alshi brahman panchtantra ki kahani
alshi brahman panchtantra ki kahani

एक बार छोटे से गाँव में गरीब ब्राह्मण रहता था। वह पढ़ा-लिखा था लेकिन फिर भी सारा दिन कुछ नहीं करता था। उसे पेट भरने के लिए भी भीख माँगनी पड़ती थी। एक दिन वह दर-दर भटकता भीख माँग रहा था कि किसी दयालु महिला ने आटे से भरा बर्तन दे दिया। वह बहुत खुश हुआ।
वह बर्तन को घर लाया और बिस्तर के पास टाँग दिया ‘अब यह चूहों से बचा रहेगाष् उसने खुद से कहा और झपकी लेने के लिए बिस्तर पर पड़ गया।
वह सोचने लगा- मैं अकाल पड़ने तक यह आटा संभाल कर रखूगा। फिर इसे ऊँचे दामों पर बेचूंगा।ष् वह ख्याली पुलाव पकाने लगा-‘उस पैसे से बकरियों का जोड़ा खरीदूंगा। बकरियों के बच्चे होंगे। जल्दी ही वे भी बड़े हो जाएंगे। उनके दूध से पैसा कमाऊँगा। फिर एक गाय और बैल खरीदूंगा। जल्दी ही मेरे पास गायों का झुंड होगा। उनके दूध से और भी पैसा आएगा। मैं एक धनी व्यक्ति बन जाऊँगा।
उसकी सोच आगे बढ़ती गई – मैं अपने लिए सुंदर सा घर बनाऊँगा

शिक्षा :- जिंदगी में आज ही सबसे अधिक महत्त्व रखता है। इसका सोच-समझ कर इस्तेमाल करो.

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