भगवान न करे कि कहीं हमको या हमारे किसी रिश्तेदार को खून की सख्त जरूरत पड जाए और खून की उस जरूरत के बदले ब्लड बैंक वाले भी डोनर लाने की बाते करें। ऐसे में नाते, रिश्तेदार भी जवाब दे दें। सोचें करता हालत होगी ?
हमारे देश के विभिन्न अस्पतालों में कुछ ऐसे ही स्थिति से रोजाना कई लोग जूझते हैं और कइयों की जान महज इसलिए चली जाती है, क्योंकि उन्हें समय पर जरूरत के मुताबिक खून नहीं मिल पाता।
ज्यादातर ऐसी हालत दुर्घटनाओं के शिकार लोगों की होती है, जिनके शरीर से भारी मात्रा में खून निकल जाता है। इसी कारण वश ,विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस घोषित किया हुआ है। ताकि लोग रक्तदान के महत्व को समझें। यह दिन कार्ल लैंडस्टेनर नामक वैज्ञानिक का जन्म दिन है जिसने ABO रक्त समूह प्रणाली की खोज की थी
कौन कर सकता है रक्तदान :
* कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी आयु 18 से 68 वर्ष के बीच हो।
* जिसका वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो।
* जिसके रक्त में हिमोग्लोबिन का प्रतिशत 12 प्रतिशत से अधिक हो।
ये नहीं करें रक्तदान :
* महावारी के दौर से गुजर रही महिला।
* बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिला।
हमारे शरीर के कुल वजन का 7 % हिस्सा खून होता है. इसलिए अगर हर व्यक्ति साल में इसका मात्र 3 % भी दान कर दें तो खून की कमी से किसी भी व्यक्ति की जान नही जायेगी.
रक्तदान के लाभ :
आपको बता दें कि खून के दान करने से ना सिर्फ आप सामने वाले के जीवन को बचाते हो बल्कि ये आपके लिए भी कई तरह से लाभदायक होता है तो आओ जानते है कि रक्तदान से खुद को क्या क्या फायदा होता है
Heart Attack & Hemochromatosis Risk को कम करता है । हमारे शरीर में जब आयरन की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, तो Hemochromatosis नाम की बीमारी होती है, इसी कारण अगर आप नियमित रक्तदान करते है, तो ये हमारे शरीर में मौजूद लोहे के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है| जिससे Heart भी हेल्दी बना रहता है और विभिन्न स्वास्थ्य बीमारियों के जोखिम को भी कम होता है।
2. कैंसर के खतरे को कम करता है-शरीर में नई Red Cells मात्रा को बढाता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधकता बढ़ती है|
3. मोटापा कंट्रोल – रक्तदान से शरीर का उच्च रक्तचाप कम होता है और नए रक्त का निर्माण होता है, जिससे ज्यादा वजन वालो का वजन कम होता है ।
4. स्किन अच्छी होती है- ब्लड डोनेशन से नया रक्त और नई Cells बनती है, जो ब्लड को पतला करती है ।जिससे स्किन साफ़ और सुंदर बनती है, यह चेहरे के pimples, दागो को कम कर चेहरे की सुन्दरता भी बढाता है।
5.थैलेसीमिया ,ल्यूकीमिया, हीमोफीलिया जैसे अनेक रोगों से पीड़ित व्यक्तियों के शरीर को बार-बार रक्त की आवश्यकता रहती है ।अन्यथा उनका जीवन खतरे में रहता है जिसके कारण उनको खून चढ़ाना अनिवार्य हो जाता है सड़क दुर्घटना गर्भावस्था सर्जरी वाले व्यक्तियों के शिकार बच्चों को क्षेत्र की आवश्यकता होती है। रक्त से रक्त अवयवों को अलग कर जरूरतमंदों को चढ़ाने से रक्त की बचत होती है।
रक्त आपूर्ति के बारे में तथ्य– चार मुख्य रक्त प्रकार हैं: ए, बी, एबी और ओ।
एक यूनिट रक्त से 04 लोगों की जान बचाई जा सकती है क्योंकि अब रक्त को आवश्यकतानुसार चार रूपों में मरीज को दिया जाता है। रक्त में पाये जाने वाली लाल रक्त कणिकाएं (एरिथ्रोसाइट्स), श्वेत रक्त कणिकाएं (ल्यूकोसाइट्स), रक्त प्लेटलेट्स और रक्त समूह को आवश्यकतानुसार अलग-अलग या एक साथ मरीज को दिया जाता है। दुनिया में 90 प्रतिशत मामलों में रक्त के अवयवों का प्रयोग होता है, जबकि भारत में मात्र 15 प्रतिशत मामलों में ही उनका प्रयोग होता है। यहाँ 85 प्रतिशत मरीजों को पूर्ण रक्त चढ़ा दिया जाता है।
ओ और ए पॉजीटिव ब्लड ग्रुप तीन में से एक आदमी का होता है। वहीं औसतन हर 12 में से एक आदमी का रक्त समूह बी पॉजीटिव होता है। ओ नेगेटिव हर 15 में से एक व्यक्ति का। ए नेगेटिव हर 16 में से एक व्यक्ति का। एबी पॉजीटिव हर 33 में से एक व्यक्ति का। बी नेगेटिव हर पचास में एक व्यक्ति का और एबी नेगेटिव हर सौ में से एक व्यक्ति का ब्लड ग्रुप होता है।
औसत वयस्क के शरीर में लगभग 10 यूनिट रक्त होता है। दान के दौरान लगभग 1 इकाई दी जाती है।
एक स्वस्थ दाता हर 56 दिनों में RBC लाल रक्त कोशिकाओं, या हर 112 दिनों में डबल लाल कोशिकाओं दान कर सकता है।
एक स्वस्थ दाता प्लेटलेट को 7 दिनों के अलावा कम से कम दान कर सकता है, लेकिन साल में अधिकतम 24 बार।
दाता या तो पूरे रक्त या विशिष्ट रक्त घटकों को दे सकते हैं। विशिष्ट रक्त घटकों को दान करने की प्रक्रिया में – लाल कोशिकाओं, प्लाज्मा या प्लेटलेट्स – को एफेरेसिस है।
क्या है प्लेटलेट दान
प्लेटलेट दान के दौरान, आपके रक्त का एक छोटा सा हिस्सा (एक समय में लगभग 120 मिलीलीटर), आपकी बांह से खींचा जाता है और एक परिष्कृत सेल-पृथक मशीन से गुज़रता है। मशीन प्लेटलेट्स एकत्र करती है और आपके शरीर पर वापस कुछ नमकीन के साथ शेष रक्त घटकों को सुरक्षित रूप से लौटाती है। प्लेटलेट निष्कर्षण, या दान के दौरान एकत्रित, को ‘प्लेटलेट एफेरेसिस’ भी कहा जाता है।
रक्तदान करनेवाले व्यक्ति के हीग्लोबीन का स्तर 12.5 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए. इसके अलावा डोनर का पल्स रेट 50 से 100 एमएम बिना किसी अवरोध के होना चाहिए. बॉडी टेंपरेचर और बीपी नॉर्मल होना चाहिए.
यदि देश में 5 प्रतिशत लोग स्वयं ही रक्तदान करें तो आवश्यक रक्त की पूर्ति हो जायेगी। तो फिर देर किस बार की।
