सावन मास में शिव जी पर चढ़ाएं ये चीजें, हर कामना होगी पूरी: Sawan 2023
Sawan 2023

Sawan 2023 : हिंदू धर्म में सभी महीनों का अपना अलग महत्व होता है। लेकिन श्रावण मास का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है। सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है। इस महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा का सबसे ज्यादा महत्व माना गया है। साल भर भक्त इस महीने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। कहा जाता है इस महीने में मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।

इस साल 4 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है जिसका समापन 31 अगस्त 2023 को होगा। इस साल सावन 59 दिनों का होगा। ग्रंथों के मुताबिक भगवान शिव की पूजा में ऐसी चीजें चढ़ाना चाहिए जो उन्हें बेहद प्रिय होती है। प्रिय चीजों को पूजा में शामिल करने से भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं पूजा में क्या चढ़ाना चाहिए और क्या नहीं, तो चलिए जानते हैं –

इन चीजों को करें अर्पित

Sawan 2023
Ways to Worship Lord Shiva

सावन में भोलेनाथ की पूजा करने का सबसे ज्यादा महत्व माना गया है। भक्त सावन सोमवार के दिन सबसे पहले उठकर स्नान करने के बाद भोलेनाथ की पूजा करने के लिए मंदिर जाते हैं। ऐसे में उन्हें सीधे चढ़ाई जाती है। सबसे ज्यादा भक्त भोलेनाथ की प्रिय चीजें उन्हें अर्पित करना पसंद करते हैं।

दरअसल, भगवान शिव को भांग, धतूरा, बेल पत्र और शमी पत्र बेहद प्रिय है। ऐसे में उनकी पूजा में इन चीजों को अर्पित करना शुभ माना गया है। आप भी सावन सोमवार की पूजा में भोलेनाथ को इन चीजों का चढ़ावा चढ़ा सकते हैं। इसके अलावा सावन सोमवार को भगवान शिव का रूद्र अभिषेक करना भी शुभ माना जाता है। ऐसे में दूध, दही और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक आप कर सकते हैं।

ये चीजें भूल कर भी ना चढ़ाएं

कहा जाता है कि भगवान शिव को हल्दी, सिंदूर और कुमकुम नहीं अर्पित करना चाहिए। यह अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से भोलेनाथ रुष्ट हो जाते हैं। इतना ही नहीं भक्तों के बनते काम भी बिगड़ने लगते हैं। इसलिए अगर आप भी शिवलिंग पर सिंदूर, हल्दी, कुमकुम चढ़ाते हैं तो उसे बंद कर दीजिए यह अपशगुन होता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को केतकी के फूल भी नहीं चढ़ाना चाहिए। दरअसल केतकी के फूल को भोलेनाथ ने श्राप दिया था। इसलिए शिव पूजा में केतकी के फूल नहीं चढ़ाए जाते हैं। इसे अशुभ माना जाता है।

भोलेनाथ की पूजा में तुलसी की पत्तियां शामिल करना भी अशुभ माना जाता है। यह शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि शिवलिंग पर शंख से जल अर्पित नहीं करना चाहिए। इसके पीछे की भी कई मान्यताएं मौजूद है।