कोरियोएमनिओनिटिस
यह क्या है?
यह एम्नियोटिक मैम्ब्रेन व द्रव्य का संक्रमण है जो कि शिशु की सुरक्षा करता है। यह बैक्टीरिया की वजह से होता है। इसे ही प्रीमेच्योर डिलीवरी व मैम्ब्रेन करने की वजह माना जाता है।
यह कितना सामान्य है?
यह 1 से 2 प्रतिशत गर्भावस्था में होता है। मैकब्रेन जल्दी फटने के बाद इस संक्रमण का खतरा बढ़ जाता सकता है क्योंकि योनि से बैक्टीरिया वहां प्रवेश कर सकते हैं। जिन महिलाओं को पहली गर्भावस्था में यह संक्रमण हो चुका हो, उन्हें दूसरी गर्भावस्था में भी ऐसा होने की संभावना बढ़ जाती है।
इसके संकेत व लक्षण क्या हैं ? :- संक्रमण की उपस्थिति की जांच के लिए कोई सादा टेस्ट नहीं किया जाता। इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं :-
- बुखार
- गर्भाशय में दर्द
- शिशु व आपकी हृदय गति बढ़ना
आप जानना चाहेंगी
यदि सही समय पर कोटियोएमनिओनिटिस को पहचान कर इलाज किया जाए तो माँ व शिशु दोनों के लिए खतरा घट जाता है।
- मैम्ब्रेन फटने पर, एम्नियोटिक द्रव का रिसाव
- मैम्ब्रेन न फटने पर, दुर्गंधयुक्त योनिस्राव
- सफेद रक्तकणों की संख्या बढ़ना
आप व आपका डॉक्टर क्या कर सकते हैं? किसी भी तरह के दुर्गंधयुक्त स्राव का पता चलते ही डॉक्टर को बताएँ ताकि संक्रमण रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स दिए जा सकें। जल्दी से डिलीवरी की जाएगी व उसके बाद भी शिशु व आपको एंटीबायोटिक्स दिए जाएँगे ताकि आपको व शिशु को दोबारा संक्रमण न हो सके।
ओलिगोहाइड्रामनिओस
यह क्या है? इस अवस्था में शिशु के आसपास एम्नियोटिक द्रव्य की कमी हो जाती है। यह तीसरी तिमाही के अंत में होता है हालांकि ऐसा पहले भी हो सकता है। वैसे तो ऐसी महिलाओं की गर्भावस्था सामान्य होती है बस गर्भ नाल की वजह से थोड़ी परेशानी हो सकती है। कई बार इसकी वजह से यह भी पता चलता है कि शिशु की बढ़त में कोई कमी है।
यह कितना सामान्य है? प्रायः 4 से 8 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में यह रोग पाया जाता है। यदि प्रसव की अनुमानित तिथि निकल जाए तो ऐसे मामलों की संख्या 12 प्रतिशत तक पहुँच जाती है।
इसके संकेत व लक्षण क्या हैं? माता में कोई लक्षण नहीं दिखते किंतु गर्भावस्था का आकार सामान्य से छोटा होता है। एम्नियोटिक द्रव्य की मात्रा भी कम होती है। कुछ मामलों में शिशु की हलचल भी थोड़ी घट सकती है।
आप व आपके डॉक्टर क्या कर सकते हैं? ढेर सा आराम करें व खूब पानी पीएं। एम्नियोटिकद्रव्य की मात्रा का ध्यान रखा जाएगा। यदि मामला न संभले तो डॉक्टर जल्दी डिलीवरी की सलाह भी दे सकते हैं।
हाइड्रमनिओस
यह क्या है? शिशु के आसपास एम्नियोटिकद्रव्य की मात्रा जरूरत से ज्यादा हो जाती है। हालांकि बिना किसी इलाज के इसका संतुलन कायम हो जाता है।
यदि जमाव ज्यादा हो तो यह शिशु में स्नायु तंत्र, गैस्टेशनल विकृति या निकलने की क्षमता में कमी का सूचक हो सकता है। इससे मैम्ब्रेन जल्दी फटने, प्रीटर्म लेबर, प्लेसेंटलएवरप्शन, ब्रीच या गर्भनाल के प्रोलैप्स होने का खतरा बढ़ जाता है।
यह कितना सामान्य है? :- यह उसे 4 प्रतिशत गर्भावस्थाओं में होता है। यदि शिशु जुड़वां हो या माँ की मधुमेह का इलाज न हो तो, ऐसा हो सकता है।
इसके संकेत व लक्षण क्या हैं? :- इसके कुछ खास लक्षण नहीं होते‒
- शिशु की हलचल का ज्यादा पता नहीं चलता
- गर्भाशय का आकार काफी बढ़ जाता है
- पेट के निचले हिस्से में तकलीफ
- अपच
- टाँगों में सूजन
- सांस लेने में तकलीफ
- गर्भाशय संकुचन
- डॉक्टर द्वारा भीतरी जांच या अल्ट्रासाउंड के दौरान इसका पता चलता है।
आप व आपके डॉक्टर क्या कर सकते हैं? जब तक द्रव्य का जमाव ज्यादा रहेगा आपको लगातार डॉक्टर के पास जांच के लिए जाना होगा यदि जमाव गंभीर हुआ तो आपको एमनियोसेंटेसिस करवाना पड़ सकता है। यदि लेबर से पहले ही पानी की थैली फट जाए तो डॉक्टर को बुलाने में देर न करें।
