अगर कोई भी व्यक्ति हाथ-पैरों में झुनझुनी या कमजोरी महसूस करें, तो उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
Tingling In Feet and Hand: हम में से अधिकांश लोग हाथ-पैरों में झनझनाहट और कमजोरी जैसी समस्याएं अक्सर महसूस करते हैं। लेकिन, इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। आमतौर पर इस तरह की समस्याएं कई हेल्थ कंडीशन के साथ जोड़ी जाती हैं। इन्हें कई गंभीर बीमारियों का मुख्य लक्षण भी समझा जाता है। इसकी अनदेखी कभी-कभी व्यक्ति को कई तरह के नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। इसलिए, अगर कोई भी व्यक्ति हाथ-पैरों में झुनझुनी या कमजोरी महसूस करें, तो उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आज हम आपको कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में बताने वाले हैं, जिसमें हाथ पैरों में कभी-कभी झनझनाहट और कमजोरी भी महसूस होती है।
इन कारणों से हो सकती है आपके हाथ-पैरों में झनझनाहट
डायबिटीज

अगर आपको डायबिटीज की शिकायत है, तो कभी-कभी आपको कमजोरी या हाथ पैरों में सूनापन महसूस हो सकता है। इसे भी एक प्रकार का डायबिटीज का लक्षण माना गया है। इसमें व्यक्ति को बार-बार प्यास लग सकती है, उसे बार-बार पेशाब आ सकता है।
किडनी खराब होना

हमारी किडनी खून में उन टॉक्सिन से छुटकारा दिलाती हैं, जो नसों को चोट पहुंचा सकते हैं। इसलिए, जब किडनी सही तरीके से काम नहीं करती है, तो शरीर झुनझुनी महसूस होने लगती है। लेकिन, ये कुछ देर बाद ठीक भी हो जाती है।
विटामिन बी और ई की कमी

हमारे शरीर में जब विटामिन बी और ई की कमी होती है, तो शरीर के कई अन्य प्रभावित होने लगते हैं। ऐसे में आपको कभी-कभी पैरों में झनझनाहट या कमजोरी महसूस हो सकती है। इसके लिए आपको सही आहार लेने की जरूरत है।
कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट
अगर कोई व्यक्ति ट्यूबरक्लोसिस, हाई ब्लड प्रेशर, एचआईवी और कई अन्य संक्रमण की वजह से संक्रमित है, तो भी कभी-कभी हाथ और पैर सुन्न पड़ जाते हैं और इनमें झनझनाहट महसूस होती है। फिर ये कुछ समय बाद ठीक भी हो जाते है।
थायराइड

अगर आप थायराइड जैसी समस्या से ग्रसित हैं और आप इसका इलाज नहीं करवा रही है, तो आपके पैरों और हाथों में कभी-कभी झुनझुनी महसूस हो सकती है। थायराइड की दवाइयों, एक्सरसाइज और हेल्दी बॉडी वेट बनाए रखने से इन लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
ट्यूमर
नसों पर बढ़ने वाले ट्यूमर का दबाव हाथ और पैरों में अक्सर झुनझुनी और कमजोरी का अहसास करवाता है। ये ट्यूमर कैंसरस या नॉन कैंसरस हो सकता है। अन्य जगहों पर होने वाला ट्यूमर इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है और नर्व डैमेज का कारण बन सकता है।
इंफेक्शन
जब कभी हम बैक्टीरियल इनफेक्शन का शिकार होते हैं, तो हमारे हाथ पैरों में अचानक से कमजोरी महसूस होने लगती है। इनमें एचआईवी, शिंगल्स, एपस्टीन बार, हेपेटाइटिस-बी और हेपेटाइटिस-सी, वेस्ट नाइल व साइटोमेगालोवायरस जैसे वायरस शामिल हैं।
नसें दबना
जब कभी पैरों तक पहुंचने वाली नसे दबती है, तो हमारे पैरों में कमजोरी और झुनझुनी का अहसास होने लगता है। आम भाषा में इसे कार्पल टनल सिंड्रोम कह सकते हैं। कुछ गंभीर मामलों में सर्जरी से समस्या को ठीक किया जाता है।
इन कुछ उपायों से झनझनाहट होगी कम
मसाज करें

अगर आपके हाथ-पैरों में अक्सर झुनझुनी या कमजोरी महसूस होती है, तो आप सबसे पहले मसल्स को रिलैक्स रखने और ब्लड फ्लो इंप्रूव करने के लिए पैर एवं हाथों के अच्छे से नारियल या सरसों तेल से मालिश करें।
योग का अभ्यास करें

इस समस्या से निजात दिलाने में योगा और मेडिटेशन आपकी काफी मदद कर सकते हैं। यह अभ्यास ब्लड सरकुलेशन को इंप्रूव करते हैं और आपके नर्व हेल्दी बने रहते हैं। जिस वजह से आपको कभी भी शरीर में झनझनाहट और कमजोरी महसूस नहीं होगी।
अपने शरीर को ठंडा रखें
एक शोध में पाया गया है कि शरीर की गर्मी आपके झनझनाहट की समस्या को ट्रिगर कर सकती हैं। ऐसे में आपको गर्म पानी में शावर लेने से बचें और ठंडे तासीर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं।
पर्याप्त नींद लें

अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो आपको अक्सर झनझनाहट और कमजोरी जरूर महसूस होगी। इसलिए हमेशा 8 घंटे की उचित नींद जरूर लें।
शरीर को आवश्यक पोषण दें
हमेशा शरीर को आवश्यकता अनुसार पोषण देने की कोशिश करें। साथ ही तरह-तरह के हेल्दी खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें, जो शरीर में विटामिन और मिनरल्स की मात्रा को बनाए रखने में मदद करेगा।
झनझनाहट से ये घरेलू उपचार तुरंत दिलाएंगे आराम

हमारे शरीर में झनझनाहट पोषक तत्व की कमी के कारण हो सकती है। ऐसे में आप कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर अपनी इस समस्या से निजात पा सकती हैं।
दालचीनी का सेवन करें

अगर आपके शरीर के अंगों में अक्सर झनझनाहट या कमजोरी की समस्या उत्पन्न होती है, तो आप खाने में दालचीनी का इस्तेमाल कर सकती हैं। क्योंकि इसमें ऐसे कई पोषक तत्व मौजूद हैं, जिनसे आपके शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में पूरी मदद करती है और यह हमारे स्वास्थ्य के लिए ज्यादा हानिकारक भी नहीं होता है।
हल्दी वाले दूध का सेवन करें

दूध कई एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है, जबकि हल्दी के अंदर एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। ये दोनों मिलाकर पीने से आपके हाथों में होने वाली झनझनाहट कम हो सकती है। हल्दी में पाए जाने वाले गुणों के कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बना रहता है। लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि दूध में हल्दी की मात्रा कम हो, क्योंकि हल्दी की तासीर गर्म होती है।
गुनगुने पानी का सेवन करें

अगर आपके हाथ पैरों में झनझनाहट की समस्या है, तो आप रात में सोने से पहले या सुबह उठने के तुरंत बाद गुनगुना पानी जरूर किया करें। इससे आपको राहत मिलेगी।
सेंधा नमक के उपयोग से
हमारे शरीर के मांसपेशियों को सेंधा नमक आराम पहुंचाता है। इसके अंदर पाए जाने वाले एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण सूजन को दूर करने के साथ-साथ झनझनाहट में भी आराम पहुंचाते हैं। ऐसे में आप प्रतिदिन नहाने के पानी में सेंधा नमक डालकर स्नान कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आपको सिर्फ पैरों में झनझनाहट महसूस होती है, तो आप टब में सेंधा नमक और पानी मिलाकर अपने पैरों को कुछ देर के लिए रख सकती हैं। ऐसा करने से आपको आराम मिलेगा।
बादाम के तेल का उपयोग

बदाम के तेल के अंदर एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो न केवल ब्लड फ्लो को सही करते है, बल्कि हाथ पैरों की झनझनाहट से भी राहत पहुंचाते हैं। ऐसे में आप बदाम के तेल को प्रभावित स्थान पर लगाएं और कुछ देर मसाज करें। ऐसा प्रतिदिन करने से झनझनाहट दूर हो सकती है।
हाथ-पैरों में झनझनाहट होती है, तो डाइट में शामिल करें ये फल

चकोतरा

खट्टे फलों में चकोतरा को सबसे ज्यादा सेहतमंद माना गया है। ये हमारे शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी पूरी करता है। अगर आपके शरीर में अक्सर झनझनाहट महसूस होती है, तो आप चकोतरा प्रतिदिन अपने डाइट में शामिल कर सकती हैं। इसे खाने से वजन घटाने में भी काफी मदद मिलती है। इसके अलावा चकोतरा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और गुर्दे की पथरी को रोकने में मदद करता है।
एवोकाडो
अन्य फलों के मुकाबले एवोकाडो में कार्ब्स बहुत कम और हेल्दी फैट पाया जाता है। एवोकाडो में पाया जाने वाला मोनोसैचुरेटेड फैट इंफ्लेमेशन को कम करता है और हमारे हार्ट को तंदुरुस्त रखता है। एवोकाडो पोटेशियम, फाइबर और मैग्नीशियम से भरा होता है। एक पूरा एवोकाडो पोटेशियम की 28 फीसदी जरूरत को पूरा करता है। अगर आपको शरीर में झनझनाहट या कमजोरी की समस्या है, तो आपको एवोकाडो अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। ये ब्लड प्रेशर को कम करता है और ब्रेन स्ट्रोक के खतरों से भी बचाता है।
सेब

सेब में फाइबर, विटामिन C, पोटेशियम, विटामिन K और विटामिन B होते हैं। ये टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर और अल्जाइमर के खतरे को कम करता है। इसके अलावा, सेब हड्डियों के घनत्व को भी बढ़ाता है। सेब में पाया जाने वाला पेक्टिन आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है और पाचन और मेटॉबॉलिज्म को बेहतर बनाता है। ऐसे में आपको प्रतिदिन अपने खाने में सेब का इस्तेमाल कर सकती हैं। ये फिर शरीर में होने वाली झनझनाहट और कमजोरी को भी कम कर देगा।
केला

हमारे शरीर में झुनझुनाहट अक्सर तब होती है, जब विटामिंस की कमी होती है। ऐसे में आप केला खा सकती हैं। क्योंकि इसमें विटामिंस, मिनरल्स और पोटैशियम भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके अलावा कच्चे केले में पाया जाने वाला कार्ब ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है और इसे खाने से जल्दी भूख नहीं लगती है।
पपीता
पपीता विटामिन C, विटामिन A, पोटेशियम और फोलेट से भरपूर बहुत ही हेल्दी फ्रूट होता है। इसलिए खाने में इसे शामिल जरूर करें। ये आपको झनझनाहट और कमजोरी जैसी समस्याओं से भी निजात दिलाएगा। अन्य फलों और सब्जियों की तुलना में पपीता का लाइकोपेन शरीर को ज्यादा मिलता है।
तरबूज
तरबूज में विटामिन A और C भरपूर मात्रा में होती है। इसमें लाइकोपेन, कैरोटीनॉयड और क्यूक्रिबिटासिन ई जैसे एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं, जो कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों से बचाते हैं। तरबूज खाने से हमारे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और ऐसे में हमें पैर हाथों में झनझनाहट और कमजोरी की समस्या भी महसूस कम होती है। गर्मी के समय में तरबूज खाना हमारे लिए कई मायनों में फायदेमंद होता है।
ब्लूबेरी

ब्लूबेरी में वो सभी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर के लिए जरूरी हैं। इनमें भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिन C, विटामिन K और मैंगनीज पाया जाता है। अन्य फलों की तुलना में ब्लूबेरी में एंटीऑक्सीडेंट बहुत ज्यादा होता है, जो हृदय रोग, डायबिटीज और अल्जाइमर के खतरों को कम करता है। अगर आपको भी पैर हाथों में झनझनाहट या कमजोरी की समस्या महसूस होती है, तो खाने में ब्लूबेरी को जरूर शामिल करें। ये आप।को अंदर से मजबूत करेगा।
FAQ | क्या आप जानते हैं
हाथ पैरों में झनझनाहट हो तो क्या करें?
अगर आपके हाथ पैरों में अक्सर झनझनाहट महसूस होती है, तो आप प्रतिदिन सोने से पहले एक गिलास गुनगुना पानी पी सकती है। ये आपके शरीर को काफी राहत भी पहुंचाएगी।
शरीर में झुनझुनी आने का क्या कारण है?
आजकल के व्यस्त लाइफस्टाइल का असर हमारी फिटनेस पर पड़ा है और हमें विटामिंस की कमी की समस्या से भी जूझना पड़ता है। खासतौर पर विटामिन बी1, बी6 और बी12 के कारण हमारे शरीर के अंगों में झनझनाहट और कमजोरी महसूस होती है।
पैरों में झुनझुनी किसका लक्षण है?
लंबे समय तक पैरों और पैरों में सुन्नता या झुनझुनी महसूस होना मल्टीपल स्केलेरोसिस, डायबिटीज, थायराइड जैसी स्थितियों के कारण हो सकता है। ये झुनझुनी पूरे पैर में महसूस की जा सकती है।
कौन सा डॉक्टर सुन्नता और झुनझुनी का इलाज करता है?
अगर आपके हाथ और पैरों में अक्सर झनझनाहट महसूस होती है तो आपको किसी अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट से अपनी जांच करानी चाहिए।
झुनझुनी कब होती है?
जब किसी अंग पर कुछ समय तक लगातार दबाव बना रह जाए तो कुछ समय बाद झुनझुनी होने लगती है।
हाथ पैर सुन्न होने पर क्या खाना चाहिए?
हाथ- पैरों में झनझनाहट रहती है, तो उसे दूर करने के लिए आप डाइट में विटामिन बी, बी6 और बी12 को शामिल करें। इसके अलावा आप खट्टे फल और दूध, पनीर, दही, मेवा, केला, बींस को भी शामिल कर सकती है।
पैरो में सुन्नता के लिए मुझे न्यूरोलॉजिस्ट कब देखना चाहिए?
हमारे शरीर के अंगों में झुनझुनी होना कई अलग-अलग कारणों से हो सकता है, जिनमें से कुछ ऐसे हैं जैसे ऐसे बैठना जिससे रक्त संचार बाधित हो जाए या खाना न खाना। लेकिन अगर आपको झनझनाहट की समस्या अक्सर अपने हाथ और पैरों में महसूस होती है, तो आपको तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से दिखाना चाहिए। क्योंकि यह आगे जाकर कोई गंभीर समस्या का लक्षण भी हो सकती है।