एक था छोटा सा लड़का पिंटू। महा शैतान। शरारती होता तो भी कोई बात नहीं थी, पर वह तो झगड़ालू था। हालत यह थी कि उसकी लड़ाई-झगड़े की आदत के मारे सारे घर की नाक में दम था। अभी वह छोटा ही था, पर अकसर हर किसी से झगड़ पड़ता था। यहाँ तक कि सबसे कड़वा बोलता और बुरी-बुरी बातें भी कहता था। पिंटू के मम्मी-पापा ही नहीं, उसके दादा-दादी, चाचा-चाची और बड़े वाले ताऊ जी भी इस कारण पिंटू से नाराज रहते थे।
पिंटू के पापा अकसर उसे समझाया करते थे, ”पिंटू, अगर तुमने अपना व्यवहार नहीं बदला, तो तुम जीवन में कुछ नहीं बन पाओगे। जो नम्र होते हैं और सलीके से बोलते हैं, वही जीवन में आगे बढ़ते हैं।”
पर पिंटू पापा की बातें एक कान से सुनता, दूसरे से निकाल देता। उधर पिंटू की लड़ाई-झगड़ों की रोज नई-नई शिकायतें उसके पापा के पास पहुँचती थीं।
एक दिन पिंटू के पापा को एक तरकीब सूझी। उन्होंने पिंटू को पास बुलाकर कहा, ”पिंटू, अगर तुम आज दिन भर किसी से बुरी बात नहीं कहोगे और किसी से झगड़ोगे नहीं, तो रात को मैं तुम्हें एक रुपया दूँगा।”
पिंटू मान गया।
उस दिन सचमुच सुबह से ही पिंटू बदला-बदला था। उसने सुबह से ही किसी से एक भी कड़वा शब्द नहीं बोला था। यहाँ तक कि चिंटू और नीटू ने उसे लड़ाई-झगड़े के लिए उकसाने की भी थोड़ी-बहुत कोशिश की, पर पिंटू शांत बना रहा।
रात होते ही पिंटू दौड़ा-दौड़ा पापा के पास गया। बोला, ”पापा…पापा, लाओ मेरा रुपया। आज मैंने किसी से झगड़ा नहीं किया।”
पापा ने जब जेब से एक रुपए का सिक्का निकालकर दिया तो पिंटू मारे खुशी के नाचने-कूदने लगा।
तभी उसके पापा ने गंभीर होकर कहा, ”पिंटू, मेरी एक बात सुनो। और जरा अच्छी तरह उस पर विचार करना।”
पिंटू थोड़ा अचकचा गया। बोला, ”हाँ-हाँ, पापा, बताइए!”
पापा बोले, ”देखो पिंटू, आज सिर्फ एक रुपए के लालच में तुमने मेरी बात मान ली और अच्छे बच्चे की तरह रहे। पर जब मैं तुम्हें कहता हूँ कि अच्छे बनकर तुम अपना पूरा जीवन सुधार सकते हो, तो तुम पर मेरी बात का कोई असर नहीं पड़ता। जबकि अच्छे और योग्य आदमी बनने पर सारी दुनिया तुम्हारी इज्जत करेगी। और तब अपनी योग्यता के बल पर तुम लाखों रुपए कमा भी सकते हो! क्या तुम्हें यह अच्छा नहीं लगेगा? तुम्हारा जीवन क्या एक रुपए से भी सस्ता है?”
पिंटू क्या कहता! उसकी गरदन शर्म से नीचे झुक गई थी। उसने धीरे से कहा, ”पापा, मैं समझ गया। अब आपको मुझसे कुछ कहने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”
कहते-कहते पिंटू की आँखों में आँसू छलछला आए।
पिंटू के पापा ने उसे पास खींचा और प्यार से उसका माथा चूम लिया।
