Smoking During Pregnancy: मां बनना हर महिला के जीवन का एक खास अहसास होता है। इस अहसास को हर महिला अपने जीवन में जरूर लेना चाहती है। मां बनने का अहसास जितना सुखद है, उतना ही मुश्किल भी। एक महिला जब अपने पेट में एक बच्चे को 9 महीनों तक पालती है, तो उस दौरान उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस कंडीशन में प्रेग्नेंट महिला को कई चीजों और अपनी गलत आदतों से परहेज करना चाहिए।
आपकी कुछ गलत आदतें आपके और आपके होने वाले बच्चे की सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकती हैं। ऐसे में आपको स्मोक करने से बचना चाहिए। स्मोकिंग आपको नुकसान पहुंचा सकती है। सिगरेट में ऐसे हानिकारक रसायन होते हैं, जो आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
धुएं में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड मां के शरीर में जाकर तेजी के साथ हीमोग्लोबिन में मिक्स होकर ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता को कम कर देता है। साथ ही ये मांसपेशियों और फेटो प्लेसेंटल यूनिट को नुकसान पहुंचाता है, जिससे डिलीवरी में और भ्रूण के विकास में भी बाधा आती है। सिगरेट के धुएं में मौजूद टार बलगम से फेंफड़ों पर निशान छोड़ता है।
शिशु के वजन को लेकर खतरा

प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को काफी सावधान होने की जरूरत है। उन्हें इस आदत से तौबा कर लेनी चाहिए। इसकी वजह से उनके पेट में पल रहे शिशु के वजन पर असर पड़ता है। इसकी वजह से जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है और शिशु की मृत्यु का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
शिशु के विकास में आती है बाधा
टार में अधिकांश कैंसरजन यौगिक पाए जाते हैं, जो बच्चे के विकास में बाधा का कारण बनती है, साथ ही इससे शिशु की मृत्यु का खतरा भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
प्रीटर्म डिलीवरी का जोखिम

प्रेगनेंसी के दौरान स्मोकिंग करने से प्रीटर्म डिलीवरी का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इसकी वजह से बच्चा वक्त से पहले पैदा हो जाता है।
शिशु की देखने और सुनने की क्षमता पर असर
बहुत सी महिलाएं इस बात से अनजान होंगी कि उनकी केवल एक गलत आदत की वजह से उनके बच्चे का पूरा भविष्य खराब हो सकता है। स्मोकिंग की आदत की वजह से आपका होने वाला बच्चा मानसिक और शारीरिक तौर पर बाधित पैदा हो सकता है। इसकी वजह से बच्चे की देखने और सुनने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। ऐसे में आपको इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए।
ऑक्सीजन की कमी हो सकती है

स्मोकिंग की गलत आदत की वजह से मां की हृदय गति और ब्लड प्रेशर पर असर पड़ सकता है। इसकी वजह से खून में ऑक्सीजन का लेवल कम होने लगता है। इससे आपके शिशु तक भी ऑक्सीजन की पूर्ति नहीं हो पाती। ऑक्सीजन की कमी की वजह से शिशु की मृत्यु का जोखिम बढ़ सकता है।
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मां और बच्चे की जान को खतरा
स्मोकिंग की आदत की वजह से नाल गर्भाशय के नीचले हिस्से से ब्लडिंग होने का खतरा बढ़ सकता है। इसकी वजह से मां औऱ बच्चे दोनों की जान को खतरा रहता है।
