vikram aur betaal ki hindi story
vikram aur betaal

Vikram or Betaal Story in Hindi : विक्रमादित्य ने शव को वृक्ष से उतारा व कंधे पर लादकर चल दिया।

बेताल हंस कर बोला :- “विक्रम! शमशान भूमि अभी काफी दूर है। तुम अपनी थकान मिटाने व समय काटने के लिए मेरी कहानी क्यों नहीं सुनते?”

और बेताल कहानी सुनाने लगा:-

अवंती के राजा की एक पुत्री थी ‘शशिबाला’। वह सुंदर तथा बुद्धिमती थी। अनेक पड़ोसी राजकुमार उससे विवाह करना चाहते थे।

एक दिन, राजा दरबार में थे, तो एक राजकुमार आया और उसने राजा की अनुमति लेकर कहा कि वह उनकी पुत्री से विवाह करना चाहता है। राजा यह सुन कर प्रसन्न हुए, किंतु वे यह भी जानना चाहते थे कि राजकुमार किन खूबियों के बल पर शशिबाला से विवाह करना चाहता था। राजकुमार ने कहा:- “महाराज! मैं एक निपुण तीरंदाज़ हूं। मैं आंखों पर पट्टी बांधकर भी, बैल की आंख भेद सकता हूं।”

राजा प्रभावित हुए व कहा:- “बहुत अच्छे, पर मुझे पहले राजकुमारी से भी पूछना होगा।” कोई भी आखिरी निर्णय लेने से पहले राजा ने मंत्री को आदेश दिया कि उस राजकुमार को शाही मेहमान खाने में ठहरा दिया जाए।

vikram aur betaal ki hindi story
vikram aur betaal

अगले दिन वैशाली के राजकुमार ने शशिबाला से विवाह का प्रस्ताव रखा। उसने अपनी खूबी बताई :- “महाराज! मैं बहुत महीन रेशमी वस्त्र बुनना जानता हूं, जिनसे मुझे लाखों स्वर्ण मुद्राएं मिलती हैं। अपने गुजारे लायक रखने के बाद, मैं सारा धन निर्धनों में बांट देता हूं।” यह कह कर उसने राजा को एक रेशमी वस्त्र भेंट में दिया। राजा को उस कपड़े की गुणवत्ता देख बहुत खुशी हुई। उन्होंने दूसरे राजकुमार को भी अंतिम निर्णय होने तक अतिथि कक्ष में ठहरा दिया।

vikram aur betaal ki hindi story
vikram aur betaal

तीसरे दिन एक और राजकुमार आया। वह काफी विद्वान था और सभी वेद व उपनिषद जानने का दावा रखता था। उसने कहा कि वही उस खूबसूरत राजकुमारी से विवाह करने योग्य है। उसे भी शाही मेहमान बना दिया गया।

चौथे राजकुमार ने विवाह का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि उसे पशु-पक्षियों की बोली समझ आती है। राजा ने उसे भी वहीं ठहरा दिया।

vikram aur betaal ki hindi story
vikram aur betaal

अब राजा के लिए निर्णय लेना कठिन हो रहा था। चारों राजकुमार विवाह करना चाहते थे व किसी-न-किसी रूप में प्रतिभाशाली थे।

अंत में राजा ने उन्हें शाही बगीचे में बुलाया, शशिबाला भी वहीं मौजूद थी। उन्होंने उसी पर अंतिम निर्णय छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि वह स्वयं किसी एक राजकुमार को वर के रूप में चुन लें।

vikram aur betaal ki hindi story
vikram aur betaal

बेताल ने यहां कहानी समाप्त कर, राजा विक्रमादित्य से पूछा :- “अब बता विक्रम! राजकुमारी अपना पति किसे चुनेंगी? जवाब दे, अन्यथा तेरे सिर के हजार टुकड़े कर दूंगा।” राजा विक्रम ने एक पल सोचकर कहा:- “बेताल! एक इंसान की पहचान उसके काम से होती है। एक राजकुमारी से यही अपेक्षा की जाती है कि वह किसी क्षत्रिय से विवाह करे।” अतः शशिबाला पहले तीरंदाज़ राजकुमार को चुनेंगी। बाकी तीन राजकुमार, जो कि शूद्र, वैश्य व ब्राह्मण थे, वे उससे विवाह करने योग्य नहीं थे।

बेताल बोला :- “राजा! तूने उत्तर तो सही दिया, पर तू बोल पड़ा इसलिए मैं वापस पेड़ पर चला।” यह कह कर बेताल फिर से वृक्ष की ओर उड़ चला और विक्रम हाथ में तलवार लिए, उसके पीछे भागने लगा।

vikram aur betaal ki hindi story
vikram aur betaal