1- शिक्षा ही मेरी संपत्ति है – सुरभि भगत (यूनीवएक्सीलेंस की संस्थापक)
दुनिया में कोई अनपढ़ न रहे और सबको घर पर ही सुविधा मिले, इसके लिए सुरभि भगत ने सन 2008 में यूनीवएक्सीलेंस की स्थापना की। उद्देश्य था भारत में 100 प्रतिशत साक्षरता। मिशन रखा, ‘इंटरनेंट के माध्यम से सर्वोत्तम शिक्षा। इसके लिए उन्होंने ई-लॄनग कंटेंट, वीडियो लेक्चर, नोटस, प्रश्नपत्र की सुविधाएं www.bhagatsir माध्यम से गांव-गांव पहुंचाई।
हिम्मत ना हारना संघर्ष है
सुरभि को ई लॄनग को मूर्त रूप देने के लिए संघर्षों का सामना करना पड़ा। तीन अलग-अलग कंपनियों को काम दिया पर तीनों ही काम नहीं कर पाई और पैसा डूब गया। हिम्मत हारने के बजाय एक फ्रीलांसर से संपर्क किया और वेबसाइट बनवाई। परिणाम, आज गांव-गांव में इंटरनेट पर पढ़ाई की जा रही है।
मार्केटिंग है बड़ी चुनौती
ई-लर्निंग कंटेंट गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए मार्केटिंग आज भी बड़ी चुनौती है क्योंकि कम पैसों में लोगों को जानकारी पहुंचाना आसान नहीं सकारात्मकसोच अगर आप जिंदगी में कुछ करना चाहते हैं तो अपनी सोच को सकारात्मक रखें क्योंकि यह कार्य को आगे बढ़ाने में मददगार है।
सबसे बड़ी उपलब्धि
आज की तारीख में 580 से ज्यादा सर्वश्रेष्ठ शिक्षाविद इस ज्ञान यज्ञ में जुड़े हुए हैं, जो अपना ज्ञान भगतसर डॉट कॉम के माध्यम से बच्चों को दे रहे हैं, यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है।
संपत्ति
मेरी संपत्ति मेरी वेबसाइट है, मुझे लगता है कि अगर देश का हर बच्चा शिक्षित हो जाए तो इससे बड़ी संपत्ति मेरे अलावा किसी के पास नहीं होगी।
2- प्रत्येक मौके को पकडि़ए – सोनिका मल्होत्रा (एमबीडी ग्रुप की मैनेजिंग डायरेक्टर)

एमबीडी ग्रुप की मैनेजिंग डायरेक्टर सोनिका मल्होत्रा आतिथ्य, रियल एस्टेट, रिटेल और मॉल उपक्रम देखती हैं। नोएडा में रैडिसन होटल्स शुरू करने के बाद, लुधियाना, बंगलोर में लक्ज़री होटल और अपार्टमेंट्स खोलने में मेहनत की आइए जानें सोनिका की सफलता का राज –
संघर्षों से निरुत्साहित नहीं हुए
जब पिताजी दिवंगत हुए, तब हमें से उबरने के अलावा एमबीडी का दायित्व भी निभाना था। संघर्षपूर्ण समय था। इसके बावजूद निरुत्साहित नहीं हुए। अनेक कठिनाइयों के बावजूद सभी व्यवसायों को सफलतापूर्वकचलाने में सफल रहे।
नई प्रणाली सबसे बड़ी चुनौती
सबसे बड़ी चुनौती थी एमबीडी की विरासत को अक्षुण्ण रखते हुए उसमें नवीन परिवर्तनों को समाहित करना। हमने समय लिया और इसके लिए पूरी शक्ति लगा दी।
सफलता का मूल मंत्र
अगर सफल होना है तो हर मौके को पकड़िए। दूसरों की नहीं, अपनी आशाओं के अनुरूप चलिए। कभी अपनी उम्र या ‘औरत होने के भाव को हावी न होने दें। आप देखेंगी कि आपके जीवन के सुनहरे साल आपके सामने हैं। आज भी मैं रोज नई चीजों को सीखने का प्रयास करती हूं जो मुझे ऊर्जा और ताजगी दे।
सबसे बड़ी उपलब्धि
संस्थापक की पुत्रियां होने के कारण अपने करियर के आरंभिक सालों में हमारे लिए अपनी अलग पहचान बनाना कठिन था। जब खुद को साबित कर दिया, तब उपलब्धि ज्यादा सुखदायक लगी।
मेरी बहन मेरी ताकत
मेरी बड़ी बहन मोनिका मेरी मित्र, शक्ति और प्रेरणा का स्तंभ है। हम दोनों के बीच आपसी समझ का स्तर बहुत ऊंचा है। हम दोनों को एक-दूसरे पर अटूट विश्वास है। कुछ मामलों में हमारे विचार अलग हैं, लेकिन मैं हमेशा मोनिका
के निर्णय को मान लेती हूं।
3- पुरुष सहकर्मियों के साथ काम करना बड़ी चुनौती – छवि हेमंत (ईबीएस की फाउंडिंग डायरेक्टर और रिटेल पॉलिसी एक्सपर्ट)

छवि ने मात्र 19 साल की उम्र में डीएचएल एंड टीएनटी लॉजिस्टिक्स के साथ अपने व्यावसायिक सफर की शुरूआत की। जब छवि की शादी हुई और वह मां बनी तो उन्होंने ब्रेक लिया और दो साल बाद दोबारा कार्य शुरू किया। वह इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन की पूर्व महासचिव और फिक्की में फुटकर और एफएमसीजी विभाग की प्रमुख भी रहीं। आज छवि ईबीएस (एक व्यावसायिक सलाहकार फर्म) की फाउंडिंग डायरेक्टर और रिटेल पॉलिसी एक्सपर्ट हैं। अपने इस मुकाम में वो कैसे पहुंची आइए जानें-
जीवन है तो संघर्ष है
छवि का मानना है कि जीवन है तो संघर्ष है। संघर्ष आगे बढऩा सिखाता है। महत्वपूर्ण है हर परिस्थिति से सीखना, अपनी अंतर्मन को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाना।
घर और ऑफिस के बीच संतुलन
किसी को नजरअंदाज किए बिना घर और ऑफिस के बीच संतुलन बनाना अपने- आप में एक चुनौती है क्योंकि सभी महिलाओं के लिए दोनों महत्वपूर्ण हैं। मेरी सबसे बड़ी चुनौतियों में से पुरुष सहकर्मियों के साथ काम करना रहा। मैंने कई टीम्स का नेतृत्व किया है और ऐसे कुछ पुरुष हर जगह होते हैं, जिनकी आदत हमेशा आपका विरोध करने की होती है।
खुद पर विश्वास- सफलता का मंत्र
मेरी सफलता का मंत्र है, खुद पर विश्वास और अपने ज्ञान पर भरोसा करें। किसी भी जानकारी के लिए इंटरनेट का प्रयोग कीजिए। गूगल मेरा सबसे अच्छा शिक्षक है। लोगों का विकास कीजिए, उन्हें स्वतंत्रता और विश्वास के साथ सशक्त कीजिए। मैं इसे ‘एफ 2 सूत्र कहती हूं। गलतियों को स्वीकार कीजिए और बदलने के लिए तैयार रहिए। अपने लिए समय निकालिए। एक सप्ताह में कम से कम आधा घंटा की सैर करें और बस प्रकृति को महसूस कीजिए।
अच्छी बेटी साबित होना उपलब्धि
मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में मेरे माता-पिता के लिए एक अच्छी बेटी साबित होना है। इसके अलावा 18 की उम्र के बाद एक सप्ताह में 70 रुपये की मेरी पहली कमाई भी मेरी उपलब्धि थी। केरल और राजस्थान सरकार द्वारा प्रत्यक्ष बिक्री दिशानिर्देशों का निर्माण और प्रकाशन सभी मेरी उपलब्धियों में शामिल है।
निडरता मेरी ताकत
मेरी ताकत मेरी निडरता है, क्योंकि मैं किसी से नहीं डरती बल्कि अपनी बात पर अड़ी रहती हूँ। वह बोलती हूं, जिसमें विश्वास करती हूं और जिसे कर सकती हूँ। अपनी चेतना के लिए काम करती हूँ ताकि अपने मापदंडों को बढ़ा सकूं। मैं बदलने के लिए हमेशा तैयार रहती हूँ।
