Pregnancy Care: गर्भावस्था के समय मां के किसी भी क्रिया का असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है तथा उसके विकास पर प्रभाव भी डालता है। बीते कुछ समय में गर्भावस्था के दौरान गाने सुनने या टीवी देखने का क्या असर होता है यह काफी चर्चा का विषय बन चुका है तथा इससे संबंधित काफी रिसर्च भी हुए हैं। आइए इस लेख में जानते हैं, गर्भावस्था के दौरान टीवी देखने या गाने सुनने का शिशु पर मानसिक, भावनात्मक, बौद्धिक रूप से क्या असर पड़ता है।
ध्वनि के प्रति भ्रूण की प्रतिक्रिया
गर्भावस्था के दौरान जब भ्रूण 18 से 20 सप्ताह के बीच का होता है तो उसके सुनने की क्षमता का विकास हो जाता है। मां द्वारा सुने गए ध्वनि को गर्भ में पल रहा शिशु सुन सकता है, खासकर मां की आवाज और दिल की धड़कनों को। इसका अर्थ है कि अगर गर्भवती महिला टीवी देखती है, गाने सुनती है, फोन पर कुछ सुनती है या किसी से बातचीत करती है, वह सब गर्भ में पल रहा शिशु भी सुन सकता है।
गर्भावस्था में गाने सुनने के लाभ
गर्भावस्था के दौरान जब मां कोई मधुर और शांत संगीत सुनती है तो वह प्रसन्न महसूस करती है। मां की प्रसन्नता हार्मोंस के द्वारा शिशु तक भी पहुंचता है तथा शिशु भी शांत और प्रसन्न महसूस करता है।
गर्भावस्था के दौरान शास्त्रीय संगीत या भजन सुनने से शिशु के मस्तिष्क के न्यूरॉन्स उत्तेजित होते हैं जो कि शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए जरूरी है।
शांत संगीत सुनने से गर्भावस्था के दौरान होने वाले तनाव से भी महिला को राहत मिलता है, तथा बेहतर नींद में मददगार साबित होता है।
गर्भावस्था में टीवी देखने का प्रभाव
टीवी पर तेज आवाज में डरावने, भयंकर या विभास्त दृश्य देखने से गर्भवती महिला के अंदर तनाव बढ़ता है जो कि शिशु के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

ज्यादा समय तक टीवी या फोन देखने से मानसिक एकाग्रता में कमी आती है, जिससे गर्भवती महिला का तनाव बढ़ता है।
रात के समय टीवी देखने से नींद की गुणवत्ता में कमी आती है। जिसके कारण गर्भवती महिला अधिक थका हुआ महसूस करती हैं जो कि शिशु के जन्म के बाद उसके स्वभाव को प्रभावित करता है।
गर्भावस्था के दौरान ध्यान रखें इन बातों का
टीवी देखने या गाने सुनने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें
हर दिन आप 20-30 मिनट शांत, मधुर संगीत सुने। संगीत सुनते समय आराम की स्थिति में बैठे। गाने सुनने के लिए हेडफोन का उपयोग न करें, स्पीकर पर धीमी आवाज में गाने सुने। सोने से पहले हल्की आवाज में संगीत सुनने से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है।
दिन में ज्यादा से ज्यादा 30 से 40 मिनट ही टीवी देखें तथा नकारात्मक कंटेंट ना देखें, इससे आपका तनाव बढ़ता है। टीवी को निश्चित दूरी तथा धीमी आवाज में देखें।
डीजे गानों तथा तेज आवाज से दूरी बनाएं। इस तरह की तेज ध्वनि आपकी तथा शिशु के हृदय गति को बढ़ाता है।
अत्याधिक भावनात्मक या डरावने भाव वाले दृश्य या गानों से बचें। यह आपके मूड स्विंग को ट्रिगर करता है।
