What is Hay Fever: गर्मियों और वसंत के मौसम में बहुत से लोगों को बार-बार छींक आना, आंखों से पानी गिरना या नाक बंद रहने जैसी शिकायतें होती हैं। अक्सर लोग इसे साधारण सर्दी-जुकाम समझ लेते हैं, लेकिन हो सकता है कि यह “हे फीवर” हो। नाम भले ही “फीवर” है, लेकिन इसमें बुखार नहीं आता। यह एक तरह की एलर्जिक रिएक्शन है, जो खासतौर पर परागकण , धूल या पालतू जानवरों से होने वाली एलर्जी के कारण होती है। आइए जानते हैं हे फीवर के लक्षण, कारण और इलाज से जुड़ी जरूरी बातें।
हे फीवर क्या होता है
हे फीवर को चिकित्सकीय भाषा में “एलर्जिक राइनाइटिस” कहा जाता है। यह एक एलर्जी जनित बीमारी है, जिसमें हमारी नाक की झिल्ली सूजन में आ जाती है। यह बीमारी तब होती है जब हमारी इम्यून सिस्टम सामान्य कणों को हानिकारक समझकर प्रतिक्रिया करता है। आमतौर पर यह मौसम बदलने पर अधिक सक्रिय हो जाता है।
हे फीवर के आम लक्षण
हे फीवर के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लग सकते हैं, लेकिन यह एलर्जी से जुड़े होते हैं। इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
लगातार छींक आना
बहती या बंद नाक
आंखों में जलन या पानी आना
गले में खराश या खिचखिच
थकावट और नींद की कमी
त्वचा पर एलर्जी जैसे लाल चकत्ते (कभी-कभी)।
हे फीवर के प्रमुख कारण
हे फीवर तब होता है जब शरीर कुछ सामान्य चीज़ों को एलर्जी का स्रोत मान लेता है। इसके मुख्य कारण हैं:
पेड़, घास और फूलों के परागकण
धूल और मिट्टी के कण
जानवरों के बाल या त्वचा की कोशिकाएं
फफूंदी के बीजाणु
धुआं या परफ्यूम जैसी तेज़ गंधें।
किन लोगों को हे फीवर का खतरा ज्यादा होता है
हे फीवर किसी को भी हो सकता है, लेकिन कुछ लोग इसकी चपेट में जल्दी आते हैं:
जिनके परिवार में एलर्जी का इतिहास हो
दमा या अन्य सांस संबंधी बीमारियों से ग्रसित लोग
छोटे बच्चे और किशोर
शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग जहां प्रदूषण ज्यादा है।
हे फीवर का शरीर पर क्या असर होता है
हालांकि यह जानलेवा नहीं होता, लेकिन हे फीवर लंबे समय तक बने रहने पर जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। लगातार छींकने और नींद की कमी से थकावट, एकाग्रता में कमी और चिड़चिड़ापन हो सकता है। बच्चों में पढ़ाई और विकास पर असर पड़ सकता है।
हे फीवर की पहचान कैसे की जाती है
डॉक्टर आमतौर पर लक्षणों के आधार पर हे फीवर की पहचान कर लेते हैं। कभी-कभी एलर्जी टेस्ट की मदद से यह पता लगाया जाता है कि किस चीज़ से एलर्जी हो रही है।
हे फीवर का इलाज और रोकथाम
हे फीवर का इलाज संभव है। इसके लिए कुछ सामान्य उपाय और दवाइयाँ अपनाई जाती हैं:
एंटीहिस्टामिन दवाएं (जैसे सिट्रीज़ीन, लोरेटेडीन)
नेज़ल स्प्रे या आई ड्रॉप्स
एलर्जी से बचाव के उपाय (जैसे घर साफ रखना, धूल से बचना)
इम्यूनोथेरेपी (गंभीर मामलों में डॉक्टर द्वारा दी जाती है)।
