Editorial Review: आज हम जिस समय में जी रहे हैं वहां स्वस्थ होना हमारे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि हो सकती है क्योंकि जिंदगी बहुत अनिश्चित हो गई है। हम सभी इसी डर से जी रहे हैं कि कब न जाने क्या हो जाए! यह क्या हो जाए वाला जो अहसास है वो पिछले कुछ एक दशक में बढ़ गया है। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और थायरॉइड के बाद अब दिल का दौरा भी आम बात हो गई है। बॉलीवुड भी इससे अछूता नहीं रहा, वे लोग जिनका खानपान और जीवनशैली आम जिंदगियों से कहीं बेहतर होना चाहिए, वहां ऐसी घटनाएं हर दूसरे-तीसरे महीने सुनने में आ रही हैं। हमारा मकसद आपको डराना नहीं सतर्क करना है इसलिए अगस्त अंक में हम अपने पाठकों के लिए ‘वुमेन हेल्थ‘ विशेषांक लेकर आए हैं। इस बार हम हार्मोनल बदलाव की बात करेंगे। महिलाओं में पीसीओडी, अनियमित माहवारी, रसौली, इत्यादि समस्याएं पिछले कुछ सालों में बढ़ गई हैं। आज हर दूसरी महिला इन कारणों से परेशान और तनावग्रस्त है। पत्रिका के माध्यम से प्रयास किया गया है कि महिलाओं में होने वाले हार्मोनल उतार- चढ़ाव के हरेक बिंदु पर बात की जाए। यदि कोई पक्ष हम से छूट जाता है तो निवेदन है कि आप पत्रों के माध्यम से हमें सुझाव दें।
स्वास्थ्य के साथ हमने अन्य विषयों पर भी प्रकाश डालने का प्रयास किया है जैसे- बैंक लॉकर में रखी आपकी ज्वेलरी क्या वाकई सुरक्षित है? अगर आप इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो लेख पढ़ें और सतर्क रहें। भाई-बहन का त्यौहार आने वाला है, उस पर आप विशेष तैयारी करना चाहती हैं तो लेख जरूर पढ़ें। अंत में यही कि स्वस्थ रहें और प्रसन्न रहें।
आपकी….
वंदना वर्मा
