कौसानी मार्च के महीने में
कौसानी मार्च के महीने में

घूमने और अपनी छुट्टियों को व्यतीत करने की ख़ूबसूरत जगह

कौसानी से त्रिशूल, नंदा देवा और पंचकुली जैसी हिमालय की चोटियों के शानदार और मनोरम दृश्य दिखाई देते हैं। चीड़ के घने पेड़ों से घिरी इस जगह पर जाकर आप बैजनाथ कत्यूरी, सोमेश्वर और गरुड़ की सुंदर घाटियों का अद्भुत नजारा देख सकते हैं। 

बागेश्वर जिले में स्थित कौसानी देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। जिसकी वजह से इस जगह पर देश भर से लोग घूमने और अपनी छुट्टियों को व्यतीत करने के लिए आते हैं। इस छोटे से हिल स्टेशन की कई खाशियतें हैं पर सबसे ख़ास बात यहाँ की मनोहारी और ख़ूबसूरत पहाड़ियाँ हैं। इस जगह से त्रिशूल, नंदा देवा और पंचकुली जैसी हिमालय की चोटियों के शानदार और मनोरम दृश्य दिखाई देते हैं। चीड़ के घने पेड़ों से घिरी इस जगह पर जाकर आप बैजनाथ कत्यूरी, सोमेश्वर और गरुड़ की सुंदर घाटियों का अद्भुत नजारा देख सकते हैं। 

कौसानी को इसलिए भी जाना जाता है क्योंकि यह हिंदी के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत की जन्मस्थली भी है। दूसरे, महात्मा गांधी अनाशक्ति योग पर अपने काम को पूरा करने के लिए कौसानी में 12 दिनों की अवधि के लिए रुके थे और उन्होंने इस जगह को भारत का स्विट्ज़रलैंड कहा था। सुंदर और मनोहर पहाड़ियों के अलावा कौसानी मंदिरों, आश्रम और चाय के बागानों के लिए भी जाना जाता है। अगर कभी आपका कौसानी जाने का प्लान बनें तो इन जगहों पर जाना बिल्कुल भी नहीं भूलें।

1. रुद्रधारी जलप्रपात 

रुद्रधारी जलप्रपात उन घुमक्कडों की सबसे पसंदीदा जगह है जो ट्रेकिंग और कैम्पिंग का शौक़ रखते हैं। आदि कैलाश क्षेत्र के ट्रेकिंग रूट पर स्थित यह जलप्रपात वास्तव में बहुत ही सुंदर है। इस जगह पर जाने के लिए कौसानी से तक़रीबन बाहर किमी की दूरी तय करनी पड़ती है पर पूरा रास्ता हरे भरे दृश्यों से भरा है। इस जगह पर खेती भी ख़ूब की जाती है और रास्ते में फ़सलों से लहराते खेत मन को मोह लेते हैं। 

2. ग्वालदम

गढ़वाल और कुमाऊँ के बीच बसा ग्वालदम किसी ज़माने में एक बहुत बड़ा व्यापार का केंद हुआ करता था। इस जगह से तमाम तरह की वस्तुओं की ख़रीददारी और बिक्री हुआ करती थी। यह जगह एक तरह से कुमाऊँ और गढ़वाल को एक दूसरे से जोड़ने का काम करता है और अपनी भौगोलिक स्थित की वजह से देश भर के सैलानियों को अपनी तरफ़ आकर्षित करता है। इस जगह से हिमालय की नंदा देवी और नंदा घुटी जैसी चोटियों का का नज़ारा बहुत ही ख़ूबसूरत दिखता है।   

3. बैजनाथ मंदिर

भगवान बैजनाथ को चिकित्सकों के भगवान की संज्ञा दी जाती है और सम्पूर्ण हिमालय को पारम्परिक और औषधीय जड़ी बूटियों की खान कहा जाता है। इसलिए भगवान शिव के बैधनाथ को समर्पित इस मंदिर का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है। इस जगह पर आकर मन में असीम शांति की अनुभूति होती है। ऐसा बताया जाता है कि इस प्राचीन मंदिर को 13वीं शताब्दी के आसपास बनवाया गया था। 

4. अनासक्ति आश्रम

कौसानी में स्थित अनासक्ति आश्रम वह जगह है जहां पर महात्मा गांधी जी कुछ दिन तक रहे थे। यह जगह उनको काफ़ी पसंद आयी थी और उन्होंने इस जगह पर रहकर अनासक्ति योग लिखा था, जो लोगों को निःस्वार्थ कर्म का सार बताता है। इस जगह पर एक आश्रम है जिसमें महात्मा गांधी की एक प्रतिमा प्रतिष्ठित की गई है। यह पर्यटकों को अपनी तरफ़ आकर्षित करती है और घूमने के लिए कौसानी के शीर्ष दर्शनीय स्थलों में गिनी जाती है। 

5. कौसानी टी एस्टेट

कौसानी टी एस्टेट को अपने आसपास के कभी न खत्म होने वाले नज़ारों और चाय बागानों के लिए जाना जाता है। यह जगह देखने में जितनी मनमोहक लगती है उतनी ही अच्छी इस जगह पर चाय की खेती भी की जाती है। यही कारण है कि कौसानी आने वाले पर्यटक इस जगह पर आना नहीं भूलते हैं। इन बागानों की चाय देश में तो उपयोग की ही जाती है। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जर्मनी जैसे कई देश इस जगह से चाय का आयात भी करते हैं। 

6. सोमेश्वर वैली

सोमेश्वर घाटी कौसानी से कुछ ही किमी की दूरी पर स्थित एक ऐसी जगह है जो अपनी असीम ख़ूबसूरती के बावजूद पर्यटकों की नज़रों से दूर है। कोसी और साईं दो नदियों के तट पर स्थित इस घाटी को अपनी असीम ख़ूबसूरती के लिए जाना जाता है। देवदार से ढँके पहाड़ एक तरफ़ हमारे मन को लुभाने का काम करते हैं तो दूसरी तरफ़ इस जगह से सीढ़ीदार खेतों का अद्भुत नज़ारा दिखाई देता है। इस घाटी में आप कैम्पिंग और ट्रेकिंग का भी मज़ा ले सकते हैं।

7. रानीखेत

रानीखेत एक छावनी क्षेत्र है बावजूद इसके इस जगह पर घूमने टहलने की इतनी सारी जगहें हैं कि यह देश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शुमार किया जाता है। इस जगह के पर्यटन स्थल और जैव विविधता दोनों ही सैलानियों को अपनी तरफ़ आकर्षित करती हैं। यह जगह अभी भी सदियों पुरानी शाही और औपनिवेशिक विरासत को समेटे हुए है। इस जगह पर सैन्य अस्पताल, कुमाऊं रेजिमेंट और नागा रेजिमेंट है, जिसकी देखभाल भारतीय सेना करती है। इस जगह पर एक गोल्फ कोर्स भी जो एशिया का सबसे ऊँचाई पर बना गोल्फ कोर्स है।

8. सुमित्रानंदन पंत आश्रम

सुमित्रानंदन पंत का जन्म कौसानी में ही हुआ था जिसका ज़िक्र उन्होंने अपनी तमाम रचनाओं में भी किया है। वह आधुनिक भारत के सबसे प्रसिद्ध कवियों में से एक थे। वर्तमान में कौसानी स्थित उनके पुश्तैनी घर को एक सरकारी संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। इस संग्रहालय में उनकी कविताओं की मैनुस्क्रिप्ट्स, साहित्यिक कार्यों के ड्राफ्ट,  दैनिक उपयोग की कई वस्तुओं, पत्रों, तस्वीरों और पुरस्कारों को रखा गया है।

9. लक्ष्मी आश्रम

इस जगह पर एक और आश्रम है जिसे 1964 में महात्मा गांधी की एक स्टूडेंट ने इसे बनाया था। कैथरीन हिलमैन के द्वारा बनवाया गया यह आश्रम कौसानी में स्थानीय महिलाओं के लिए समर्पित प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। इस आश्रम में, महिलाओं को खाना पकाने, सिलाई करने, सब्जियां उगाने और जानवरों की देखभाल करने जैसे कई सामुदायिक कौशल सिखाए जाते और उससे सम्बंधित शिक्षा दी जाती है।

10. स्टारगेट वेधशाला

कौसानी में स्थित स्टारगेट ऑब्जर्वेटरी खगोलीय पिंडों की एक प्राइवेट ऑब्जर्वेटरी है। यह एस्ट्रोफोटोग्राफी को पसंद करने वालों के लिए एक रोमांचक जगह है। इस जगह  पर स्कूलों, शौकिया खगोलविदों, फोटोग्राफरों के लिए वर्कशॉप का आयोजन होता है। इस जगह से चंद्रमा, स्टार क्लस्टर, नेबुला, दूर की आकाशगंगा, स्टारगेजिंग और एस्ट्रोफोटोग्राफी जैसे आकाशीय पिंडों का अवलोकन किया जाता है। इस जगह पर विज्ञान और प्रकृति प्रेमी के लिए एक खगोल संग्रहालय भी है। कोई भी वेधशाला से दिन के समय सूर्य की चमक और उसकी सतह की विशेषता देख सकता है।

कौसानी कैसे पहुंचे

कौसानी उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में स्थित है जो कि देश का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। कौसानी का नज़दीकी हवाई अड्डा पंतनगर और निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। आप निजी वाहन, सरकारी बसों और टैक्सियों के द्वारा भी इस स्थान पर पहुँच सकते हैं। आप यहां आस-पास के क्षेत्रों से स्वयं ड्राइविंग पर भी विचार कर सकते हैं।