Hindi kahani Dekhakar Nahin Chal Sakate
एक दिन मैं बाजार से अंडे लेकर अपनी ही मस्ती में चली जा रही थी। तभी मेरे पास से निकलते हुए एक लड़के का मुझे धक्का लगा और मेरे हाथ से अंडे की थैली छूटकर नीचे गिर गई और सारे अंडे टूट गए। मैं उस लड़के पर जोर से चिल्लाई, ‘भगवान ने दो-दो आंखें दी है, फिर भी देखकर नहीं चल सकते। तुम्हारे कारण मेरे सारे अंडे टूट गए।‘ तभी मैंने देखा मेरे आसपास खड़े लोग मेरी ओर देखकर हंस रहे हैं। जब मुझे अपनी कही बात समझ में आई तो मैंने वहां से चले जाने में ही अपनी भलाई समझी।