हमेशा की तरह याद रखें कि हर गर्भावस्था अपने-आप में अनूठी होती है। और हर महिला भी अलग होती है। आप एक ही समय में या फिर अलग-अलग साल में इन सभी लक्षणों को महसूस कर सकती हैं। कुछ लक्षण तो पिछले महीने से चल रहे होंगे और कुछ नए लगेंगे। इसके अलावा कुछ ऐसे लक्षण भी हो सकते हैं जो सामान्य न हों। इस महीने आप निम्नलिखित लक्षणों को महसूस कर सकती हैं।
शारीरिक
- थकान, ऊर्जा की कमी, उनींदापन
- बार-बार मूत्र के लिए जाने की इच्छा
- उबकाई-, उल्टी या उल्टी के बिना
- अधिक लार बनना
- कब्ज
- छाती में जलन, अपच, अफारा
- भोजन की पसंद-नापसंद
- भूख खुलना, अगर मॉर्निंग सिकनेस ठीक हो जाएं
- ब्रेस्ट में बदलाव-भारीपन, संवेदनशीलता,छाती के निप्पल के आसपास का रंग गहराना, उस हिस्से पर हल्के गूमड़ उभरना,त्वचा के नीचे नीली रेखाओं के जाल का फैलाव
- पेट, टांगों या शरीर के कुछ अंगों पर नसें दिखना
- योनि स्राव में हल्की बढ़त
- कभी-कभी सिर में दर्द होना
- कभी-कभी सिर चकराना
- पेट की हल्की गोलाई, कपड़े तंग महसूस होना
- भावनात्मक उतार-चढ़ाव, मूड अच्छा होनाया बिगड़ना, अचानक रोने का मन करना, बेचैनी, चिड़चिड़ापन
- ईर्ष्या, भय, आनंद आदि भाव प्रकट होना
- शांति का नया एहसास
- गर्भावस्था के न होने का भय..
एक नजर
इस माह आपके गर्भाशय का आकार ग्रेपप्रफूट से बड़ा होगा और कमर मोटी होने लगेगी माह के अंत में, आपकी व्यूनिक बोन के उफपर पेट के निचले हिस्से में गर्भाशय को महसूस किया जा सकता है।
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