Women Entrepreneurs: औरतें क्या नहीं कर सकती?
अगर पुरुषों से पूछा जाए तो अधिकतर पुरुषों का यही मानना है कि औरतें केवल किचन संभाल सकती हैं। कई प्रोग्रेसिव पुरुष होते हैं जो महिलाओं को घर से बाहर निकलकर काम करने देते हैं। लेकिन यह वाक्य खुद में ही पितृसत्तात्मकता की आवाज नहीं करता। क्योंकि पुरुषों को तो कभी बाहर निकलकर काम करने जाने के लिए किसी महिला की इजाजत नहीं लेनी पड़ी है।
फिर कोई पुरुष ये क्यों कहता है कि हां, महिलाएं भी बाहर निकल कर काम कर सकती हैं। कर सकती हैं….। सकना। ये जो शब्द है- सकना… वही थोड़ा कंट्रोवर्सियल हो जाता है। क्योंकि जिस तरह से पुरुष बाहर निकलते हैं और काम कर लेते हैं वैसी ही महिलाओं के लिए भी यह सामान्य बात होनी चाहिए। सिंपल सी बात है महिलाएं बाहर निकल रही हैं तो आगे काम करेंगी ही। इसमें कुछ भी अचंभित होने वाली बात तो है नहीं। हां महिलाओं के काम अचंभित करने वाले हो सकते हैं। जैसे कि मेघना सरावगी का बिजनेस का आइडिया बिल्कुल अलग है। सोनाक्षी नथानी तो लोकल उद्यमी को ही नये मौके देने का काम कर लोगों को हैरान कर रही हैं कि ऐसा भी किया जा सकता है। ऐसी ही अन्य कई महिलाओं के बारे में जानेंगे जो अपने स्टार्टअप्स के जरिये पूरी दुनिया को हैरान कर रही हैं और जिनके आने वाले सालों में बूम करनी की संभावना काफी है।
मेघना सरावगी- चीजों को वर्चुअली ट्राय करें ऑनलाइन शॉपिंग

मेघना सरावगी 2022 की उभरती हुई उद्यमी है। आने वाले समय में इनकी कंपनी के हिट होने की संभावना इसलिए अधिक है क्योंकि इन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग के अनुभव को और अधिक आसान बनाया है। अब तक हमलोग ऑनलाइन शॉपिंग करने के दौरान चीजों की डिस्क्रिप्शन और उनके रिव्यूज़ पढ़कर उन्हें खरीदने का फैसला करते थे। जो कई बार आप पर अच्छी तरह से नहीं जंचती है जिसके कारण आपको उसे रिटर्न करना पड़ता है। इस झमेले को खत्म करने या पूरी तरह से कम करने के लिए मेघना सरावगी की कंपनी ने एक नया ऐप लोगों के लिए लॉन्च किया, जो लोगों को वर्चुअली हर चीजों को ट्राय करने का ऑप्शन देगा।
इस वेंचर की शुरुआत मेघना ने 2014 में StyleDotMe नाम से एक ऐप लॉन्च कर के की थी। इस ऐप के जरिये यूज़र्स अपने दोस्तों और फॉलोअर्स के अलावा दुनिया भर के विशेषज्ञों से राय ले सकते हैं और कई चीजों पर इंस्टेंट पोल्स भी करवा सकते हैं।
इस स्टार्टअप के बाद मेघना की कंपनी ने यूज़र्स की ऑनलाइन शॉपिंग को और अधिक सुगम बनाने के लिए MirrAR नाम का ऐप लॉन्च किया। इस ऐप में लोग ऑगमेंटेड रियलिटी के माध्यम से चीजों को वर्चुअली ट्राय कर सकते हैं। क्लाइंट्स ब्रांड्स के हर चीजों को यूज़र्स अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वर्चुअली ट्राय करके देख सकते हैं। साथ ही इन तस्वीरों को वे सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं।
पिछले तीन वर्षों में StyleDotMe ने अपने ग्राहकों की संख्या को एंटरप्राइज क्लाइंट्स के साथ लिंक कर विकसित किया है। मेघना कहती हैं कि बीते कुछ सालों में ग्राहकों के लिए कन्वर्जन रेट में 160 प्रतिशत की वृद्धि दिखी है और अंगेजमेंट रेट में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कोरोना के बाद उभरने के चांसेस अधिक
कोरोना काल के दौरान अन्य बिजनेस की तरह मेघना की कंपनी भी प्रभावित हुई। इन्हें भी अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती करनी पड़ी। लेकिन ऐसा इकोनॉमी में मंदी होने की वजह से हुआ। अगर दूसरे नजरिये से देखें तो यह कोरोना ही है जिसके कारण इनकी कंपनी अब अपने बूम पर पहुंच सकती हैं। क्योंकि कोरोना काल के बाद से लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग करना काफी आसान लग रहा है।
उपासना दास- बॉर्डरलेस इनक्यूबेटर प्रोग्राम की मालकिन

जब आप पहली बार उपासना दास से मिलेंगी तो आपको बिल्कुल भी नहीं लगेगा कि एक प्यारी सी लड़की एक मिनट में कई सारे पीआर स्ट्रेटेजी को आपके सामने पेश कर सकती है। लेकिन जब आप इनसे बात करेंगी तो आप सुनने के सिवा कुछ नहीं कर पाएंगी। उपासना के पास एक से बढ़कर कई सारे बेहतरीन आइडियाज़ होते हैं और इन्हीं आइडियाज़ के जरिये वे अपने क्लाइंट्स के पीआर को बिल्ड करने का काम करती हैं।
इनकी कंपनी का नाम जाजाबोर ब्रांड कंसल्टेंसी (Jajabor Brand Consultancy) है और वे इसकी फाउंडर और सीईओ हैं। इसके साथ ही ये इंडियारथ प्लैटफॉर्म की को-फाउंडर भी हैं, जो कि इंडिया का सबसे बड़ा बॉर्डरलेस इनक्यूबेटर प्रोग्राम है। उपासना ने बड़ी कंपनी जैसे गूगल, कोका-कोला आदि के साथ काम करने के अलावा 500 से भी ज़्यादा स्टार्ट-अप्स के साथ काम किया है और अब भी वह मार्केट में आने वाले नए स्टार्ट-अप्स, ग्लोबल इनिशिएटिव्स और पॉलिसी थिंक टैंक्स के साथ काम करने को प्राथमिकता देती हैं।
महामारी में की कई कंपनियों की मदद
कोरोना काल में जब कई कंपनियों के वजूद पर सवाल खड़े होने लगे थे तब इनकी कंपनी ने कई सारी कंपनियों की ब्रैंड इमेज बनाने में मदद कर महामारी क्राइसिस से लड़ने और फंड्स इकट्ठा करने में उनकी मदद की। इससे इनकी कंपनी को भी काफी फायदा मिला और इनकी कंपनी ने भी कोरोना के मंदी काल में भी अच्छा प्रदर्शन किया।
अब जब आने वाले समय में कई सारे स्टार्टअप्स और अधिक शुरू हो रहे हैं तो इनकी कंपनी के बूम करने के चांसेस काफी अधिक हैं जिसकी उम्मीद खुद उपासना को भी है।
सोनाक्षी नथानी- ऑनलाइन दुकान खोलने का दिया ऑप्शन

सही काम भी अगर गलत वक्त पर किया जाए तो वह गलत ही होता है। इसी तरह से किसी भी बिजनेस को शुरू करने का एक सही समय होता है। यही काम सोनाक्षी नथानी ने किया है। उन्होंने बिल्कुल सही समय पर अपनी कंपनी बिकाई (bikayi) की शुरुआत की जो एक साल के अंदर ही प्रोफिटेबल कंपनी बन गई। मतलब की इसने एक साल के अंदर ही मार्केट में लाभ कमाना शुरू कर दिया। इसी कारण आज इनकी गिनती सशक्त लीडर और थिंकर के तौर पर होती है।
अब तक उद्यमी अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया का सहारा ले रहे थे। लेकिन व्हाट्सएप मैसेज ऐप पर किसी उद्यमी की नजर नहीं गई थी या उद्यमी इसका फायदा नहीं उठा पाए। लेकिन नथानी ने व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया को अपनी कंपनी का ही पहिया बनाया और कंपनी को हिट करवा दिया।
क्या है बकाई?
बिकाई लोकल मर्चेंट्स के व्यापार को सुगम बनाने का एक ऑनलाइन वेंचर है। अब तक किसी भी लोकल बिजनेस को शुरू करने के लिए एक स्थायी जगह की जरूरत होती थी। अब इस जगह में ऑनलाइन स्टोर खोलने का काम एक एडीशनल काम हो गया था। लोकल बिजनेसमैन के लिए ऑनलाइन स्टोर खोलना सबसे अधिक झमेले का काम होता है। बिकाई ने इसी काम को आसान बनाते हुए लोगों को वॉट्सऐप के माध्यम से अपना बिज़नेस चलाने और प्रॉफ़िट कमाने की राह दिखाई। जुलाई 2020 के आंकड़ों को देखें तो 25,000 मर्चेंट्स के साथ शुरुआत करनेवाली बिकाई ने अब तक एक लाख से भी अधिक मर्चेंट्स के साथ साझेदारी की हुई है और उनके बिजनेस के साथ अपने बिजनेस को भी आगे बढ़ा रही है।
अदिति गुप्ता- Menstrupedia

जिस देश में लोग पीरियड को भी एमसी बोलते हैं या फिर उन दिनों से संबोधित करते हैं उस देश में लोगों को उसकी एबीसीडी पढ़ाने का विचार, अपने आप में ही अलग और बोल्ड है। लेकिन यह बोल्ड बिजनेस आइडिया अदिति गुप्ता ने पूरे आत्मविश्वास से शुरू किया। क्योंकि अदिति को बचपन से ही लगता रहा है कि इस देश में कुछ और चीज की जरूरत हो ना हो लेकिन सबसे पहले इस चीज की जरूरत है कि लोगों को पता चले कि पीरियड क्या है और उस दौरान महिलाओं के शरीर में क्या-क्या परविर्तन होते हैं। इसमें अपवित्र होने जैसी कोई चीज नहीं होता। इसलिए अदिति और उनके पति ने मिलकर साल 2012 में Menstrupedia की शुरुआत की। यहां आपको पीरियड से जुड़ी सारी जानकारियां मिलेंगी। साथ ही मिलेंगे कि इससे किस तरह के अंधविश्वास भी अलग-अलग क्षेत्रों में किस तरह से प्रचलित हैं।
6000 से ज़्यादा स्कूलों में किया जा रहा इस्तेमाल
आज Menstrupedia को 6000 से ज़्यादा स्कूलों में 14 भाषाओं में इस्तेमाल किया जाता है और इसके माध्यम से 10 लाख से ज़्यादा लड़कियों को पीरियड्स से जुड़ी जानकारियां दी जा चुकी है।
खुशबू जैन- Impact Guru

वर्तमान दौर में जब लोग केवल अपने बारे में सोच रहे हैं वहीं खुशबू जैन की Impact Guru कंपनी लोगों को दूसरों के लिए ना सिर्फ सोचने का मौका देती है बल्कि कुछ करने का एक ज़रिया भी देती है। इस कंपनी को खुशबू ने अपने पति पियुष जैन के साथ मिल कर साल 2015 में शुरू किया था। उस वक्त की तत्कालीन यूनियन कैबिनेट मिनिस्टर मेनका गांधी ने इस कंपनी को लॉन्च किया था। ये एक अनोखा डोनेशन-बेस्ड क्राउडफंडिंग प्लैटफॉर्म है जो NGOs, समाजसेवी संस्थाओं और ज़रूरतमंद लोगों के लिए पैसे इकट्ठा करने में मदद करता है। अभी तक इस प्लैटफॉर्म के जरिये अलग-अलग देशों में जरूरतमंद लोगों के लिए 150 करोड़ इकट्ठा किए जा चुके हैं।
ऊपर दिए गए इन बिजनेसवूमेन के आइडियाज़ एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं लेकिन तीनों आइडियाज़ हिट हैं। इनमें केवल एक बात सामान्य है कि इन्होंने बिल्कुल सही समय पर अपने बिजनेस को शुरू किया क्योंकि ये बिजनेस मार्केट में बिल्कुल अलग और नए हैं। इस कारण भी इन बिजनेस के आने वाले समय में उभरने के चांसेस बहुत अधिक हैं।
