Health Problem
Inflammation Credit: Istock

Symptoms of Inflammation: शरीर में सूजन यानी इंफ्लेमेशन किसी भी हिस्‍से में हो सकती है। खासकर अंदरुनी अंगों में होने वाली सूजन कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। इंफ्लेमेशन एक तरह की बीमारी है जो शरीर के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकती है। ये समस्‍या मुख्‍य रूप से चोट लगने, डैमेज टिशू और इंफेक्‍शन की वजह से होती है। हालांकि जब सूजन पुरानी हो जाती है तो ये हार्ट प्रॉब्‍लम, डायबिटीज और ऑटोइम्‍यून स्थितियों जैसी समस्‍याओं का कारण बन सकती है। वर्तमान में सूजन को वजन बढ़ने से भी जोड़ा जा रहा है। इंफ्लेमेशन होने पर शरीर में कई असामान्‍य लक्षण दिखाई देने लगते हैं जिसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। तो चलिए जानते हैं इसके लक्षण और उपचार के बारे में।

दर्द का बढ़ना

increase in pain
increase in pain

उम्र के साथ जोड़ों में दर्द की समस्‍या होना आम बात है लेकिन यदि छोटी उम्र में ही जोड़ों में दर्द और सूजन जैसे लक्षण दिखाई दें तो समझ लीजिए कि आप इंफ्लेमेशन का शिकार हैं। कई बार वॉटर रिटेंशन की वजह से भी शरीर में सूजन दिखाई देने लगती है। जब शरीर में फ्लूइड की मात्रा सामान्‍य से अधिक हो जाती है तो सूजन और दर्द बढ़ जाता है।

हमेशा सिरदर्द रहना

यदि आपको हमेशा सिरदर्द और माइग्रेन की समस्‍या रहती है तो इंफ्लेमेशन इसकी मुख्‍य वजह हो सकती है। ब्रेन और ब्‍लड वैसल्‍स में सूजन सिरदर्द की तीव्रता को बढ़ा सकती है। इस प्रकार की सूजन ब्रेन में रिसेप्‍टर्स को बढ़ा कर तनाव और चिड़चिड़ेपन को ट्रिगर कर सकती है। हमेशा सिरदर्द होना इस बात का संकेत है कि पुरानी सूजन आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर रही है।

मूड स्विंग्‍स

शरीर में जब इंफ्लेमेशन बढ़ जाती है तो मूड स्विंग्‍स की समस्‍या हो सकती है। ब्रेन कैमिकल्‍स और हार्मोन इम्‍बैलेंस की वजह से सूजन आपके मूड पर सीधा प्रभाव डाल सकती है। इससे मूड स्विंग्‍स, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन भी हो सकता है। कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन के रिलीज होने पर व्‍यक्ति भावनात्‍मक और मानसिक रूप से परेशान हो सकता है जिससे मूड स्‍विंग्‍स के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

वजन में परिवर्तन

change in weight
change in weight

शरीर का वजन अचानक बढ़ना या कम होना भी इंफ्लेमेशन का लक्षण हो सकता है। सूजन की समस्‍या होने पर मेटाबॉलिज्‍म प्रभावित होता है जिससे शरीर के वजन में उतार-चढ़ाव होता है। लंबे समय तक इंफ्लेमेशन हार्मोन और इंसुलिन नियंत्रण जैसी प्रक्रियाओं को भी प्रभावित कर सकती है। जिसकी वजह से वजन को कम करने में भी कठिनाई महसूस होती है।

इंफ्लेमेशन की समस्‍या को कैसे करें मैनेज

– इंफ्लेमेशन को प्रबंधित किया जा सकता है लेकिन इसके लिए सही लाइफस्‍टाल को अपनाना जरूरी है।

– सूजन को कम करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेशन डाइट फॉलो करें जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हेल्‍दी फैट को शामिल करें।

– अपने डेली रुटीन में एक्‍सरसाइज, मेडिटेशन और वॉक को शामिल करें।

– इंफ्लेमेशन को कम करने के लिए जरूरी है आप पर्याप्‍त नींद लें।

– इसके अलावा तनाव को कम करने के लिए दोस्‍तों से मिले, कॉफी डेट पर जाएं और खुश रहने का प्रयास करें।

– डाइट में एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रिंक शामिल करें, जिसे कच्‍ची हल्‍दी और काली मिर्च से तैयार किया जा सकता है।