यूं तो ये धरती ही भगवान की बनाई हुई किसी करिश्मे से कम नहीं हैं। लेकिन आज हम बात करेंगे हिमाचल प्रदेश के उन दों अद्भुत मंदिरों के बारे में जहां पर भगवान का चमतकार आज भी बरकरार है। हम बात कर रहे हैं हिमाचल में स्थिक कालका जी मंदिर और मनिकर्ण मंदिर की। 
जी हां, यह दोनों मंदिर ऐसे हैं जिनमें आप जा कर भगवान की कुदरत देख हैरान हो जाएंगे। क्योंकि एक मंदिर में खुद ब खुद ज्वाला जल रही हैं तो वहीं दूसरे मंदिर में जमीन से उबलता हुआ गर्म पानी निकल रहा है। 
पहले बात करते हैं ज्वाला जी मंदिर की, इस मंदिर में ऐसी कई जगह हैं जहां बिना तेल जोती और दिए के ‘लौ जल’ रही हैं। इस भगवान के कुदरती करिश्में को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। मंदिर के पुजारी जल रही कुदरती लौ पर भक्तों को दिखाने के लिए पानी भी डाल कर दिखाते हैं। चौंकने की बात तो यह है कि पानी डालने के बाद भी लौ को कोई फर्क नहीं पड़ता है।  
अब हम बात करेंगे मनिकर्ण मंदिर की, यह मंदिर बेहद विशाल पहाड़ों के बीच में हैं। लेकिन चमतकारी बात ये है कि यहां जमीन से खौलता हुआ पानी निकलता है। इस पानी से वहां के गुरुद्वारें का खाना भी पकाया जाता है। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह पानी कितना गर्म होता होगा। सोचने वाली बात तो ये है कि यह पानी खुद ब खुद इतना ज्यादा गर्म कैसे हो रहा है जिसमें खाना भी बनाया जा रहा है? अब कुछ भी हो, यह तो साफ है कि भगवान का करिश्मा आज भी बरकरार है। 
यह तो हो गई इन दों मंदिरों कि बातें लेकिन आपको बता दें हिमाचल में ऐसे कई मंदिर हैं जहां भगवान का करिश्मा आज भी देखने को मिलता है। जिसे देखने लोग दूर-दूर से जाते हैं।  
 
यह भी पढ़िए-