वृंदावन…वो नाम है, जहां भक्त तो जाते ही हैं लेकिन सिर्फ घूमने की ख्वाहिश रखने वाले भी यहां की सैर कर लेना चाहते हैं। यहां पर इतने मंदिर हैं कि घूमते हुए आप थक जाएंगे लेकिन लिस्ट पूरी नहीं हो पाएगी। कई आंकड़े यहां 1000 मंदिर तक होने की बात कहते हैं। जिनके दर्शन जीवन में एक बार तो किए ही जाने चाहिए। अगर आप भगवान कृष्ण के भक्त हैं और आपको घूमने का भी शौक है तो जरूर अभी तक वृंदावन देखने की इच्छा जागृत हो चुकी होगी। इस वक्त यहां के जरूरी पांच मंदिरों के बारे में आपको जरूर जान लेना चाहिए। यहां तक पहुंचने की बात करें तो ये कोई कठिन काम नहीं है। इसके लिए आपको मथुरा तक की ट्रेन मिल जाएगी। फिर आगे के लिए चार पहिया वाहन से ट्रेवल कर सकते हैं। मथुरा से वृंदावन की दूरी करीब 10 किलोमीटर है। यहां से करीबी एयरपोर्ट आगरा है, जो करीब 53 किलोमीटर दूर है। दिल्ली से भी ये जगह बहुत दूर नहीं है। 
प्रेम मंदिर-
प्रेम मंदिर वृंदावन का बड़ा और सुंदर मंदिर है। इसको साल 2001 में जगदगुरु श्री कृपालुजी महाराज ने बनवाया था। इस मंदिर को ‘टेंपल ऑफ गॉड लव’ भी कहा जाता है। मंदिर राधा कृष्ण और सीता राम दोनों के लिए बनाया गया है। 
श्री बांके बिहारी मंदिर-
भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर को देश के मान्यता प्राप्त तीर्थस्तनों में से एक है। इसकी सुंदरता देखते ही बनती है। भक्तों के बीच भी इसकी अलग ही मान्यता है। 
राधा रमन मंदिर-
वृंदावन रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर की दूरी पर बने इस मंदिर को कृष्ण के नाम पर बनाया गया है। राधा रमन का मतलब ही है राधा को खुशी देने वाला। वो तो कृष्ण ही हैं। मंदिर के अंदर गोपाल भट्ट की समाधि भी है। 
रंगनाथन मंदिर-
वृंदावन को मंदिरों का शहर यूंही नहीं कहा जाता है। कई अनोखे मंदिरों का शहर है ये। रंगनाथ मंदिर भी ऐसा ही प्रसिद्ध और जाना-माना मंदिर है। आसपास के क्षेत्र का ये बड़ा मंदिर है। ये विष्णु और लक्ष्मी जी का मंदिर है और इसकी मान्यता भी बहुत है। इतना ही नहीं यहां पर भगवान नरसिम्हा, वेणुगोपाल और रामानुजाचार्य की मूर्तियां भी हैं। 
इस्कॉन मंदिर-
वैसे तो इस्कॉन मंदिर देश भर में हैं और विदेश में भी कई जगह ये मंदिर बनाए गए हैं। लेकिन वृंदावन का इस्कॉन मंदिर देखते ही आपकी आंखें मानो चमक उठेंगी। इस्कॉन के फाउंडर आचार्या स्वामी प्रभुपद ने भगवान कृष्ण और उनके भाई बलराम के नाम पर ये मंदिर बनवाया था। माना जाता है कि इस वृंदावन में दोनों भाई रहे, खेले और खूब समय साथ बिताया। ये मंदिर इस जगह के रमन रति क्षेत्र में बनाया गया है। यहां पर हर रोज आरती के साथ भगवद गीता की क्लास भी होती है। 
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