बारिश के मौसम के आते ही कई तरह की बीमारियाँ भी साथ में आती हैं। उमस और चिपचिपाती हुई गर्मी कई तरह के इन्फेक्शन को जन्म देती है। ऐसे में यदि हमारे शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो तो ये बहुत जल्द ही हमें अपनी चपेट में ले लेते हैं और फिर शुरू हो जाते हैं अस्पतालों के चक्कर लगना। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी अपनी किचन में कई ऐसे मसाले हैं जो हमारे शरीर को फिट रख सकते हैं। ये मसाले मानसून में होने वाली बीमारियों से तो बचाते ही हैं साथ ही शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ाते हैं।
हल्दी
हल्दी के औषधीय गुणों से हम सभी परिचित हैं। इसमें एंटी इन्फ़्लामेटरी गुण से लेकर एंटी कैंसरजन्य गुण तक पाये जाते हैं। इसका उपयोग दवाओं के साथ-साथ कई सौंदर्य प्रसाधनों में भी होता है। यह मसाला शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करता है तथा बाहरी रोगों और इन्फेक्शन से रक्षा करता है। रोजाना हल्दी लेने से सर्दी-जुखाम और खांसी में आराम मिलता है। रात में सोने से पहले गुनगुने दूध में हल्दी डालकर पीने से सभी तरह के रोगों और दर्द में आराम मिलता है।
दालचीनी
यह वंडर स्पाइस सेहत और खूबसूरती दोनों ही चीजों के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसमें बहुत से चिकित्सकीय गुण पाये जाते हैं। यह मसाला शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती प्रदान करता है और रोगों से लड़ने में मदद करता है। दालचीनी का उपयोग जोड़ों के दर्द और गठिया से पीड़ित मरीजों के लिए बहुत लाभदायक है। यह वजन घटाने में भी मदद करती है। दालचीनी की चाय पीने से सर्दी- जुखाम और बुखार में आराम मिलता है।
काली मिर्च
काली मिर्च में कई सारे पोषक तत्व पाये जाते हैं जैसे- फोस्फोरस, मैगनीज, विटामिन के आदि। फ्लैवोनोइड्स और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर काली मिर्च लेने से शरीर स्वस्थ रहता है। यह शरीर को कई रोगों से बचाता है और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती देता है। इसका उपयोग भारतीय आहार में चाय से लेकर लगभग हर व्यंजन को बनाने में किया जाता है। यह सर्दी- जुखाम, गले की खराश को ठीक करने के लिए बहुत अच्छी औषधि है।
लौंग
एंटि इन्फलामेटरी, एंटि सेप्टिक और एंटी ओक्सीडेंट गुणों के कारण लौंग का प्रयोग सेहत के लिए बहुतायत से किया जाता है। सर्दी, खांसी और गले के दर्द में यह बहुत ही जल्दी अपना इफैक्ट डालती है। यह शरीर की इम्यूनिटी मजबूत कर उसे कई इन्फेक्शन और रोगों से लड़ने के लिये तैयार करता है। यह मसूड़ों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है।
