पीरियड्सके दौरान अक्सर कई गलतफहमियां या सही जानकारी का अभाव ज़्यादातर महिलाओं में देखने को मिलता है। समय के साथ इस विषय में बहुत सारी चीज़ें बदली हैं, लेकिन आज भी हमारे आयुर्वेद और पारंपरिक तौर-तरीकों की बहुत सी बातें पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याओं के सहज और सटीक समाधान हैं। सो इन टिप्स का फायदा आप अपने पीरियड्स के दौरान हैल्दी और फिट रहने के लिए उठा सकती हैं। 

1. सबसे पहली बात, पीरियड्स के दौरान अपने-आपको साफ-सुथरा रखना बहुत ही ज़रूरी होता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप अपनी बॉडी या वैजाइना को साफ-सुथरा रखने के लिए बार-बार साबुन से साफ करती रहें। ये करना इतना गलत है कि इससे आपको फायदे की बजाय नुक्सान तक हो सकता है। यहां तक कि इस समय मार्केट में उपलब्ध वैजाइना को क्लीन रखने वाले प्रॉडक्ट्स के इस्तेमाल से भी बचें। जहां तक पीरियड्स के दौरान वैजाइना को क्लीन रखने के तरीके की बात है तो अनेक एक्सपर्ट इस बात पर सहमत हैं कि पीरियड्स के दौरान वैजाइना की क्लीनिंग एक बिल्कुल प्राकृतिक क्रिया है। शरीर स्वयं अपनी गंदगी को आंतरिक तरीकों से दूर कर लेता है। बाहरी तौर पर साफ रहने के लिए इस समय दिन में दो बार अच्छी तरह से नहा लेना ही काफी है। पीरियड्स के दौरान वैजाइना क्लीनिंग के लिए साबुन या किसी खास लोशन का इस्तेमाल इस नेच्यूरल प्रोसेस में बाधा पहुंचाता है, जिसके चलते आपको कई तरह के इंफेक्शन तक हो सकते हैं।

2. यदि आपको पीरियड्स के दौरान शरीर के कुछ हिस्सों में दर्द या भारीपन ज़्यादा महसूस होता है तो इस दौरान दिन में दोनों बार नहाते समय गर्म पानी का ही इस्तेमाल करें। गर्मी के मौसम में गर्म पानी से नहाने की बात ही आपको शायद अजीब लग सकती है, लेकिन इससे आपको इन समस्याओं में बहुत हद तक राहत मिलेगी। यदि आपको हड्डियों से जुड़ी कोई प्रॉब्लम है, जैसेकि- ऑर्थोराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस या ज्वॉइंट्स पेन वगैरह तो पीरियड्स के पहले दो दिन पूरी तरह से नहाने की बजाय गर्म पानी से पूरी बॉडी को अच्छी तरह से पोंछ लीजिए। ये आपको इन समस्याओं के बढ़ने और इससे उठने वाले दर्द में बहुत राहत पहुंचाएगा। साथ ही इस दौरान कुछ महिलाओं के शरीर से आने वाली तेज़ बदबू में भी इससे राहत मिलेगी। ये बात हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि अनेक आयुर्वेदाचार्यों की ये सलाह है। इसका असर आप $खुद आज़माकर देख लीजिए।

3. सैनेटरी पेड या टैंपून चाहे कितने ही अच्छे ब्रांड का क्यों न हो, एक-दो पेड पर ही पूरे दिन अटकी मत रहिए। कम से कम हर चार घंटों में पेड चेंज ज़रूर करें। पेड चेंज करने से पहले अगर आपके लिए संभव हो तो वैजाइना को सादे गर्म पानी से धोकर पोंछ लीजिए। उसके बाद पेड चेंज कीजिए और तुरंत हाथों का साफ पानी और साबुन से धो लीजिए। यह सावधानी आपको कई तरह के इंफेक्शन और अनहाइजिन से बचाएगी।

4. कई महिलाएं हैवी ब्लीडिंग होने की वजह से एक-साथ दो-दो पेड लगा लेती हैं। वे ऐसा इसलिए करती हैं कि कपड़े पर कोई धब्बा वगैरह उभर आने से उन्हें शॄमदगी का सामना न करना पड़े। अंजाने में ही इस तरह से वे कई तरह के इंफेक्शन और रैशेज़ जैसी समस्याओं को बुलावा दे देती हैं। ऐसा बिल्कुल न करें। यदि आपको बहुत ज़्यादा ब्लीडिंग होती है तो पेड जल्दी-जल्दी बदल लीजिए। यदि पेड आपको बहुत भरोसेमंद नहीं लगता तो टैंपून इस्तेमाल कीजिए। टैंपून पर आप इतना भरोसा आसानी से कर सकती हैं, क्योंकि इसे इस्तेमाल करके अनेक महिलाएं अपने पीरियड्स के दौरान भी स्वीमिंग तक करती हैं।

5. पीरियड्स के दौरान किसी भी तरह के व्यायाम से बचें। कई एक्सपर्ट योगाचार्य इस बात पर ज़ोर देते हैं कि पीरियड्स कोई बीमारी नहीं है कि उस महिला से दूरी बना ली जाए। ठीक वैसे ही जैसे कि सिरदर्द कोई ऐसी बीमारी नहीं है कि ये होने पर उस व्यक्ति को दूर-दूर रखा जाए। पीरियड्स के दौरान एक महिला का शरीर कई भीतरी प्राकृतिक क्रियाओं से गुज़रता है। शरीर के तंत्र को अपना काम करने दीजिए, क्योंकि शरीर अपना सबसे बड़ा डॉक्टर खुद होता है। हां, इस समय पर उस महिला को हैल्दी डाइट और भरपूर आराम की बहुत ज़रूरत होती है। पहले के भारतीय तौर-तरीकों के पीछे का विज्ञान भी यही था, जिसे लोगों की नासमझी, अज्ञानता और अंधविश्वासों ने कोई और ही रूप दे दिया है। आप अपने पीरियड्स के दौरान केवल हैल्दी डाइट्स लें और एक्सरसाइज़ से बचिए। अगर चाहें तो हल्की-फुल्की चहलकदमी कर सकती हैं। इस समय के लिए इतना ही काफी है, क्योंकि काफी सारी फिजि़कल उठापठक इस समय आपके शरीर में इंटरनली चल ही रही है।

6. पीरियड्स के दौरान पानी जितना पी सकें पीती रहें, क्योंकि ये बॉडी के टॉक्सिंस रीलिज़ करने में और मदद करेगा। इस समय पर ऐसे जूस और डाइट भी ज़्यादा से ज़्यादा लीजिए, जिनमें भरपूर मात्रा में आयरन मौजूद हो, क्योंकि अधिकांश महिलाओं में इस दौरान खून की कमी हो जाती है।

7. पीरियड्स के दौरान अपनी बेडशीट या टॉवल औरों के साथ शेयर करने से बचिए। पीरियड्स खत्म हो जाने के बाद खुद भी दूसरी साफ बेडशीट और टॉवल ही इस्तेमाल कीजिए। प्राइवेट पार्ट के हेयर रिमूव करना भी हर्गिज़ न भूलें। ये सब किसी अंधविश्वास या वहम के कारण नहीं है, बल्कि इससे होने वाले हाइजिन और इंफेक्शन से बचने के लिए ही ऐसा किया जाना ज़रूरी होता है।

इन कुछ ही टिप्स को अपनाकर आप अपने पीरियड्स के दौरान के अनुभवों में फर्क महसूस कर सकती हैं और रह सकती हैं पीरियड्स के दौरान भी हैल्दी भी, फिट भी।

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