स्ट्रेस होने पर हाई कैलोरीज फूड खाने का मन क्यों करता है?
एक्सपर्ट का मानना है कि तनाव के कारण अधिक कैलोरीज युक्त आहार खाने का मन करता है। जानिए क्या है इसका कारण और किस तरह से पाएं इस समस्या से छुटकारा।
Stress and High Calorie Food: स्ट्रेस को किसी मुश्किल परिस्थिति के कारण होने वाली चिंता या मेन्टल टेंशन की स्टेट के रूप में पारिभाषित किया जा सकता है। स्ट्रेस कई तरह से हमारी हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकती है। इससे मेंटल और शारीरिक हेल्थ प्रभावित हो सकती हैं। इसके साथ ही भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ता है। यही नहीं, अनियंत्रित तनाव के कारण आपका वजन बढ़ सकता है। क्योंकि, एक्सपर्ट का मानना है कि तनाव के कारण हम अधिक कैलोरी का सेवन भी कर सकते हैं। हालांकि, स्ट्रेस में कुछ लोग बहुत कम खाते हैं जबकि कुछ लोग बहुत ज्यादा कैलोरीज का सेवन करते हैं जैसे शुगर और फैट आदि। आइए जानें कि स्ट्रेस होने पर हाई कैलोरीज फूड खाने का मन क्यों करता है?
स्ट्रेस होने पर हाई कैलोरीज फूड खाने का मन क्यों करता है?
स्ट्रेस का हॉर्मोन्स पर सीधा प्रभाव पड़ता है। कार्टिसोल एक स्ट्रेस हॉर्मोन है और जब हम स्ट्रेस में होते हैं तो इस हॉर्मोन का लेवल बढ़ता है। इस स्थिति में हमारा मन कुछ अच्छा खाने का करता है। स्ट्रेस हार्मोन का रिलीज भी हाई इंसुलिन लेवल का कारण बनता है जिससे चीनी और फैट्स से भरे खाद्य पदार्थों की क्रेविंग होती है। स्ट्रेस के कारण ग्लूकोकार्टिकोइड्स और इंसुलिन का रिलीज भी बढ़ता है, जिससे ईटिंग हैबिट्स पर असर होता है। इससे फूड इंटेक कम या अधिक हो सकता है। इसके अलावा, पसंदीदा खाद्य पदार्थ, मिठाई और तले हुए खाद्य पदार्थ तनाव को कम करने लेकिन अधिक कैलोरी में योगदान कर सकते हैं। यही कारण है कि स्ट्रेस में व्यक्ति का हाई कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थ खाने का मन करता है।

स्ट्रेस और वजन के बढ़ने में क्या है लिंक?
जैसा की पहले ही बताया गया है कि स्ट्रेस को किसी घटना या उत्तेजना के प्रति किसी व्यक्ति के रिस्पांस के रूप में समझा जा सकता है जो भावनात्मक या शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कम स्ट्रेस को सकारात्मक स्ट्रेस कहा जा सकता है और इससे व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को पाने के लिए एक मोटिवेशन माना जाता है। लेकिन, गंभीर स्ट्रेस से हेल्थ प्रभावित होती है और इसका असर गंभीर भी हो सकता है।
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इन क्रेविंग्स से बचने के तरीके
इन क्रेविंग्स से डील करने के लिए आपको पहले स्ट्रेस से डील करना होगा। क्योंकि, इस समस्या का कारण स्ट्रेस ही है। इसके कुछ उपाय इस प्रकार हैं:
- मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइजेज– इन एक्सरसाइजेज से ब्लड प्रेशर पर सही प्रभाव पड़ता है, जिससे आप अपनी क्रेविंग पर कंट्रोल कर पाते हैं।
- फिजिकल एक्टिविटी– फिजिकल एक्टिविटी से एंडोर्फिन्स बढ़ता है जिससे स्ट्रेस लेवल कम होता है। रोजाना कुछ समय कोई न व्यक्ति फिजिकल एक्टिविटी के लिए निकालना न भूलें।
- पर्याप्त नींद– सही नींद लेने से भूख सही रहती है और मीठा खाने की क्रेविंग कम होती है।
- सपोर्ट लें– अपने प्रियजनों के सपोर्ट से स्ट्रेस कम होने में मदद मिलती है। इसलिए, स्ट्रेस होने पर अपने प्रियजनों से बात करें और जरूरत पड़ने पर एक्सपर्ट की राय लेना न भूलें।

रिसर्चस यह बताती हैं कि तनाव यानि स्ट्रेस का प्रभाव हमारी ईटिंग हैबिट्स पर भी पड़ता है। इससे बचने के लिए स्ट्रेस से भरी लाइफस्टाइल को नजरअंदाज करने की कोशिश करें। अगर आप लम्बे समय से स्ट्रेस से डील कर रहे हैं, तो हेल्दी डाइट लें और जंक फूड से बचें। इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना भी जरूरी है।
