कैलोरी बर्न करने से लेकर फोकस बढ़ाने तक, ये हैं रेट्रो वॉकिंग के फायदे: Retro Walking Benefits
Retro Walking Benefits

उलटे चलने के हैं फायदे अनेक

अब आप करिए रेट्रो वॉकिंग और रहिए चुस्त दुरुस्त और तंदुरुस्त

Retro Walking Benefits: वॉक करने के अपने अलग ही फायदे है। हर कोई यह सलाह देता है कि सुबह उठ कर टहलना चाहिए। अभी तक हम सभी पैदल सीधे वॉक करते है। लेकिन अब बदलते जमाने के साथ रेट्रो वॉकिंग का जमाना आ गया है। अब आप सोच रहे होंगे रेट्रो वॉकिंग क्या है? रेट्रो वॉकिंग का मतलब है उलटा चलना, जी हां अब उलटे चलने के भी अलग फायदे है। इसे रिवर्स वॉकिंग भी कहते है। रेट्रो वॉकिंग हमारे दिल, दिमाग और मेटॉबालिजम के लिए बेहद फायदेमंद है। साथ ही इससे बहुत तेजी से कैलोरी बर्न करने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा और क्या-क्या फायदा रेट्रो वॉकिंग से जानते है इस आर्टिकल के जरिए।

कैलोरी बर्न करने में मददगार

Retro Walking Benefits
reverse walk

नार्मल वॉकिंग करने की तुलना में रिवर्स वॉकिंग करने से ज्यादा कैलोरी बर्न होती है। इसको करने से प्रति मिनट 40 प्रतिशत कैलोरी बर्न होती है। रेट्रो वॉक करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। यदि आप चाहते हैं कि आपका वजन जल्दी कम हो, तो उसके लिए रोजाना सुबह रेट्रो वॉकिंग करना शुरू करें।

दिल के लिए फायदेमंद

grehlakshmi
Retro Walking Benefits for heart health

पैदल चलना दिल की सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है। लेकिन अगर आप रेट्रो वॉकिंग करते हैं, तो हमारा दिल तेजी से पंप करता है जिससे खून का संचार भी तेजी से होता है। साथ ही इससे दिल और सांस संबधी बीमारी नहीं होती। यही नहीं रेट्रो वॉकिंग करने से युवा महिलाओं के शरीर की संरचना में भी अच्छे बदलाव आते हैं।

पैरों की मजबूती के लिए

Leg Strength
Retro Walking Benefits for Leg Strength

रेट्रो वॉकिंग करने से पैरों की मांसपेशियों में मजबूती आती है। जब आप पीछे की ओर चलते हैं, तो यह आपके क्वाड्रिसेप्स के उलटे आपके हैमस्ट्रिंग को फ्लेक्स करता है। मांसपेशियों को मजबूत करता है।

घुटनों पर पड़ता है दबाव कम

knees
knees

जो लोग ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित होते हैं उनके लिए रिवर्स वॉकिंग बेहद ही फायदेमंद होती है। ऐसे चलने से रेट्रो लोकोमोशन दर्द को कम करने और पैर को ताकत मिलती है इसके अलावा ये घुटने के दर्द को कम करने में मदद करता है। जब आप पीछे की ओर चलते हैं, तो उसके कारण घुटने में दर्द की तीव्रता कम हो जाती है।

कॉर्डिनेशन में करती है सुधार

coordination
coordination

रेट्रो वॉकिंग के लिए आपको अपनी सामान्य गति के विरुद्ध जाने की आवश्यकता होती है, यानी इस वॉकिंग में आपको अपने शरीर के बेहतर कॉर्डिनेशन की आवश्यकता होगी। रेट्रो वॉकिंग करने पर आपका दिमाग आपका बेहतर मार्गदर्शन करने पर केंद्रित रहता है। इससे आपके दिमाग और शरीर के कॉर्डिनेशन में सुधार होता है और आपको अपने अंगों और शरीर की स्थिति की बेहतर समझ रखने में मदद मिलती है।

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