Summary: गर्भावस्था में रिश्तों में संतुलन जरूरी
गर्भावस्था में रिश्तों पर बढ़ते तनाव और चुनौतियों से निपटने के लिए कपल्स थेरेपी का चलन तेजी से बढ़ रहा है।
Pregnancy Couple Therapy: किसी भी कपल्स के लिए माता-पिता बनना एक खूबसूरत सपना है जिसे वह पूरा करना चाहते हैं। लेकिन माता-पिता बनना खूबसूरत सपना होने के साथ-साथ काफी चुनौतियों के साथ भी भरा होता है जो उनके रिश्ते पर काफी असर डालता है और इसकी शुरुआत प्रेगनेंसी से ही हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान कपल्स के बीच रिश्तों में समझ, प्यार और साथ को बनाए रखने की कई चुनौतियां आती हैं। कुछ साथी इन सबको आसानी से संभाल लेते हैं पर कुछ नहीं, ऐसे में उन्हें कपल्स थेरेपी की जरूरत पड़ती है। आइए इस लेख में जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान क्यों रिश्ते में परेशानियां बढ़ती है और इसे सुलझाने में क्यों कपल्स थेरेपी का ट्रेंड बढ़ रहा है।
गर्भावस्था में रिश्ते में तनाव बढ़ने का करण

प्रेगनेंसी के दौरान महिला में कई तरह के बदलाव होते हैं इनमें से कुछ बदलाव शारीरिक तौर पर महिला को प्रभावित करते हैं तो कुछ बदलाव मानसिक रूप से प्रभावित करते हैं। यह बदलाव हैं,
हार्मोनल बदलाव: गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में तेजी से हार्मोन का बदलाव होता है जिस कारण उन्हें मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन भावनात्मक अस्थिरता जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
भविष्य की चिंता: प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं अपने करियर, आने वाली जिम्मेदारियां, भविष्य में बढ़ाने वाले आर्थिक खर्चों को सोचकर तनाव में रहती हैं। उनका फोकस इन सबको कैसे हैंडल करेंगे इस बात पर अधिक रहता है।
संवाद की कमी: रोज घर, बाहर की जिम्मेदारियां के साथ महिला नई जिम्मेदारी अपनी प्रेगनेंसी के लिए खुद को तैयार तो कर लेती है पर जब उसे परिवार या साथी से सपोर्ट नहीं मिलता, वह अपने डर और चिंता के बारे में बात नहीं कर पाती तो वह अधिक तनाव में खुद को महसूस करती है।
भावनात्मक और शारीरिक दूरी: गर्भावस्था के कारण महिला के शरीर और मानसिक बदलाव का साथी का समझना और उनका सपोर्ट ना करना भी महिला को अपने रिश्ते में दूरी का एहसास करवाता है।
प्रेगनेंसी में कपल्स थेरेपी बढ़ने का ट्रेंड
वर्तमान समय में इंटरनेट और बढ़ती तकनीकी सुविधा के कारण लोग घर बैठे ही पहले से अधिक जागरूक होने लगे हैं। ऐसे में उन्हें अपनी परेशानियों के समाधान या जवाब ढूंढने के लिए भटकने की जरूरत नहीं है, वह आसानी से अपने सवालों का ना सिर्फ जवाब पा सकते हैं बल्कि ऑनलाइन परामर्श भी ले सकते हैं। वर्तमान समय में लोग अपने मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक है, इतना ही नहीं लोग अपने रिलेशनशिप के प्रति भी पहले से ज्यादा जागरूक हो रहे हैं और वह मदद मांगने या लेने से घबराते नहीं है यही कारण है कि वर्तमान समय में कपल्स थेरेपी का ट्रेंड बढ़ रहा है।
कपल्स थेरेपी कैसे करता है प्रेगनेंसी में मदद
कई बार साथी डर, तनाव, अपेक्षाओं के बारे में एक दूसरे से नहीं कह पाते हैं लेकिन जब वह एक प्रोफेशनल से मदद लेते हैं तो वह अपने डर, तनाव, अपेक्षाओं को न सिर्फ पहचानते हैं बल्कि अपने साथी को भी साफ शब्दों में समझा पाते हैं।
अक्सर देखा जाता है साथी बातों को समझने की बजाय बहस कर लेते हैं ऐसे में जब वह प्रोफेशनल की मदद लेते हैं तो वह बिना बहस या मतभेद के एक दूसरे को अपनी बातें समझा पाते हैं।
प्रोफेशनल दोनों व्यक्ति की बातों को सुनकर सही समाधान या सुझाव देता है जो कि उनके बीच की दूरियों को कम करने में मददगार साबित होता है।
प्रोफेशनल की निगरानी में कपल्स के द्वारा खुलकर करी गई बात न सिर्फ उनके बीच मतभेद को कम करता है, बल्कि उनके तनाव को भी कम करता है। इसके अलावा प्रोफेशनल की राय के साथ वह अपने रिलेशनशिप को भी बेहतर बना पाते हैं।
