हम पति-पत्नी में यूं तो बेहद प्रेम है, परंतु मेरी तुनक मिजाजी की वजह से कभी-कभी ये बहुत परेशान हो जाते हैं और हमारी लड़ाई हो जाती है। मेरे मम्मी-पापा मेरे छोटे भाई के लिए रिश्ता ढूंढ रहे थे। एक दिन हम मियां-बीबी की लड़ाई हुई। हम दोनों एक-दूसरे से बोल नहीं रहे थे। अगले दिन पापा का फोन आया कि ललिल के लिए लड़की देखने जाना है, तुम और अरुण (मेरे पति) दोनों आ जाना। अरुण जी के निर्णय पर ही बात पक्की होगी। मैंने यह बात अपने पति से कही तो ये मासूमियत से बोले, अपने पिता से कहो कि खुद ही फैसला कर लें। मेरा फैसला तो अपनी बारी में भी ठीक नहीं रहा। अभी तक नतीजा भुगत रहा हूं। उन की कही बात एक मिनट बाद मेरी समझ में आई और मैं शर्म से लाल हो गई।
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