एक गाँव में तीन किसान भाई रहते थे। वे धान की खेती करते थे। उनमें से एक ने शहर में दुकान खोली हुई थी। जहां वे अपने खेत से उपा चावल बेचा करते थे। उनके चावल काफी लोकप्रिय थे और उनके ग्राहक भी उनके अलावा कहीं और से चावल नहीं लेते थे।
एक साल इलाके में बाढ़ आई और अधिकतर किसानों की फसल बह गई। सौभाग्य से उनकी फसल बच गई। उन्हें लालच आ गया और उन्होंने थोड़ा सा चावल रोककर बाकी चावल गोदाम में भरवा दिया। शहर आकर उन्होंने कम फसल का बहाना बनाकर ऊँचे दामों में चावल बेचना शुरू कर दिया। उनके जो गरीब ग्राहक थे, उन्होंने दूसरी दुकानों पर जाना शुरू कर दिया।
एक भाई ने दूसरे से कहा कि ऐसे तो हमें बहुत नुकसान हो जाएगा। दूसरे भाई ने कहा कि हम गोदाम से चावल निकाल कर यहाँ ले आते हैं। जब उन्होंने गोदाम खोला तो पाया कि वहाँ चूहों ने अनेक बोरों का काट दिया था और पूरे गोदाम में इधर से उधर दौड़ रहे थे। उन्होंने ईश्वर को धन्यवाद दिया, जिसने उन्हें समय रहते सद्बुद्धि दी।
सारः ज्यादा लाभ का लालच, कई बार नुकसानदेह साबित होता है।
ये कहानी ‘ अनमोल प्रेरक प्रसंग’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानियां पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं–Anmol Prerak Prasang(अनमोल प्रेरक प्रसंग)
