ऐतिहासिक चित्रों को दर्शाने वाले पत्थर
सदाबहार जंगलों और वन्य जीवन से दूर इस जगह पर मौजूद विशाल चट्टान संरचनाओं में ऐतिहासिक चित्रों को दर्शाने वाले रॉक आश्रयों के पांच समूह मौजूद हैं।
Bhimbetka rock shelters: भीमबेटका को मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में गिना जाता है। यह अपने यहाँ पायी जाने वाली शानदार शैलाश्रय के लिए दुनिया भर में विख्यात है। सदाबहार जंगलों और वन्य जीवन से दूर इस जगह पर मौजूद विशाल चट्टान संरचनाओं में ऐतिहासिक चित्रों को दर्शाने वाले रॉक शेल्टर के पांच समूह मौजूद हैं। इन रॉक शेल्टर्स में आसपास के गाँवों में रहने वाले लोगों के जीवन, उनकी परंपराओं और संस्कृति के विविध रूपों और यहाँ के चट्टानों के चित्रों में कई महत्वपूर्ण समानता है।
इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है और इस जगह को देखने के लिए दुनिया भर से हर साल लाखों सैलानी आते हैं।
भीमबेटका रॉक शेल्टर का इतिहास

भीमबेटका रॉक शेल्टर का इतिहास की बात की जाए तो सन 1888 में भारत के पुरातत्व अभिलेखों ने इसे एक बौद्ध स्थलचिह्न के रूप में सूचीबद्ध किया। भीमबेटका के यह रॉक शेल्टर हमारे देश के मनुष्य के प्रारंभिक जीवन के उत्कृष्ट ऐतिहासिक अवशेषों को कलात्मक तरीक़े से प्रदर्शित करते हैं। इनमें पाषाण युग के कुछ चित्र हैं जो बाद में भीमबेटका रॉक शेल्टर में पाए गए। यह तक़रीबन 31,000 वर्ष से अधिक पुराने हैं और इस जगह के ऐतिहासिक महत्व को ज़ाहिर करते हैं। इस जगह पर मौजूद कलात्मक गुफाओं ने समय के साथ-साथ अपने आपको निखारने का काम किया है। यही वजह है कि यह पर्यटन की दृष्टि से एक आदर्श स्थल हैं। चट्टानों पर बने डिज़ाइन इतने बढ़िया और उत्कृष्ट हैं कि वैज्ञानिकों भी यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि यह कभी पूरी तरह से पानी में डूबा हुआ था।
भीमबेटका गुफा को लेकर पौराणिक मान्यता

भीमबेटका गुफा को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस जगह पर महाभारत काल में अपने अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इस जगह को कुछ समय के लिए अपना आश्रय स्थल बनाया था और इस जगह पर आकर रहे थे और इसी वजह से महाबली भीम के नाम ओर इस जगह का नाम भीमबेटका पड़ा। रायसेन स्थित भीमबेटका की इन गुफाओं में हमारे पूर्वजों के द्वारा बनाई गई तरह तरह की पेंटिंग्स मिलती हैं, जिन्हें देखकर कोई बाई उस समय के जीवन और माहौल का अनुमान लगा सकता है। इन गुफाओं में मौजूद चित्रकारी को पुरातत्विदों ने 1000 वर्षों से भी पुराना बताया है। इस जगह पर मौजूद सभी छोटी बड़ी गुफाओं को मिला दे तो इनकी संख्या 500 से भी कहीं ज़्यादा है।
भीमबेटका की यात्रा का सबसे अच्छा समय

भीमबेटका रॉक शेल्टर की यात्रा वर्ष के किसी भी महीने में की जा सकती है, लेकिन सबसे अच्छा और उपयुक्त समय अक्टूबर से अप्रैल के मध्य सर्दियों का होता है। इन महीनों के दौरान, इन स्थलों की यात्रा के लिए दिन ठंडे होते हैं अन्यथा गर्मी के दिनों में यहाँ बहुत ज़्यादा गर्मी होती है। गर्मी का यह मौसम अत्यधिक आर्द्र और बहुत गर्म होता है, जिससे घूमना और यहाँ की सुंदरता को देखना असहज हो जाता है। इस जगह पर यदि आते हैं तो भीमबेटका रॉक शेल्टर के आसपास घूमने की कई जगहें हैं।
1. होशंगाबाद

भीमबेटका की यात्रा के दौरान आप होशंगाबाद की भी यात्रा कर सकते हैं। यह काफ़ी अच्छी और लोकप्रिय जगह है हो आपको नर्मदा नदी के सौंदर्य और ख़ूबसूरती से रूबरू कराती है। नर्मदा के शांतिपूर्ण नदी के तट पर बैठकर विश्राम करने का जो लुत्फ़ है वह इसी जगह पर आकर ही उठाया जा सकता है। यह पूरा जिला प्रकृति के ख़ूबसूरत उपहारों और ऐतिहासिक महत्व के स्मारकों से भरा है। इसका नाम होशंगाबाद शाह होशंग के नाम पर पड़ा है जो कभी मालवा क्षेत्र के राजा हुआ करते थे। इस जगह पर आकर आप एक शांत सर्द हिल स्टेशन पर समय बिताने के साथ साथ पचमढ़ी और आदमगढ़ की ख़ूबसूरत पहाड़ियों का नज़ारा देख सकते हैं।
2. भोजेश्वर मंदिर

भोजेश्वर मंदिर भीमबेटका के बिल्कुल ही नज़दीक है। इस जगह पर लोग अपनी आस्था और श्रद्धा को ज़ाहिर करने के लिए आते हैं। यह मंदिर अन्य मंदिरों से थोड़ा अलग लगता है। इस मंदिर की दीवारों पर घोड़ों, हाथियों, पशु सवारों और लड़ने वाले जानवरों की छवियां उकेरी गई हैं जो उस समय की कहानियों को दर्शाती हैं। इस जगह पर मौजूद गुफाओं में बाघ, शेर, हाथी, मगरमच्छ और सरीसृप अच्छी तरह से प्रदर्शित किए गए हैं। जिसे देखने के लिए देश के कोने कोने से लोग आते हैं।
3. भोपाल

भोपाल से होकर ही ज़्यादातर लोग भीमबेटका देखने के लिए जाते हैं, जोकि इस जगह से महज़ 45 किमी की दूरी पर स्थित है। झीलों के इस शहर में आकर आपको ऐसा लगेगा कि किसी जादुई दुनिया में आ गए हैं। इस जगह की भौगोलिक स्थित और यात्रा के वक़्त परस्पर बदलते दृश्य आपके अंतर्मन को जीवंत कर देंगे। इस जगह के पर्यटन स्थल काफ़ी ख़ूबसूरत और जीवन आधुनिक कला और संस्कृति से भरपूर है। इस जगह पर आप आएँगे और इसे समझने की कोशिश करेंगे तो आपका मन करेगा कि इस जगह पर हमेशा हमेशा के लिए बस जायें।
भीमबेटका रॉक शेल्टर कैसे पहुँचे

भीमबेटका रॉक शेल्टर मध्य भारत में स्थित सबसे आकर्षक स्थल है। यदि आप इस साइट पर जाने के इच्छुक हैं तो आपके लिए परिवहन के सभी तरह के साधन मौजूद हैं। यह दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बैंगलोर जैसे सभी नगरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। निम्नलिखित परिवहन साधन हैं जो आपकी यात्रा को आरामदेह बनाएँगे।
एयर द्वारा

भीमबेटका के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है पर राजा भोज हवाई अड्डा जिसे लोग भोपाल हवाई अड्डे के नाम से भी जानते हैं, केवल 48 किमी दूर है। आप भोपाल हवाई अड्डे पर पहुंचकर टैक्सी लेकर भीमबेठका पहुंच सकते हैं।
रेल द्वारा

भीमबेटका का निकटतम रेलवे स्टेशन भी भोपाल ही है जोकि केवल 45 किमी दूर है। इस रेलवे स्टेशन से ट्रेन मार्ग चुनें और बाद में टैक्सी किराए पर लेकर भीमबेटका पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग से

भोपाल देश के सभी महानगरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सार्वजनिक परिवहन और निजी वाहनों के ज़रिए इस जगह पर आसानी से पहुंचा जा सकता है, लेकिन कठिन रास्तों की वजह से बसों और टैक्सियों से लम्बा सफ़र करना थाकने वाला होता है।
