tabadla
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Hindi Motivational Story: ‘अरे आरती! तुम्हारा तबादला हुआ कि नहीं? काफ़ी प्रयास के बाद तबादला हुआ। पूरे बीस हजार का चूना लगा है लेकिन मैं संतुष्ट हूँ। घर से मात्र बीस किलोमीटर की दूरी पर स्कूल है। दो-तीन दिन में एक बार जाओ कोई कुछ नहीं कहता।

आरती ने बड़ी प्रसन्नता से कहा। ‘अरे तुम्हें तो कष्ट ही कष्ट है। मुझे बताया होता तो मैं इससे अच्छे स्थान पर तुम्हारा तबादला करवा देता। हाँ पैसे थोड़े ज्यादा लगते। आरती ने शर्मा जी को आश्चर्य से देखते हुए कहा, ‘इससे अच्छा स्थान और भी हो सकता है? ‘अरे भाई! तुम्हें महीने में एक दिन स्कूल जाना पड़ता। वह भी केवल वेतन लेने।’ शर्मा जी ने रहस्य खोला।

ये कहानी ‘नए दौर की प्रेरक कहानियाँ’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएंNaye Dore ki Prerak Kahaniyan(नए दौर की प्रेरक कहानियाँ)