‘‘मैं शिशु के जन्म को लेकर काफी उत्साहित हूँ लेकिन इस वजह से काफी तनाव भी है।

बहुत कम पिता ऐसे होते हैं, जिन्हें इस बारे में तनाव न होता हो। यहां तक कि सैकड़ों डिलीवरी करवाने वाले डॉक्टर भी अपने शिशु के जन्म के समय घबरा जाते हैं। लेकिन वे सब अपनी घबराहट पर काबू पाकर, अपने साथी को पूरी तरह से संभालने के लिए तैयार भी हो जाते हैं। यदि आप चाइल्ड बर्थ कक्षाओं में जाएँ तो अपने डर व घबराहट पर काफी हद तक काबू पा सकते हैं।

आपको इस विषय का विशेषज्ञ बनना होगा क्योंकि जानकारी से आधा डर निकल जाता है । इंटरनेट या किताबों से इस बारे में जानकारी लें। लेबर व डिलीवरी की डीवीडी देखें। अस्पताल या बर्थ सेंटर में समय से पहले पहुँचें ताकि वहाँ के माहौल से परिचित हो सकें। अपने ऊपर इतना दबाव महसूस न करें।वहाँ आपके अलावा डॉक्टर नर्स व दाई वगैरह भी होंगे। अगर आप कुछ भूल भी गए तो वो सब संभाल लेंगे। आपकी पत्नी भी उस समय इस हालत में नहीं होगी कि आपकी किसी बात का बुरा माने या नाराजगी दिखाए। आपका वहां होना व आपका स्पर्श ही उसके लिए काफी होगा।

अब भी प्रदर्शन के लिए चिंतित हैं। अपने किसी पारिवारिक सदस्य को ले जाएँ।

‘‘खून देखते ही मेरी हालत खराब हो जाती है। डिलीवरी के वक्त क्या होगा?”

अधिकतर भावी पिता डिलीवरी के समय दिखनेवाले खून के बारे में सोचकर घबरा जाते हैं।जबकि उम्मीद यही है कि इस ओर तो आपका ध्यान तक नहीं जाएगा। शिशु को देखने की उत्सुकता इतनी हावी होगी कि कुछ और दिखाई ही नहीं देगा।

यदि खून देखते ही घबराहट हो तो अपनी साथी के चेहरे पर ध्यान दें। सब ठीक हो जाएगा।

‘‘मेरी पत्नी की डिलीवरी सीसैक्शन से होने वाली है। ऐसे में मुझे पहले से क्याक्या जानना होगा?”

सी-सैक्शन के बारे में जितना जानेंगे,आपके लिए उतना ही बेहतर होगा। आपकी प्रतिक्रिया का साथी पर गहरा असर होगा। अगर आप ही डरकर घबरा गए तो उसे सहारा कौन देगा। इस बारे में जानकारी पाना ही तनाव घटाने का सबसे बेहतर तरीका हो सकता है।दोनों मिलकर चाइल्ड बर्थ कक्षा में जाएँ व डॉक्टर से बातचीत करें।

सी-सैक्शन पूरी तरह सुरक्षित होता है।अस्पतालों में इसे और भी सहज बनाने की कोशिश की जा रही है ताकि आप लोग ऑप्रेशन के नाम से ही थर-थर काँपने न लगें।