Kanwar Yatra Dance/Anuradha Paudwal
Kanwar Yatra Dance/Anuradha Paudwal

Summary: अनुराधा पौडवाल ने कांवड़ यात्रा में होने वाले अश्लील डांस पर सख्ती से कहा बंद करो ये नॉनसेन्स

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कांवड़ यात्रा के दौरान ट्रक पर अश्लील डांस करते लोग नजर आए। यह दृश्य बस्ती, उत्तर प्रदेश से सामने आया और देशभर में आस्था से जुड़े लोगों की भावनाओं को आहत कर गया। इस वीडियो पर भक्ति गीतों की प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे धार्मिक संस्कृति का अपमान बताया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "ये नॉनसेंस बंद करो प्लीज़।"

Anuradha Paudwal on Kanwar Yatra: भारत एक ऐसा देश है जहां आस्था और परंपरा जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। विशेषकर सावन का महीना आते ही भगवान शिव के भक्तों की श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत दृश्य कांवड़ यात्रा के रूप में देखने को मिलता है। लेकिन हाल ही में एक वायरल वीडियो ने इस आस्था भरे दृश्य को विवादों के घेरे में ला दिया है। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला से सामने आए इस वीडियो में कुछ लोग कांवड़ लेकर लौटते समय चलते ट्रक पर अश्लील नृत्य करते नजर आए और यही दृश्य बन गया सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र। इस अश्लील वीडियो पर गायिका अनुराधा पौडवाल ने भी सख्ती से कमेन्ट किया है। 

इस वीडियो में साफ रूप से देखा जा सकता है कि दो लड़कियां अश्लील तरीके से डांस कर रही हैं। इस वीडियो को देखकर न सिर्फ आम जनता बल्कि भक्ति संगीत की प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल भी आहत हुई हैं। अनुराधा पौडवाल की पहचान उनके भजन और धार्मिक गीतों से जुड़ी है, उन्होंने सोशल मीडिया पर इस वीडियो की कड़ी निंदा की। फ्री प्रेस जर्नल के अनुसार, उन्होंने कहा कि “ये नॉनसेंस बंद करो प्लीज़!” उनका गुस्सा सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उस सांस्कृतिक और धार्मिक चेतना से जुड़ा था, जो सालों से कांवड़ यात्रा की आत्मा रही है।

जहां एक ओर लोग इस घटनाक्रम को धार्मिक भावनाओं का अपमान बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे आस्था के उत्सव का आधुनिक रूप मान रहे हैं। कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी वायरल वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताई है। X पर वीडियो शेयर करते हुए कुछ लोगों ने इस डांस को ‘अश्लील’ बताया। एक यूजर ने लिखा, “योगी जी के भक्तों, ये है कांवड़ का असली रूप, मस्ती से भरपूर। क्या भोले शंकर ने भी अपने दरबार में ऐसा मंच बनाया था? क्या ये नाचने वाली लड़कियां शंकर जी के दरबार की हैं?” एक यूजर ने लिखा, “क्या भोलेनाथ के दरबार में भी ऐसे नाच होते थे?” तो वहीं किसी ने कमेन्ट किया, “कांवड़ लाने वालों को मनोरंजन का हक नहीं क्या?”

कांवड़ यात्रा एक पवित्र यात्रा है, जिसमें भोले बाबा के भक्त गंगा नदी से जल लाकर उन्हें अर्पित करते हैं। यह यात्रा सिर्फ एक चलन नहीं, बल्कि तपस्या, अनुशासन और समर्पण का प्रतीक है। पहले जहां यह यात्रा नंगे पांव, मौन रहकर और साधना के रूप में पूरी की जाती थी, वहीं अब इसमें डीजे, तेज संगीत, नाच, गाना और अब अश्लीलता भी जुड़ गई है। यह परिवर्तन सिर्फ दृश्यात्मक नहीं, बल्कि गहराई से धार्मिक मूल्यों को भी प्रभावित कर रहा है।

अनुराधा पौडवाल सिर्फ एक गायिका नहीं, बल्कि उस भक्ति संस्कृति की प्रतीक हैं जिसने भारतीय संगीत और धर्म को जोड़ने का काम किया है। जब वह ऐसी घटनाओं पर खुलकर अपनी राय रखती हैं, तो वह समाज के उस हिस्से की आवाज बनती हैं जो चुपचाप सब कुछ सह रहा है, लेकिन भीतर से टूट रहा है। उनका “नॉनसेंस बंद करो” कहना दरअसल एक चेतावनी है कि अगर हमने धर्म को मनोरंजन बना दिया, तो भावनाओं और परंपराओं की गहराई खो जाएगी।

स्पर्धा रानी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज ने हिन्दी में एमए और वाईएमसीए से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। बीते 20 वर्षों से वे लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट लेखन में सक्रिय हैं। अपने करियर में कई प्रमुख सेलिब्रिटीज़ के इंटरव्यू...