भौतिक ह्रदय के पीछे एक अदृश्य हृदय है: Spiritual Thoughts
Spiritual Thoughts

Spiritual Thoughts: अदृश्य अस्तित्व, अथवा आत्मा का परम महत्त्व है। निद्रा के समय आप दृश्य मानव से अनजान रहते हैं, परन्तु अपने आप के प्रति सचेत अवश्य हैं, क्योंकि जागने पर आप जानते हैं कि आप ठीक से सोए अथवा नहीं। अत: आपका अदृश्य अस्तित्व वास्तविक है।

मनुष्य अदृश्य है, ऐसा सोचना हास्यास्पद लगता है। प्रतिदिन भौतिक शरीर के रूप में हम अपने को दिखाई देते हैं। परन्तु अनेक प्रकार से हम अपनी वास्तविक अदृश्यता को प्रकट करते हैं। उदाहरण के लिए, अपनी आंखें बन्द करें। आपके लिए अब आपका शरीर अदृश्य हो गया है, आप कैसे जानते हैं कि आपका अस्तित्व है? आप शरीर के भार के प्रति सचेत हैं, आप सुन सकते हैं, गन्ध ले सकते हैं, स्वाद ले सकते हैं और स्पर्श कर सकते हैं। फिर भी आप अपने लिए केवल विचार रूप में वास्तविक हैं। आप एक अदृश्य केन्द्र हैं, जिसके चारों ओर अनेक प्रकार घूम रहे हैं। अब अपनी आंखें खोलें। क्या आप यह शरीर हैं जिसे आप देख रहे हैं, अथवा वह आन्तरिक प्राणी हैं जिसके प्रति आप अभी बन्द आंखों द्वारा जागरूक थे?

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दृश्य मानव का महत्त्व बहुत कम है, अदृश्य अस्तित्व, अथवा आत्मा का परम महत्त्व है। निद्रा के समय आप दृश्य मानव से अनजान रहते हैं, परन्तु अपने आप के प्रति सचेत अवश्य हैं, क्योंकि जागने पर आप जानते हैं कि आप ठीक से सोए अथवा नहीं। अत: आपका अदृश्य अस्तित्व वास्तविक है। उसे हटा दें तो आपकी बाह्यï दृश्यमानता निरर्थक हो जाती है। अदृश्य अस्तित्व के बिना शरीर का शव के समान बेकार हो जाएगा। अन्तर में अदृश्य मानव ही वास्तविक है लेकिन आश्चर्य की बात है कि व्यक्ति विश्लेषण करने का प्रयास ही नहीं करता कि यह अदृश्य अस्तित्व क्या है? वह जिस शरीर को देखता है उसी में इतनी रुचि रखता है तथा वह सदैव अपने भौतिक रूप-रंग और कल्याण के विषय में ही सोचता रहता है। उसके पास यह सोचने के लिए बिल्कुल भी समय नहीं है कि आन्तरिक अदृश्य अस्तित्व ही वास्तविक है।

भौतिक शरीर के भीतर, यद्यपि भौतिक नेत्रों द्वारा अदृश्य, प्रकाश का एक समरूप शरीर है, जो आत्मा का सूक्ष्म आवरण है। यदि आपकी कोई एक उंगली कट जाए तो भी आप अनुभव करते हैं कि जैसे वह उंगली अभी भी है। कोई व्यक्ति जिसका कोई अंग-भंग हो गया है, वह इस संवेदना को जानता है। शरीर के सभी अंगों का एक अदृश्य सूक्ष्म प्रतिरूप होता है। आपके भौतिक हृदय के पीछे एक अदृश्य हृदय है। इसकेबिना आपका प्रकट रूप से दिखाई देने वाला हृदय नहीं धड़क सकता। आपके पास देखने एवं सुनने के अदृश्य अंग हैं, एक अदृश्य मस्तिष्क है, अदृश्य हड्डिïयां और नाड़ियां हैं। प्रकाश और ऊर्जा से बने इन अंगों से अदृश्य मानव का सूक्ष्म शरीर बनता है। सूक्ष्म शरीर ठीक दृश्यमान शरीर जैसा दिखाई देता है, सिवाय इसके कि उसका आकार, प्रकाश और ऊर्जा से बना होने के कारण अत्यधिक सूक्ष्म है।

यदि आप शारीरिक रूप से पीड़ित हैं तो आपको यह नहीं कहना चाहिए, ‘मेरी दृष्टि चली गई है अथवा ‘मैंने अपना हाथ खो दिया है। आपकेअदृश्य नेत्र और हाथ अभी भी विद्यमान हैं। चाहे आपकी भौतिक भुजा को लकवा मार गया हो, फिर भी आपकी अदृश्य भुजा अपंग नहीं है। कदापि यह विश्वास न करें कि अदृश्य अंग किसी भी प्रकार से शारीरिक अंगों की बिमारियों से प्रभावित हुए हैं, क्योंकि आपके नकारात्मक विचार के कारण भौतिक शरीर के अंगों में प्रज्ञाशील जीवनी ऊर्जा का प्रवाह बाधित हो जाएगा।

विद्युत तरंगें तार द्वारा प्रवाहित होती हैं। किसका महत्त्व अधिक है, तार का या विद्युत का? तार की आवश्यकता केवल विद्युत के प्रवाह के लिए है, विद्युत तार के लिए नहीं बनी है। उसी का प्रकार शरीर अदृश्य मानव अर्थात्ï आत्मा के प्रयोग के लिए बना है, न कि आत्मा शरीर के लिए। कितने खेद की बात है कि यह अदृश्य आत्मा शरीर के साथ बंध गई है यदि ऐसा न होता, तो हम पानी पर चल सकते, आकाश में उड़ सकते और फिर भौतिक शरीर में वापस आ जाते।