आमतौर पर आपने देखा होगा कि गर्भवती  महिला को बहुत सारी हिदायतें दी जाती हैं जैसे कि ये मत खाओ, वहां मत जाओ, ऐसे कपड़े पहनो ,ऐसा खाना खाओ और ऐसा रहन-सहन रखो। आपने ये भी सुना होगा की कई महिलाऐं जो धूम्रपान या शराब का सेवन करती हैं उन्हें गर्भ धारण करते समय ख़ास हिदायत दी जाती है कि वो अपनी ये साड़ी आदतें छोड़ दे क्योंकि इन सबका गर्भ में पल रहे शिशु पर बहुत बुरा असर होता है। लेकिन क्या कभी आपने इस बात पर गौर किया है कि गर्भ में पल रहे शिशु पर उसके पिता की धूम्रपान की आदत का भी बहुत बुरा असर होता है। आइए आपको बताते हैं की कैसे इसका प्रभाव शिशु पर पड़ता है। 
 
यदि आप भी अपनी गर्भवती पत्नी के सामने धूम्रपान करते हैं तो ज़रा सावधान हो जाइए। क्योंकि आपकी ये लत आपकी पत्नी के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी हानिकारक हो सकती है । पैसिव स्मोकिंग यानि कि दूसरे लोगों के तंबाकू के धुएं में सांस लेने के माहौल में रह रहीं गर्भवती महिलाएं समय से पहले शिशु को जन्म दे सकती हैं। 
 
गर्भवास्था में  सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने से कई खतरनाक रसायन फेफड़े के जरिए शरीर में पहुंच जाते हैं और बच्चे और गर्भनाल को क्षति पहुंचाते हैं। कुछ अन्य रसायन गर्भ तक ले जाने वाली नलियों को सिकोड़कर छोटा कर देते हैं। ऐसे में शिशु तक कम मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंच पाते हैं। इससे या तो छोटे आकार और कम वजनी बच्चा पैदा होता है या फिर कई बार समय से पहले बच्चे का जन्म हो सकता है। ऐसे बच्चों को जन्म के बाद भी काफी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
 
धूम्रपान करने वाले पिता तो निकोटीन लेने के बाद सामान्य व्यवहार करते हैं लेकिन उनके बच्चों में हाइपरएक्टिविटी, अटेंशन डेफिसिट और कॉगनिटिव इनफ्लेक्सिविटी जैसी संज्ञानात्मक गड़बड़ियां हो सकती हैं। 
 
 
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