Hundred Dates
Hundred Dates

Hindi Love Story: “तुम मूवी की बात हमेशा टालते क्यों रहते हो?” “कहाँ टालता हूँ, कितनी मूवीज़ तो देखी हमने साथ में”

“हाँ, पर कितनी बार बोलने के बाद, और कितनी तो छूट जाती है तुम्हारे चक्कर में।” आख़िरकार मेरी चिड़चिड़ाहट जगाने का इंतज़ाम कर ही डाला-“डियर, मूवीज़ और हमारे टी.वी. सीरियल, कहानियाँ सब जाली ख़्वाब बेचने की दुकाने हैं; वेबसीरिज और यूट्यूब ने तो घर-घर दुकानें खोल दी हैं, जो मनचाहे सपने दिखा सकती हैं। ए.आई. से आपकी ऑटो ट्रैकिंग होती है कि, आप जिस नज़रिए पर एतबार करते हैं और उससे ताल्लुक़ रखते हैं, उन्हें और मज़बूत करने के प्रोडक्ट आपकी स्क्रीन में धमा-चौकड़ी मचाते रहें।”

“तुम्हें कुछ दिक्क़त है क्या सपनों से। बस इन्टरटेनमेंट ही समझो और चिल मारो। क्यों इतने सीरियस होते हो। ज़िंदगी में रखा क्या है, चार दिन की हँसी-ख़ुशी। जीते तो सभी ख़ुशी के लिए ही हैं न?” वह हर बात के लिए इतने पॉजिटिव थॉट्स वाली होती, तो मेरी ज़िंदगी कहीं ज़्यादा हसीन होती।

“जी मैडम! ज्ञान देने का शुक्रिया। मेरी ज़िंदगी मक्कारी से नहीं चलती। ख़ुशनुमा दास्तानों के ढोंग और सोशल मीडिया में छायी फोटो छाप तबस्सुम देखकर लगता है, हम ही वह जानवर हैं जो डिप्रेशन में जी रहे हैं। बाकी दुनिया के सारे इंसान,दाँत निपोरते हुए ज़िंदगी के मज़े ले रहे है।”

“बस बकवास करनी है तुम्हें। क्या का क्या सोचते हो…”

“सोचते तो सभी हैं डियर, क़बूलने से घबराते हैं। मैं उस दुनिया का हिस्सा होने से इंकार करता हूँ, जहाँ झूठी मुस्कान पसंद और सच्चे आँसू नापसन्द किए जाते हैं। तुम्हारे साथ बहस और मोहब्बत के प्रपंची अफ़सानों में खोए रहने से ज़्यादा सुकून रिसता है। तुम्हें समझने और तुम्हें देखने, तुम में खो जाने की जो मौज है, उसे मैं टाइम पास में नहीं गुज़ार सकता।”

“ऐसे तो मुझसे जल्दी ही बोर हो जाओगे।”

“हा…हा…हा…सच से बोर होना मेरे लिए ज़्यादा सम्मान जनक है बजाये इसके कि, झूठ के नालों में सड़ूँ।”

“इसका मतलब, तुम यह सब मुझसे बोर होने के लिए करते हो?”

“कहीं पर तुम्हें लव बाइट देने वाला हूँ।” पाजीपन बहा।

“दुष्ट दरिंदे।” कहते हुए उसने जो मुझसे नज़रें हटाईं ; झूठ से सनी नाराज़गी, मैंने सुनहरे फ्रेम में जड़कर अपने दिल की दीवारों पर गूँथ लेना चाहा।