की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। मैं नई उम्मीद के साथ नई जिंदगी की शुरुआत की। मैं अनु का इलाज करवाया अनु का नकली पैर लगवाया जिसकी वजह से वह अब चलने लायक हो गई थी । पढ़ी-लिखी तो थी ही मेरे प्रेम और हौसले ने उसके इरादे को मजबूत किया और आज वह यूपीएससी की टॉपर बनी है…….।
तभी फोन की घंटी बजने लगी मेरा ध्यान टूटा मैं ख्वाब से हकीकत में आया। जितने भूले बिसरे लोग थे जिसने मुझे त्यागा सभी का कॉल आ रहा था हमारी अनु की सफलता पर, आज फोन की ध्वनि भी मुझे शोर लग रही थी क्योंकि अनु के चर्चे उनके कानों तक शोर के स्वर की तरह बैरियर बन गई थी, उनके जीवन में। और उसी ताने रूपी शोर को पॉजिटिव के साथ देखते हुए हमने अपना कैरियर बना लिया…….।
जल्दी से घर पहुंच कर मैं अनु को खुशखबरी दी प्यारी सी झप्पी देते हुए कहा अब करियर बन गया अब जल्दी से हम लोग मां पापा भी बन जाए। वो कैसे???
मुंह मीठा करो वह मैं बाद में बताऊंगा दोनों एक दूसरे के बाहों में खो जाते हैं नई खुशी के साथ…….।
