महिलाओं में कैंसर के प्रकार – ब्रेस्ट, ओवेरियन, सर्वाइकल  
हमारे देश में महिलाओं में कैंसर के मामले बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं और उससे भी दुखद ये है कि अब बहुत कम उम्र में महिलाओं में कैंसर होने लगा है. महिलाओं में आमतौर पर ब्रेस्ट, ओवेरियन और सर्वाइकल कैंसर ज्यादा देखने को मिलता है इसलिए इसके बारे महिलाओं का जागरूक होना बहुत जरूरी है. आइए, हम आपको बताते हैं ब्रेस्ट, ओवेरियन और सर्वाइकल कैंसर के कारण, लक्षण और उपाय.    
ब्रेस्ट कैंसर
हमारे देश में लगभग 22 से 25 % महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं और ये संख्या लगातार बढ़ रही है. ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण है जागरूकता की कमी और बदलती लाइफस्टाइल. महिलाएं यदि सतर्क रहें, जागरूक रहें और अपनी लाइफस्टाइल पर ध्यान दें, तो ब्रेस्ट कैंसर से आसानी से बच सकती हैं.
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों की पहचान और उनसे बचने का प्रयास महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा सकता है. यदि आपको अपने या अपने किसी करीबी के शरीर में ये लक्षण दिखाई दें, तो इन्हें अनदेखा न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके अपनी जांच कराएं.  
* ब्रेस्ट में गांठ या सूजन
* अंडरआर्म्स में गांठ, सूजन या दर्द.
* ब्रेस्ट की त्वचा का लाल हो जाना
* निप्पल से डिस्चार्ज
* ब्रेस्ट के आकार में बदलाव
* निप्पल का अंदर धंस जाना
* निप्पल या ब्रेस्ट की त्वचा का निकलना

ब्रेस्ट चेकअप ज़रूर कराएं
आपको अपने शरीर में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण दिखाई दें या न दिखाई दें, फिर भी एहतियात के तौर पर आपको समय-समय पर ब्रेस्ट चेकअप ज़रूर कराना चाहिए. महिलाओं को 35 की उम्र के बाद से ब्रेस्ट चेकअप ज़रूर कराना चाहिए. इसके लिए-
* सेल्फ ब्रेस्ट एक्ज़ामिनेशन करें. अपने ब्रेस्ट की जांच खुद कैसे करें, इसके बारे में अपने गायनाकोलॉजिस्ट से पूछें.
* समय-समय पर अपने गायनाकोलॉजिस्ट से चेकअप करवाएं और ज़रूरी हो तो मेमोग्राफी भी करवाएं.
* हो सकता है, डॉक्टर आपको ब्रेस्ट की सोनाग्राफी, 2डी या 3डी मेमोग्राम, ब्रेस्ट एमआरआई, बायोप्सी करवाने की सलाह दें, ऐसी स्थिति में लापरवाही बिल्कुल न करें.
* यदि आपको ब्रेस्ट कैंसर का पता चल जाए, तो डरें नहीं. इस बात का ध्यान रखें कि कैंसर लाइलाज नहीं है. कैंसर का टाइप, स्टेज, मरीज़ की हेल्थ कंडीशन, उसकी उम्र आदि को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर इलाज की प्रक्रिया तय करते हैं. इसके बारे में जितनी जल्दी पता चल जाए, उतनी जल्दी इलाज शुरू करके कैंसर को हराया जा सकता है.

सर्वाइकल कैंसर
स्तन कैंसर के बाद महिलाओं में होने वाली दूसरी बड़ी बीमारी है सर्वाइकल कैंसर. जागरूकता के अभाव में कई महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की शिकार हो जाती हैं. महिलाएं यदि समय-समय पर अपनी उचित जांच कराती रहें, तो सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव है.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
स्त्री रोग से संबंधित लक्षण ही सर्वाइकल कैंसर की शुरुआत के लक्षण भी होते हैं इसलिए इन्हें नज़रअंदाज़ न करें. इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें:
* व्हाइट डिस्चार्ज
* वेजाइना से बदबूदार पानी का रिसाव
* पेशाब के समय दर्द
* पेट के निचले भाग में दर्द
* पीरियड्स के अलावा भी ब्लीडिंग या स्पॉटिंग
* सेक्स के दौरान ब्‍लीडिंग
सर्वाइकल कैंसर से बचने के उपाय
* प्राइवेट पार्ट्स की विशेष साफ-सफाई
* सेक्स के दौरान सेफ्टी और हाइजीन का ध्यान रखना
* नियमित रूप से पैप टेस्ट करवाना

ओवेरियन कैंसर
महिलाओं में जितने भी तरह के कैंसर होते हैं, उनमें ओवेरियन कैंसर सबसे आम है इसलिए महिलाओं को इसके बारे में जानकारी होनी बहुत जरूरी है. आइए, जानते हैं ओवेरियन कैंसर के कारण, लक्षण और उपाय. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि कई बार ये लक्षण न दिखने पर भी ओवेरियन कैंसर हो सकता है इसलिए महिलाएं समय-समय अपनी जांच जरूर कराएं.  
ओवेरियन कैंसर के लक्षण
* पैल्विस या कमर में दर्द
* पेट और पीठ में दर्द
* शरीर के निचले हिस्से में दर्द
* कम खाकर भी पेट भरा हुआ लगना
* बार-बार पेशाब जाना
* नियमित समय और नियमित रूप से मलत्याग न कर पाना
* सेक्स के दौरान दर्द
* भोजन न पचना
महिलाओं में कैंसर के कारण
* ग़लत लाइफस्टाइल
* मोटापा
* पर्याप्त नींद न लेना
* अल्कोहल और स्मोकिंग की लत  
* देर से शादी और लेट प्रेंग्नेंसी
* बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग न कराना
* हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
* फैमिली हिस्ट्री
कैंसर से बचने के उपाय
* अपना वज़न कंट्रोल में रखें. मोटापे के कारण कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है.
* खाने में तेल का प्रयोग कम करें. हो सके तो ऑलिव ऑयल में खाना बनाएं.
* फल और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का अधिक से अधिक सेवन करें.
* रात में जल्दी सोएं, सुबह जल्दी उठें और पर्याप्त नींद लें.
* सिगरेट-शराब से परहेज करें.
* चाय-कॉफी और मांसाहार से परहेज़ करें.
* नियमित रूप से योग और एक्सरसाइज़ करें.
* यदि आपके परिवार में कैंसर की हिस्ट्री है, तो नियमित रूप से अपना चेकअप ज़रूर करवाएं.
* तनाव और प्रदूषण से दूर रहने की कोशिश करें.