आमतौर पर पुरुष अपनी स्मोकिंग की लत को साधारण समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जोकि ठीक नहीं है इसलिए गर्भवती महिला को चाहिए कि पति  की इस लत से दूर रहें ताकि  शिशु  को कोई खतरा ना हो ।

‘‘मैं सिगरेट नहीं पीती लेकिन मेरे पति पीते हैं। क्या इससे शिशु को कोई नुकसान हो सकता है?”
धूम्रपान के धुंए से सिर्फ पीने वाले को ही नुकसान नहीं होता। वह उसके आसपास के वातावरण और माता के गर्भ में पल रहे शिशु पर भी बुरा असर डालता है। यदि आपके पति सिगरेट पीते हैं तो अजन्मे शिशु को उतना ही नुकसान हो सकता है, जितना आपके सिगरेट पीने पर होता।

यदि वे सिगरेट पीना नहीं छोड़ सकते तो उनसे कहें कि वे आपसे दूर या घर के बाहर जाकर धूम्रपान करें (हालांकि थोड़ा-बहुत बुरा असर तो फिर भी रहेगा)। धूम्रपान छोड़ने से न सिर्फ उनकी सेहत अच्छी रहेगी बल्कि शिशु भी स्वस्थ रहेगा। शिशु को इसी धुएं की वजह से श्वसन तंत्र के रोग हो सकते हैं जिससे फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। यह भी हो सकता है कि आपका बच्चा भी एक दिन स्मोकर बन जाए।

हालांकि मित्रों व रिश्तेदारों को धूम्रपान से नहीं रोक सकतीं लेकिन जितना संभव हो सके, उनसे दूर ही रहें (जब वे सिगरेट पी रहे हों)। अगर आपके कार्यस्थल पर भी सिगरेट पीना मना हो तो आप खुली व ताजी हवा में सांस ले पाएंगी। अगर ऐसा नहीं है तो अपने सहकर्मियों को बताएं कि धूम्रपान से भ्रूण को कितना खतरा हो सकता है। अगर तब भी बात न बने तो ऐसा कानून बनवाने की कोशिश करें कि वे निश्चित स्थान पर ही धूम्रपान कर सकें। अगर यह भी संभव न हो तो कुछ समय के लिए वहां काम न करें।

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