Neem Karoli Baba: उत्तराखंड की सुरम्य वादियों में बसे कैंची धाम आश्रम की महिमा जितनी गहरी है, उतनी ही रहस्यमयी भी। नीम करोली बाबा, जिन्हें उनके भक्त प्रेम से “बाबा” कहते हैं, केवल एक संत नहीं बल्कि आस्था और चमत्कार का प्रतीक बन चुके हैं। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से दर्शन करने आते हैं और बाबा के चरणों में शीश झुकाकर जीवन की राह पाते हैं।
जब कोई कैंची धाम जाता है, तो वहां से खाली हाथ लौटना कभी भी अच्छा नहीं माना जाता। ऐसा कहा जाता है कि बाबा की कृपा से जुड़ी कुछ चीज़ें वहां से लाना शुभ और फलदायी होता है। ये चीज़ें सिर्फ प्रतीक नहीं होतीं, बल्कि वे ऊर्जा का माध्यम बनती हैं जो भक्त के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती हैं। आइए जानते हैं कैंची धाम से किन-किन चीज़ों को लाना शुभ माना गया है—
प्रसाद
कैंची धाम में मिलने वाला प्रसाद—जैसे मिष्ठान्न, फल या सूखा मेवा—सिर्फ खाने की चीज़ नहीं होती, वह बाबा के आशीर्वाद का प्रतीक मानी जाती है। इसे घर लाकर परिवारजनों में बांटना शुभ माना जाता है।
बाबा की फोटो या चित्र
कैंची धाम से बाबा की एक सुंदर तस्वीर या फ्रेम लाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे अपने पूजा स्थान या घर के शांत कोने में रखने से वातावरण में शांति और सकारात्मकता बनी रहती है।
चंदन या भभूत
कैंची धाम के हवन या पूजा से प्राप्त चंदन, भभूत या राख घर लाना बहुत शुभ माना जाता है। इसे तिलक के रूप में लगाने से मानसिक शांति मिलती है और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है।
माला या रुद्राक्ष
वहां से बाबा के नाम की माला या रुद्राक्ष लेकर आना ध्यान और साधना में सहायक माना गया है। यह मन को एकाग्र करता है और आत्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है।
आश्रम की मिट्टी
कई भक्त कैंची धाम से एक छोटी सी मात्रा में वहां की पवित्र मिट्टी भी लाते हैं। इसे घर के मंदिर में रखने से वातावरण पवित्र होता है और यह बाबा के सान्निध्य का अनुभव देता है।
पुस्तकें और भक्ति साहित्य
वहां बाबा की जीवन गाथा और उपदेशों से जुड़ी कई पुस्तकें उपलब्ध होती हैं। इन्हें घर लाना और पढ़ना न सिर्फ श्रद्धा को गहरा करता है बल्कि जीवन के कई उलझे सवालों का समाधान भी मिलता है।
