कुछ दिन पहले मेरी सहेली मीना से फ़ोन पर बात हुई । वह बहुत खुश थी । और इसी अच्छे मूड में उसने मुझे फ़ोन किया था । वैसे तो कभी कभी कुछ चैट कर लेते थे – पर उसमें फ़ोन पर बात करने वाली ताज़गी कहाँ ?
एक दूसरे का हाल-चाल लेते लेते काफ़ी बातें हुई । मीना कह रही थी की आजकल वह फिरसे कविता लिखने लगी है। उसने मुझे उसकी लिखी एक कविता सुनायी । मैं तो उसकी कविता सुनकर बहुत प्रभावित हो गयी। उसे लिखने का बहुत शौक था – और कॉलेज के दिनों में वह बहुत अच्छा लिखती थी । पर फिर, धीरे-धीरे समय की कमी के कारण सब पीछे रह गया। और अब तो घर-गृहस्थी, नौकरी और बच्चों में सारा वक़्त यूँही निकल जाता था। वैसे मीना, बच्चों को बहुत अच्छे से पढ़ा -लिखा रही है – पर कविता लिखना मानो जैसे भूल ही गयी हो।
पर आज इतने दिनों बाद उसकी कविता सुन कर मुज़हे बहुत ख़ुशी कोई। उसकी कविता तो पहले की तरह मन को ख़ुशी देनेवाली तो थी ही, पर मुझे उससे भी ज्यादा ख़ुशी इस बात से हो रही थी की मीना फिरसे कविता लिख रही थी । उससे काफ़ी दिल खोलकर बातें हुई और हम दोनों ही बहुत हल्का महसूस करने लगे।
फिर मैं सोचने लगी – क्या यह वही मीना है, जो घर, बच्चे और नौकरी में इतनी व्यस्त थी कि कभी फ़ोन पर भी इतनी बातें नहीं हो सकी। फिर आज ऐसा क्या हुआ? मीना ने अपने आप के लिए समय कैसे निकाला? क्या आज अन्य काम नहीं है ? बिलकुल है – बल्कि ज्यादा ही है – सारा समय यूहीं निकल जाता है।
पर मैं उसे जानती हूँ – वह मेहनती तो है ही, परन्तु वह सही समय पर सही कदम उठाना भी बखूबी जानती है। यही वजह है, कि इतने परेशानी भरे दौर में भी, उसने अपना मानसिक संतुलन बनाये रखा, अपने परिवार की देख भाल करते हुए अपने लिए भी समय निकाला। आपने आप को व्यस्त रखन तो अच्छी बात है, परन्तु यदि हम अपने पसंदीदा काम करें तो अधिक आनंद मिलता है।

मैं तो इस सोच से बहुत प्रेरित हो गयी।ऐसे लग रहा था जैसे जीवन में कुछ नया हो – कोई बदलाव आये। कुछ नया पाने के लिए क्या किया जा सकता हैं? अपना पहनावा बदलना या नया मेक-उप करना कुछ समय के लिए मज़ेदार हो सकता है। पर यदि आप सही मायने में कुछ नया चाहते हो तो अपनी जीवनशैली या लाइफस्टाइल के बारे में सोचिये। अपने आप को पहचानने का प्रयत्न कीजिये। आपकी असली जरूरतें और ख़ुशी को खोजिये ।
कभी-कभी, भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में मानो जैसे अचानक एक ब्रेक लग गया हो – लगता हैं जैसे, ज़िन्दगी कुछ पल के लिए थम गयी हो। जैसे काले बादलों को हटाकर आपको इंतज़ार है एक नयी सुबह का । तो क्यों न इसी समय को अपना साथी बना लें ? क्यों न ऐसे वक़्त में अपने आप को जानने, पहचानने और समझने की कोशिश करें?
आइये देखते इससे जुड़ें कुछ जरूरी पहलू ।
आपकी जीवनशैली

यदि आप अपने जीवनशैली पर गौर करें तो कुछ ऐसी चीज़े जानेंगे, जो आप भी जानते हैं की जरूरी नहीं है। साथ में कुछ ऐसी आवश्यक चीज़े भी होंगी जो आपने, अपने जीवन में शामिल नहीं की होंगी। बस ! इन चीज़ो को समझना और बदलना बेहद जरूरी है। जीवनशैली की जब बात करते हैं तब खान-पान, व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य की अक्सर चर्चा की जाती है। एक स्वस्थ जीवन के लिए सही पोषण, नियमित व्यायाम तथा मानसिक संतुलन की आवश्यकता होती है । अपनी दिनचर्या का योग्य नियोजन करें और अपने स्वस्थ्य विषयक चीज़ों पर ध्यान दें ।
आपकी ख़ुशी

सोचिये और समझने की कोशिश कीजिये कि आपको किस बात से ख़ुशी मिलती है ? किसीको नौकरी करके, किसीको खाना बनाके, तो किसीको बच्चों को अच्छी सीख देके ख़ुशी मिलती है । कोई नाम कमाके खुश है तो कोई दूसरों की सहायता करके खुश है । आप किसमें ख़ुशी महसूस करते हैं ? ज़िन्दगी की भागदौड़ में कितने सारे काम पीछे छूट जाते हैं। यदि आपको ख़ुशी देने वाला कोई काम ऐसे ही पीछे रह गया हो, तो अब उसके लिए समय निकालें।
आपकी जरूरतें

ज़िन्दगी की तेज़ रफ़्तार में कई बार हम अपनी असली जरूरतें समझ नहीं पातें । अक्सर सभी लोग सुबह से लेकर रात तक अपने कामों में व्यस्त रहतें हैं और उन्हीसे जुडी चीज़ों को अपनी जरूरतें समझतें हैं । छुट्टी के दिन घूमने जाना और घर के अन्य काम संभालना । ज़िन्दगी जैसे ऑटो-मोड पे काम करती रहती है । पर क्या यह मटेरिअलिस्टिक चीज़ें ही आपकी जरूरत हैं? क्या वीकेंड को मॉल जाने की असल में कोई जरूरत हैं ? जब आप इन बातों पर गौर करेंगे तो शायद आप कुछ नया जान पाएंगे ।
आपकी ताक़त

हम सब में कोई न कोई अच्छे गुण छिपे होते है – आपको जरूरत है, उन्हें जानने की। हो सकता है कि आपकी कोई कला, आपके स्वभाव की कोई विशेष बात या दुनिया को देखने का आपका नजरिया सराहनीय हो । आपके अंदर छिपी इन विशेषताओं को ढूंढिए – यही आपकी सबसे बड़ी ताक़त हो सकतीं हैं ।
आपकी कमजोरी

हर अच्छी चीज़ों के साथ साथ हर किसी की कोई न कोई कमजोरी भी होती है । पर सफल वही होता है जो अपनी कमजोरियों को पहचान कर, उसे सुधारने की कोशिश करते है । आपकी कमजोरी चाहे खान-पान से संबंधित हो या आपके स्वाभाव का भाग हो, यदि उससे आपको नुकसान हो सकता है, तो उसे अवश्य सुधारना चाहिए । जैसे, यदि आपके मन में भय या निराशा जैसे भाव आसानी से आते हो, तो आप सकारात्मक सोच से उन्हें बदलने की कोशिश कर कर सकतें हैं ।
वह कहते हैं न – नेक काम में देरी क्यों? जो भी हो – यही समय, सही समय समझ लीजिये । यदि आप अपने जीवन में कुछ बदलाव चाहते हैं तो इस वक़्त को जाया न करें। अपने आप को जानिये और अपने गुणों को पहचानिये।
